इंदौर। नव वर्ष 2022 हर किसी के लिए कुछ नया लेकर आने वाला है, कुछ ऐसी ही उम्मीद इंदौर के चिड़ियाघर को लेकर भी है, जहां इस साल टाइगर, शेर, हिप्पो और ऑस्टरिच के अलावा रसेल वाइपर के कुनबे में वृद्धि होने वाली है, जिसकी तैयारियां अभी से चिड़ियाघर में चल रही है. जिस तेजी से चिड़ियाघर में दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ रही है, उसी अनुपात में वन्य प्राणियों की संख्या (New guests ready to come Indore Zoo in new year) में भी लगातार वृद्धि देखी जा रही है.
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वन्यप्राणियों की संख्या वृद्धि का ये है प्लान
चिड़ियाघर प्रबंधन एनिमल मैनेजमेंट के साथ ही वन्य प्राणियों की जनसंख्या वृद्धि के लिए डाइट प्लान, वेटरनरी सेवाएं, न्यूट्रीशन और हेल्थ केयर के साथ ही वैक्सीनेशन और जोड़े के लिए सुरम्य माहौल उपलब्ध करा रहा है, लिहाजा यहां इस साल फिर टाइगर, लॉयन, एलीफैंट, हिप्पोपोटामस, ऑस्टरिच और रसेल वाइपर की संख्या बढ़ने वाली है, इसके अलावा कई पक्षियों और अन्य प्राणियों में भी ब्रीडिंग सीजन के बाद चिड़ियाघर (indore Zoo ready to welcome new guests after breeding season) में नए मेहमान आएंगे.
साल में 22 से 24 लाख दर्शनार्थी पहुंचते हैं जू
सेंट्रल जोन में इंदौर का चिड़ियाघर इकलौता ऐसा प्राणी संग्रहालय है, जहां आम दिनों में ही वन्य प्राणियों को देखने पहुंचने वाले दर्शनार्थियों की संख्या 15 से 20000 होती है, यहां प्रति दर्शक ₹20 की दर से प्राणी संग्रहालय में प्रवेश शुल्क की व्यवस्था है, इस हिसाब से संग्रहालय को हर साल 3 से 4 करोड़ रुपए का राजस्व भी प्राप्त हो रहा है, जोकि अन्य राज्यों के बड़े प्राणी संग्रहालय से दोगुने के बराबर है.
इंदौर जू में एनिमल एक्शन प्रोग्राम जारी
सेंट्रल जू अथॉरिटी के निर्देशानुसार इंदौर में वन्य प्राणियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर एनिमल एक्शन प्रोग्राम के तहत इंदौर से ही अन्य प्राणियों के बदले यहां गिर शेर लाने की कोशिश हो रही है, इसके पहले यहां सफेद शेर (king of jungle will roar at Indore Zoo) लाए गए हैं, जिनके कुनबे ने भी इंदौर में वृद्धि की है, इसके अलावा वन विभाग एवं अन्य माध्यमों से जो वन्य प्राणी यहां लाए जाते हैं, उनकी भी अच्छी देखभाल और न्यूट्रिशन के कारण वृद्धि की संभावना बनी रहती है.
इंदौर जू में बंदरों के लिए अलग व्यवस्था
इंदौर के चिड़ियाघर में तरह-तरह के मंकी के लिए अलग से पूरा जोन तैयार किया जा रहा है, इसकी जरूरत इसलिए भी महसूस की जा रही थी क्योंकि यहां मंकी की संख्या लगातार बढ़ रही है, लिहाजा पूरा पिंजरा अलग से तैयार हो रहा है, जिसमें विभिन्न प्रकार की सुविधाएं बंदरों को अपने आवास क्षेत्र में ही आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी.