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Indore Pension Scam पेंशन घोटाले पर कैलाश विजयवर्गीय मौन, केस के लिए कांग्रेस की कवायद जारी

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Published : Sep 4, 2022, 6:52 AM IST

Updated : Sep 4, 2022, 9:09 AM IST

इंदौर नगर निगम के चर्चित पेंशन घोटाले में जहां कोर्ट ने कैलाश विजयवर्गीय को राहत दी है. वहीं कांग्रेस इस मामले को एक बार फिर नए सिरे से उठाने वाली है. कांग्रेस ने मामले में फिर याचिका दाखिल की है तो वहीं कैलाश विजयवर्गीय ने इसे राजनीतिक षड़यंत्र बताया है.Indore Pension Scam, kailash vijayvargiya, bjp national general secretary

kailash vijayvargiya
कैलाश विजयवर्गीय

इंदौर। इंदौर नगर निगम में पेंशन घोटाले के रूप में चर्चित मामले में जहां कांग्रेस को बीते 17 सालों से असफलता हाथ लगी है. वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस के आरोप झेलने वाले बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इसे एक षड्यंत्र मानकर चर्चा नहीं करना चाहते. बावजूद इसके कांग्रेस इस मामले में केस दर्ज कराने की कवायद अब भी जारी रखे हुए है. लिहाजा कांग्रेस की ओर से इस मामले में फिर याचिका दाखिल की गई है.

कैलाश विजयवर्गीय रहे मौन

कैलाश विजयवर्गीय सहित 13 के खिलाफ शिकायत

इंदौर के बहुचर्चित पेंशन घोटाले की शिकायत कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने 2005 में की थी. इस मामले में जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मिश्रा ने हाई कोर्ट में अपनी ओर से परिवाद दाखिल किया था. इसके बाद राज्य शासन ने इस मामले में अभियोजन स्वीकृति नहीं दी थी. इस परिवाद में केके मिश्रा की ओर से कैलाश विजयवर्गीय के अलावा तत्कालीन महापौर उमा शशि शर्मा, विधायक रमेश मेंदोला, ललित पोरवाल, शंकर लालवानी, समीर चिटनिस, कल्याण देवांग, मधु वर्मा, उस्मान पटेल, मेघा खानविलकर, सूरज केरो, नीतीश व्यास और तत्कालीन प्रमुख सचिव नगरी प्रशासन संजय शुक्ला समेत वीके जैन आदि के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की अपील की गई थी, लेकिन परिवाद में जनप्रतिनिधियों के अलावा आईएएस स्तर के अधिकारी होने के कारण हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए राज्य शासन की अभियोजन स्वीकृति जरूरी थी. इसके बाद इस मामले में जितनी भी सुनवाई हुई, सभी में अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली.

MP: बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव को राहत, सरकार ने नहीं दी अभियोजन की मंजूरी, हाईकोर्ट की शरण में कांग्रेस

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा पेंशन घोटाला राजनीतिक षड़यंत्र

लिहाजा हाई कोर्ट ने इस मामले को अपर सत्र न्यायाधीश इंदौर की कोर्ट को भेज दिया था. यहां भी कई पेशियों के बावजूद केके मिश्रा इस प्रकरण में राज्य शासन की अभियोजन स्वीकृति दाखिल नहीं कर पाए. हाल ही में 22वें अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश राय की कोर्ट ने इस मामले को यह कहते हुए बंद किया है कि अभियोजन स्वीकृति आने पर इस मामले में सुनवाई हो सकेगी. कोर्ट के फैसले के बाद जहां कैलाश विजयवर्गीय समेत अन्य जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने राहत जताई है. वहीं कांग्रेस अब इस मामले को नए सिरे से उठाने की तैयारी में है. कांग्रेस नेता केके मिश्रा का आरोप है कि इस मामले में क्योंकि कैलाश विजयवर्गीय समेत अन्य लोग फंसे हैं, इसलिए मुख्यमंत्री संबंधों को बचाने के लिए अभियोजन स्वीकृति नहीं दे रहे हैं. वहीं अब नए सिरे से हाईकोर्ट में परिवाद दाखिल किया जा रहा है, इधर इस मामले में खुद कैलाश विजयवर्गीय कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. पेंशन घोटाले के सवाल पर उन्होंने सिर्फ इसे राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया है. ऐसे में देखना होगा कि बीते 17 सालों से संघर्ष कर रही कांग्रेस की कोशिश अभियोजन स्वीकृति के लिए कितनी सफल हो पाएगी.(Indore Pension Scam, kailash vijayvargiya, bjp national general secretary

