इंदौर। ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास समर्थक माने जाने वाले इंदौर के वरिष्ठ भाजपा नेता प्रमोद टंडन आखिरकार आज फिर कांग्रेसी हो गए. उन्होंने भाजपा के अलावा सिंधिया खेमे के खिलाफ भी कई गंभीर आरोप लगाते हुए कांग्रेस ज्वाइन कर ली. प्रमोद टंडन के साथ भाजपा नेता दिनेश मल्हार ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया. इतना ही नहीं प्रमोद टंडन ने मंत्री सिंधिया के साथ भाजपा ज्वाइन करने वाले अन्य नेताओं से भी कांग्रेस में लौटने की अपील की है.
भाजपा हमें एडजस्ट नहीं कर पाई: दरअसल वरिष्ठ नेता प्रमोद टंडन स्वर्गीय माधव सिंधिया के करीबी समर्थकों में शामिल हैंं, जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा ज्वाइन करने के बाद भाजपा में चले गए थे. आज उन्होंने कहा ''हम लोग एक विचारधारा के साथ भाजपा में गए थे लेकिन न तो भाजपा हमें एडजस्ट कर पाई, न ही हम एडजस्ट हो पाए. बीते साडे़ं तीन साल में भाजपा में हमें कोई काम नहीं मिला. भाजपा में नजर के चश्मे लगे हुए हैं. जिनको जिसकी नजर का चश्मा लगा है वह उसी को पहचानता है.''
सब लोग वापस आ जाओ: टंडन ने आज सिंधिया खेमे में गए अन्य कांग्रेसी नेताओं से भी अपील करते हुए कहा कि ''सब लोग वापस आ जाओ और वापस अपनी कांग्रेस को मजबूत करो.'' उन्होंने सिंधिया खेमे पर हमला करते हुए कहा ''टीम सिंधिया में विरासत से एक मेरिट लिस्ट बनी हुई है जिसमें कोई बदलाव नहीं होता. अन्य परीक्षाओं में तो हर साल मेरिट लिस्ट बनती है लेकिन सिंधिया की मेरिट लिस्ट 60 से 70 साल पुरानी है, वह अब भी चल रही है.'' उन्होंने कहा ''बड़े महाराज माधवराव सिंधिया काफी उदार थे, जिनका व्यापक दृष्टिकोण था और संवेदनशील होने के कारण वे सबके लिए सोचते थे. लेकिन अब नई पीढ़ी के लोग सिर्फ अपने लिए सोचते हैं.''
माधवराव और ज्योतिरादित्य में बहुत फर्क: उन्होंने कहा, नई पीढ़ी को बहुत जल्दी सब कुछ चाहिए, इसलिए वह आदर्शों पर नहीं चलते, बस हम कैसे आगे बढ़े यही उनकी सोच है, माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया में यही फर्क है.'' उन्होंने भाजपा की वर्तमान स्थिति पर कटाक्ष करते हुए कहा ''भाजपा संगठन के नाम पर कार्यकर्ताओं का शोषण करती है बीजेपी का कार्यकर्ता ईमानदारी से काम करता है लेकिन जो कम कर रहा है उसे कुछ नहीं मिल रहा, जो चुपचाप बैठे हैं वह लबालब हो रहे हैं.''
बीजेपी शोषण करने वाली पार्टी: प्रमोद टंडन ने कहा कि ''बीजेपी शोषण करने वाली पार्टी है और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को महत्व देने वाली, हम भाजपा के विचारधारा के साथ थे, सिंधिया से हमारा लगाव हो सकता है लेकिन विचारधारा बड़ी होती है. आज हम कमलनाथ के नेतृत्व में वापस कांग्रेस में गए हैं. क्योंकि विचारधारा कांग्रेस की है. कमलनाथ एक सुलझे हुए वरिष्ठ नेता हैं जो हमारे प्रदेश अध्यक्ष हैं अब मेरा काम उनको मजबूत करना है. जब सिंधिया के साथ थे तब सिंधिया के अच्छे के बारे में सोचते थे.'' इतना ही नहीं उन्होंने अपनी स्थिति पर एक कविता सुनाते हुए कहा ''चाह नहीं सिरसा नहीं, मनवा बेपरवाह जागो, कुछ ना चाहिए वही बड़ा शहंशाह.''