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इंदौर पुलिस की वेबसाइट हैक करने वाला हुआ ट्रेस, पाकिस्तान के हैकर ने Website पर लिखा था- Free Kashmir

बीते दिनों इंदौर पुलिस की वेबसाइट को हैक करने वाले आरोपी का पुलिस ने पता लगा लिया है. आरोपी ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बैठकर वेबसाइट को हैक किया था. पुलिस ने आरोपी की लोकेशन को ट्रेस कर लिया है, लेकिन आरोपी पुलिस की पकड़ से अभी दूर है.

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Published : Jul 27, 2021, 2:36 AM IST

इन्दौर। पिछले दिनों पुलिस की वेबसाइट होने के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हैकर को ट्रेस कर लिया है. आरोपी ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बैठकर वेबसाइट को हैक किया था. पुलिस आरोपी को पकड़ने की कोशिश में जुटी हुई है, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है.

पाकिस्तान के हैकर ने हैक की थी वेबसाइट
मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी मोहम्मद बिलाल ने वेबसाइट को हैक किया था. आरोपी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का रहने वाला है. पुलिस ने आरोपी के ठिकाने का तो पता लगा लिया, लेकिन पुलिस अभी तक आरोपी को पकड़ नहीं सकी है. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ सकता है. फिर भी पुलिस आरोपी तक नहीं पहुंच सकती. मामला पाकिस्तान से जुड़ा होने के कारण कई तरह की सरकारी नीतियां पुलिस की कार्रवाई में बाधक बन सकती हैं. ऐसे में पुलिस आरोपी पर केवल निगरानी कर सकती है, कार्रवाई नहीं.

पुलिस की गिरफ्त से अभी भी दूर हैं ऐसे कई आरोपी
साल 2018 में नारकोटिक्स विभाग ने मैथाडॉन के मामले में एक आरोपी विशाल नागौरी को गिरफ्तार किया था. उसके पास से 40 लाख से अधिक की मैथाडॉन ड्रग्स बरामद हुई थी. पूछताछ में उसने मुंबई के तस्कर तौसीफ खान के माध्यम से सप्लाई की बात कबूली थी. पुलिस ने जब तौसीफ को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने वेस्टइंडीज के आरोपी की जानकारी दी. पुलिस वेस्टइंडीज तक तो नहीं पहुंच सकती थी इसलिए नारकोटिक्स विभाग ने तौसीफ को मुख्य आरोपी बनाकर मामले को खत्म कर दिया.

नीतेश नागोरी अपहरण कांड का आरोपी भी है विदेश में
साल 2005 में डेली कॉलेज के छात्र नितेश नागोरी का अपहरण हो गया था. इस पूरे मामले में पुलिस ने नितेश के दोस्त धुर्व माहेश्वरी के साथ ही अहमद खान, इदरीश ,जोगिंदर सिंह और गौरव शिवहरे को गिरफ्तार किया था, लेकिन इस अपहरण का मास्टरमाइंड इस्माइल सऊदी अरब में बैठा हुआ था. उसके खिलाफ पुलिस ने रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था. इस पूरे मामले में जो आरोपी पकड़ाए उन्हें पुलिस ने कोर्ट के समक्ष पेश कर मामले को इतिश्री कर दिया.

कई भू-माफिया भी हैं पुलिस गिरफ्त से दूर
कई भूमाफिया भी विदेश में छुपे हुए हैं. उन्हें पुलिस अभी तक नहीं पकड़ पाई है. इसी कड़ी में आरोपी निखिल कोठारी बेस्ट वेस्टर्न होटल के मामले में कई वर्षों से फरार है. हालांकि उसके साथ के आरोपी जीतू सोनी सहित अन्य आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. निखिल के लिए पुलिस कई तरह के अलर्ट जारी कर चुकी है, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है.

इसी के साथ एक अन्य आरोपी नीलेश अजमेरा भी विदेश में छुपा बैठा है. उसे भी पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पायी है. नीलेश अजमेरा पर 2014 में फिनिक्स टाउनशिप के मामले में प्रकरण दर्ज किया गया था. उसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय इंटेलिजेंस एजेंसी इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर चुकी है.