इंदौर। इंदौर नगर निगम में पेंशन घोटाले के रूप में चर्चित मामले में जहां कांग्रेस को बीते 17 सालों से असफलता हाथ लगी है. वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस के आरोप झेलने वाले बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इसे एक षड्यंत्र मानकर चर्चा नहीं करना चाहते. बावजूद इसके कांग्रेस इस मामले में केस दर्ज कराने की कवायद अब भी जारी रखे हुए है. लिहाजा कांग्रेस की ओर से इस मामले में फिर याचिका दाखिल की गई है.

कैलाश विजयवर्गीय रहे मौन

कैलाश विजयवर्गीय सहित 13 के खिलाफ शिकायत

इंदौर के बहुचर्चित पेंशन घोटाले की शिकायत कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने 2005 में की थी. इस मामले में जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मिश्रा ने हाई कोर्ट में अपनी ओर से परिवाद दाखिल किया था. इसके बाद राज्य शासन ने इस मामले में अभियोजन स्वीकृति नहीं दी थी. इस परिवाद में केके मिश्रा की ओर से कैलाश विजयवर्गीय के अलावा तत्कालीन महापौर उमा शशि शर्मा, विधायक रमेश मेंदोला, ललित पोरवाल, शंकर लालवानी, समीर चिटनिस, कल्याण देवांग, मधु वर्मा, उस्मान पटेल, मेघा खानविलकर, सूरज केरो, नीतीश व्यास और तत्कालीन प्रमुख सचिव नगरी प्रशासन संजय शुक्ला समेत वीके जैन आदि के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की अपील की गई थी, लेकिन परिवाद में जनप्रतिनिधियों के अलावा आईएएस स्तर के अधिकारी होने के कारण हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए राज्य शासन की अभियोजन स्वीकृति जरूरी थी. इसके बाद इस मामले में जितनी भी सुनवाई हुई, सभी में अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली.

MP: बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव को राहत, सरकार ने नहीं दी अभियोजन की मंजूरी, हाईकोर्ट की शरण में कांग्रेस

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा पेंशन घोटाला राजनीतिक षड़यंत्र

लिहाजा हाई कोर्ट ने इस मामले को अपर सत्र न्यायाधीश इंदौर की कोर्ट को भेज दिया था. यहां भी कई पेशियों के बावजूद केके मिश्रा इस प्रकरण में राज्य शासन की अभियोजन स्वीकृति दाखिल नहीं कर पाए. हाल ही में 22वें अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश राय की कोर्ट ने इस मामले को यह कहते हुए बंद किया है कि अभियोजन स्वीकृति आने पर इस मामले में सुनवाई हो सकेगी. कोर्ट के फैसले के बाद जहां कैलाश विजयवर्गीय समेत अन्य जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने राहत जताई है. वहीं कांग्रेस अब इस मामले को नए सिरे से उठाने की तैयारी में है. कांग्रेस नेता केके मिश्रा का आरोप है कि इस मामले में क्योंकि कैलाश विजयवर्गीय समेत अन्य लोग फंसे हैं, इसलिए मुख्यमंत्री संबंधों को बचाने के लिए अभियोजन स्वीकृति नहीं दे रहे हैं. वहीं अब नए सिरे से हाईकोर्ट में परिवाद दाखिल किया जा रहा है, इधर इस मामले में खुद कैलाश विजयवर्गीय कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. पेंशन घोटाले के सवाल पर उन्होंने सिर्फ इसे राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया है. ऐसे में देखना होगा कि बीते 17 सालों से संघर्ष कर रही कांग्रेस की कोशिश अभियोजन स्वीकृति के लिए कितनी सफल हो पाएगी.(Indore Pension Scam, kailash vijayvargiya, bjp national general secretary

Last Updated : Sep 4, 2022, 9:09 AM IST
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