इंदौर। लम्बे समय से नगर निगम के पास दैनिक खर्च चलाने के लिए धन कमी हो रही है. इसके साथ ही आर्थिक तंगी के कारण समय पर निर्माण एजेंसियों के ठेकेदारों को भुगतान नहीं होने के चलते शहर के कई विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं. ऐसे में शहर के विकास के लिए अग्रिम कर चुकाने वाले करदाताओं ने अपना सहयोग देकर शहर के विकास को गति देने का काम किया है.
80 प्रतिशत राशि वसूली का लक्ष्य: निगम आयुक्त हर्षिका सिंह ने बताया कि ''निगम अब तक बड़े बकायादारों से कर वसूली का लक्ष्य तय करता था. 50 हजार से कम वाले बकायादारों पर निगम ध्यान नहीं देता था, इसलिए कर की वसूली कम होती थी. लेकिन अब इस नीति में परिर्वतन कर दिया है. पिछले तीन माह से नगर निगम छोटे बकायादारों से कर जमा करने का आग्रह कर रहा है. जिससे प्रतिमाह टैक्स संग्रहण का आकड़ा 64 करोड़ तक पहुंच गया है. इस साल निगम ने बकाया कर की 80 प्रतिशत राशि वसूली का लक्ष्य रखा है. अभी तक नगर निगम 1800 करोड़ के बकाया टैक्स में से 700 से 800 करोड़ रूपए तक ही वसूल कर पाता था.''
साल गुजरने के पहले ही टैक्स: दरअसल इंदौर ऐसा शहर है जहां लोग शहर के विकास के नाम पर बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. ऐसे में जब नगर निगम ने शहर वासियों से अग्रिम कर जमा करने का अनुरोध किया तो शहर वासियों ने भी निगम का सहयोग किया. उसके बाद शहर के सभी जोन कार्यालयों में शिविर लगाया जाए जिसके फलस्वरूप अग्रिम कर के रूप में नगर निगम को ₹160 मिले हैं.
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इस साल 1200 करोड़ का लक्ष्य: निगम ने पहली बार शहर की 100 से अधिक कॉलानियों, बाजारों, झोन और मल्टी में शिविर लगाए. शहरवासी इस पहल से प्रेरित हुए क्योंकि इसके लिए उनको नगर निगम मुख्यालय और जोन कार्यायल के चक्कर नहीं काटने पड़े, निगम खुद ही उनके पास पहुंच गया. निगम आयुक्त के निर्देशनुसार यह नीति आगे भी जारी रहेगी और इस साल निगम 1200 करोड़ रूपए की कर वसूली करेगा.
करदाताओं का होगा सम्मान: इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक, जिन शहर वासियों ने अग्रिम टैक्स जमा किया है, उन्हें लकी ड्रा के माध्यम से पुरस्कृत किया जाएगा. वहीं, जिस प्रकार शहर वासियों ने निगम को सहयोग किया है उसी प्रकार शहर के विकास में भी कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.