कई ऐसे और आरोपी है जो पुलिस की गिरफ्त से फरार है--:
साल 2017 में इंडेक्स कॉलेज के डायरेक्टर सुरेश भदौरिया को भी मुंबई के छोटा राजन गिरोह के शूटर विक्की ने विदेश में बैठकर धमकी दी थी. इस पूरे मामले में पुलिस ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, लेकिन अभी भी पुलिस की गिरफ्त से आरोपी फरार है. इसी तरह राम जी कालसागरा के खिलाफ भी नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी (एनआईए) ने जांच पड़ताल शुरू की थी, लेकिन लाख प्रयास करने के बाद भी राम जी कलसागर पुलिस गिरफ्त से फरार हैं. पिछले 13 वर्षों से वह भूमिगत है. उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है.

समय-समय पर आरोपियों के खिलाफ जारी होते हैं नोटिस
जितने भी आरोपियों पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है. वह केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ ही इंदौर पुलिस की गिरफ्त से काफी दूर हैं. उन सभी के खिलाफ समय-समय पर विभिन्न जांच एजेंसियां लुकआउट नोटिस के साथ ही रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी करती हैं.

क्या होता है लुक आउट नोटिस
बता दें कि लुकआउट नोटिस उन लोगों के खिलाफ जारी किया जाता है, जिनके विदेश भागने की संभावना रहती है. लुक आउट नोटिस जारी होने के बाद भगोड़े विदेश नहीं भाग सकते हैं. जैसे ही वह विदेश भागने की कोशिश करेंगे. तो संबंधित एयरपोर्ट अथॉरिटी भगोड़े के बारे में जानकारी केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ ही संबंधित एजेंसी को दे देंगी. उसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

क्या होता है रेड कॉर्नर नोटिस
रेड कॉर्नर नोटिस उन आरोपियों के खिलाफ जारी किया जाता है, जो देश छोड़कर विदेशों में जा चुके हैं. रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद विदेश की पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस के हवाले या संबंधित एजेंसियों को सौंप देती हैं.

इन्दौर पुलिस की वेब साइट हैक! फ्री कश्मीर की मांग के साथ पीएम मोदी पर की विवादित टिप्पणी

फिलहाल पुलिस ऐसे मामलों में आरोपी को विभिन्न जगहों पर ट्रेस तो कर लेती है, लेकिन विभिन्न तरह की जांच पड़ताल व अन्य तरह के बन्दिशें होने के कारण पुलिस उनको गिरफ्तार करने से दूर ही रहती है. फिलहाल पुलिस उनके वापस इंदौर लौटने या देश लौटने की जुगाड़ में रहती है. उसके बाद उन पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही जाती है.

इन्दौर। पिछले दिनों पुलिस की वेबसाइट होने के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हैकर को ट्रेस कर लिया है. आरोपी ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बैठकर वेबसाइट को हैक किया था. पुलिस आरोपी को पकड़ने की कोशिश में जुटी हुई है, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है.

पाकिस्तान के हैकर ने हैक की थी वेबसाइट
मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी मोहम्मद बिलाल ने वेबसाइट को हैक किया था. आरोपी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का रहने वाला है. पुलिस ने आरोपी के ठिकाने का तो पता लगा लिया, लेकिन पुलिस अभी तक आरोपी को पकड़ नहीं सकी है. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ सकता है. फिर भी पुलिस आरोपी तक नहीं पहुंच सकती. मामला पाकिस्तान से जुड़ा होने के कारण कई तरह की सरकारी नीतियां पुलिस की कार्रवाई में बाधक बन सकती हैं. ऐसे में पुलिस आरोपी पर केवल निगरानी कर सकती है, कार्रवाई नहीं.

पुलिस की गिरफ्त से अभी भी दूर हैं ऐसे कई आरोपी
साल 2018 में नारकोटिक्स विभाग ने मैथाडॉन के मामले में एक आरोपी विशाल नागौरी को गिरफ्तार किया था. उसके पास से 40 लाख से अधिक की मैथाडॉन ड्रग्स बरामद हुई थी. पूछताछ में उसने मुंबई के तस्कर तौसीफ खान के माध्यम से सप्लाई की बात कबूली थी. पुलिस ने जब तौसीफ को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने वेस्टइंडीज के आरोपी की जानकारी दी. पुलिस वेस्टइंडीज तक तो नहीं पहुंच सकती थी इसलिए नारकोटिक्स विभाग ने तौसीफ को मुख्य आरोपी बनाकर मामले को खत्म कर दिया.

