इंदौर। मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के बाद अब बीजेपी और कांग्रेस पार्टी सरकार बनाने के समीकरण खोजने में लगी हुई है. इसी को लेकर दोनों ही पार्टियां अपने मौजूदा विधायकों को संभालने और दूसरी पार्टी के विधायकों से संपर्क करती नजर आ रही हैं.
बीजेपी के एक नेता ने कांग्रेस के विधायकों को एकजुट रहने की नसीहत दी थी, तो दूसरी ओर कांग्रेस के विधायक खुद एकजुट होने का दावा कर रहे हैं. देपालपुर से कांग्रेस विधायक विशाल पटेल का कहना है, 'हमें एकजुट होने की आवश्यकता नहीं है. कांग्रेस पार्टी का हर कार्यकर्ता एकजुट है और पार्टी पूरी तरह से जीत के लिए आश्वस्त है.' वहीं 11 नवंबर को होने वाली कांग्रेस की विधायक दल की बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि, 'अगर कमलनाथ को इस प्रकार का कोई डर होता, तो वह पहले ही इस संबंध में बैठक बुला लेते.'
विधायक ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, 'फिलहाल डर बीजेपी और शिवराज सिंह चौहान में नजर आ रहा है. हार के डर से बीजेपी कांग्रेस के विधायकों को किसी ना किसी तरह से परेशान कर रही है. या तो उनके व्यापार में बाधा डाल रही है या उन पर दबाव बनाने का काम कर रही है.'
आरिफ मसूद के कॉलेज तोड़ने की घटना पर कांग्रेस विधायक ने कहा, 'इस प्रकार की घटना से कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी का डर सामने आ रहा है कि पार्टी हारने वाली है और कांग्रेस अब सत्ता में आने वाली है.'
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दरअसल, बीजेपी के नेताओं द्वारा लगातार यह आरोप लगाए जा रहे थे कि, कांग्रेस के विधायकों को एक बार फिर से एकजुट किया जा रहा है, ताकि कोई विधायक टूटकर बीजेपी में ना जा सकें. हालांकि कांग्रेस विधायक का कहना है कि, 'सिर्फ कमलनाथ द्वारा विधायक दल की बैठक के लिए विधायकों से बात की जा रही है.'