इंदौर। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से करीब 80 फीसदी मजदूर पलायन कर चुका है. ऐसे में अब उद्योगिक इकाइयों की भी चिंताएं बढ़ गईं हैं. उद्योग व्यापारियों ने मजदूरों की वापसी को लेकर अब योजना बनाना शुरू कर दिया है.
इंदौर में काम करने के लिए अन्य राज्यों से आए मजदूरों की घर वापसी से शहर की औद्योगिक इकाइयों पर गहरा असर पड़ा है. शहर की इकाइयों में काम करने वाले मजदूरों की कमी हो गई है. लगातार जारी लॉक डाउन के चलते इंदौर की औद्योगिक इकाइयां बंद थी. हालांकि शहर के बड़े व्यापारियों का दावा है कि उन्होंने मजदूरों के रहने और खाने की पूरी व्यवस्था की थी, लेकिन दूसरे मजदूरों की देखा-देखी से मजदूरों ने अपने घर की ओर जाना शुरु कर दिया.
कई कारखाना मालिक मजदूरों को वापस लाने के लिए फोन पर चर्चा कर रहे हैं, जिससे औद्योगिक इकाइयों के काम पर प्रभाव ना पड़े. मजदूरों के पलायन से उन उद्योगों पर भारी संकट आ चुका है, जिनको अपनी यूनिट चालू करने की परमिशन मिल गई है. लेकिन मजदूरों के बिना काम रुका हुआ है.