नीतेश नागोरी अपहरण कांड का आरोपी भी है विदेश में
साल 2005 में डेली कॉलेज के छात्र नितेश नागोरी का अपहरण हो गया था. इस पूरे मामले में पुलिस ने नितेश के दोस्त धुर्व माहेश्वरी के साथ ही अहमद खान, इदरीश ,जोगिंदर सिंह और गौरव शिवहरे को गिरफ्तार किया था, लेकिन इस अपहरण का मास्टरमाइंड इस्माइल सऊदी अरब में बैठा हुआ था. उसके खिलाफ पुलिस ने रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था. इस पूरे मामले में जो आरोपी पकड़ाए उन्हें पुलिस ने कोर्ट के समक्ष पेश कर मामले को इतिश्री कर दिया.

कई भू-माफिया भी हैं पुलिस गिरफ्त से दूर
कई भूमाफिया भी विदेश में छुपे हुए हैं. उन्हें पुलिस अभी तक नहीं पकड़ पाई है. इसी कड़ी में आरोपी निखिल कोठारी बेस्ट वेस्टर्न होटल के मामले में कई वर्षों से फरार है. हालांकि उसके साथ के आरोपी जीतू सोनी सहित अन्य आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. निखिल के लिए पुलिस कई तरह के अलर्ट जारी कर चुकी है, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है.

इसी के साथ एक अन्य आरोपी नीलेश अजमेरा भी विदेश में छुपा बैठा है. उसे भी पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पायी है. नीलेश अजमेरा पर 2014 में फिनिक्स टाउनशिप के मामले में प्रकरण दर्ज किया गया था. उसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय इंटेलिजेंस एजेंसी इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर चुकी है.

कई ऐसे और आरोपी है जो पुलिस की गिरफ्त से फरार है--:
साल 2017 में इंडेक्स कॉलेज के डायरेक्टर सुरेश भदौरिया को भी मुंबई के छोटा राजन गिरोह के शूटर विक्की ने विदेश में बैठकर धमकी दी थी. इस पूरे मामले में पुलिस ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, लेकिन अभी भी पुलिस की गिरफ्त से आरोपी फरार है. इसी तरह राम जी कालसागरा के खिलाफ भी नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी (एनआईए) ने जांच पड़ताल शुरू की थी, लेकिन लाख प्रयास करने के बाद भी राम जी कलसागर पुलिस गिरफ्त से फरार हैं. पिछले 13 वर्षों से वह भूमिगत है. उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है.

समय-समय पर आरोपियों के खिलाफ जारी होते हैं नोटिस
जितने भी आरोपियों पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है. वह केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ ही इंदौर पुलिस की गिरफ्त से काफी दूर हैं. उन सभी के खिलाफ समय-समय पर विभिन्न जांच एजेंसियां लुकआउट नोटिस के साथ ही रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी करती हैं.

क्या होता है लुक आउट नोटिस
बता दें कि लुकआउट नोटिस उन लोगों के खिलाफ जारी किया जाता है, जिनके विदेश भागने की संभावना रहती है. लुक आउट नोटिस जारी होने के बाद भगोड़े विदेश नहीं भाग सकते हैं. जैसे ही वह विदेश भागने की कोशिश करेंगे. तो संबंधित एयरपोर्ट अथॉरिटी भगोड़े के बारे में जानकारी केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ ही संबंधित एजेंसी को दे देंगी. उसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

क्या होता है रेड कॉर्नर नोटिस
रेड कॉर्नर नोटिस उन आरोपियों के खिलाफ जारी किया जाता है, जो देश छोड़कर विदेशों में जा चुके हैं. रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद विदेश की पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस के हवाले या संबंधित एजेंसियों को सौंप देती हैं.

इन्दौर पुलिस की वेब साइट हैक! फ्री कश्मीर की मांग के साथ पीएम मोदी पर की विवादित टिप्पणी

फिलहाल पुलिस ऐसे मामलों में आरोपी को विभिन्न जगहों पर ट्रेस तो कर लेती है, लेकिन विभिन्न तरह की जांच पड़ताल व अन्य तरह के बन्दिशें होने के कारण पुलिस उनको गिरफ्तार करने से दूर ही रहती है. फिलहाल पुलिस उनके वापस इंदौर लौटने या देश लौटने की जुगाड़ में रहती है. उसके बाद उन पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही जाती है.

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