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गोकुलदास अस्पताल बना मौत का अस्पताल ! एक दिन में 4 मरीजों की मौत, जांच जारी - इंदौर में चार मरीजों की मौत

इंदौर के गोकुलदास अस्पताल में गुरूवार को एक ही दिन में 4 मरीजों की मौत हो गई. जिसके बाद मामले की जांच की जा रही है. ये भी सामने आया है कि अस्पताल के अस्थायी तौर लाइसेंस रद्द करने की भी बात सामने आई है.

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अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप
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Published : May 8, 2020, 12:41 PM IST

इंदौर। शहर के गोकुलदास अस्पताल में गुरूवार शाम को अचानक हुई 4 लोगों की मौत के मामले में आखिरकार अस्पताल के खिलाफ जांच शुरू हो गई है. इस मामले से जुड़ा एक वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम कल रात ही मौके पर पहुंची थी. जहां टीम ने अस्पताल के पूरे दिन के इलाज संबंधी तमाम दस्तावेज की जांच की गई. मामले से संबंधित सभी दस्तावेज सील कर लिए गए हैं. ये भी सामने आया है कि अस्पताल का लाइसेंस भी अस्थायी तौर पर रद्द किया गया है.

अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप

जांच में जुटा प्रशासन

घटनाक्रम की जांच के बाद इंदौर सीएमएचओ डॉ प्रवीण जाड़िया ने बताया कि जिन 5 मौतों का जिक्र वायरल वीडियो में किया जा रहा था. उसकी जांच की गई. जिसमें सामने आया है कि अस्पताल में 4 मरीजों की मौत की पुष्टि हुई है. साथ ही ये भी सामने आया है कि मौत आधे घंटे के अंतराल में नहीं बल्कि 1 घंटे 45 मिनट के अंतराल में हुई है.

CMHO डॉ. प्रवीण जड़िया ने क्या कहा

सीएमएचओ डॉ प्रवीण जड़िया के मुताबिक गुरुवार दिन में 11 45, 3.20 , 4.30 और 5.30 बजे 4 मरीजों की मौतें हुईं. इनमें से तीन मरीजों में कोरोना संक्रमण की जांच निगेटिव आई थी. जबकि एक संदिग्ध मरीज था. जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है. मरीजों की मौत का कारण क्या है, ये जानने के लिए दस्तावेजों की जांच की जा रही है. साथ ही क्या ट्रीटमेंट दिया जा रहा था उसकी भी जांच की जा रही है. सभी दस्तावेज को सील कर दिया गया है.

बताया जा रहा है कि पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन की गलती सामने आ रही है. मरीजों के परिजनों का कहना है कि स्टरलाइजेशन के संक्रमण भी मौतों की वजह हो सकती है. हालांकि इन तमाम पहलुओं पर जांच की जा रही है.

जांच सही पाए जाने पर होगी कार्रवाई

बता दें कि अगर जांच में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. जिसके बाद अस्पताल का लाइसेंस स्थायी रूप से निरस्त कर उसे सील भी किया जा सकता है. जांच के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक परिजन का बयान भी लिया है. जिसमें समूचे अस्पताल को सेनेटाइज करने की बात भी सामने आई है. गौरतलब है कोविड-19 का डर दिखाकर लोगों को बेवजह अस्पताल में रोकने और भारी-भरकम बिलिंग करने के आरोप में एक दूसरे मरीज की शिकायत पर गोकुलदास अस्पताल के खिलाफ तुकोगंज पुलिस ने पहले भी एक नोटिस जारी किया है.

अस्पताल किया जा सकता है सील

इसके बाद प्रशासन ने आनन-फानन में अस्पताल को बंद करने का फैसला लिया. साथ ही गोकुलदास अस्पताल में भर्ती सभी 14 मरीजों को एमवाय अस्पताल के न्यू टीबी एंड चेस्ट अस्पताल में शिफ्ट करने का फैसल लिया गया है. साथ ही अस्पताल को बंद कर दिया जाएगा.

इंदौर। शहर के गोकुलदास अस्पताल में गुरूवार शाम को अचानक हुई 4 लोगों की मौत के मामले में आखिरकार अस्पताल के खिलाफ जांच शुरू हो गई है. इस मामले से जुड़ा एक वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम कल रात ही मौके पर पहुंची थी. जहां टीम ने अस्पताल के पूरे दिन के इलाज संबंधी तमाम दस्तावेज की जांच की गई. मामले से संबंधित सभी दस्तावेज सील कर लिए गए हैं. ये भी सामने आया है कि अस्पताल का लाइसेंस भी अस्थायी तौर पर रद्द किया गया है.

अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप

जांच में जुटा प्रशासन

घटनाक्रम की जांच के बाद इंदौर सीएमएचओ डॉ प्रवीण जाड़िया ने बताया कि जिन 5 मौतों का जिक्र वायरल वीडियो में किया जा रहा था. उसकी जांच की गई. जिसमें सामने आया है कि अस्पताल में 4 मरीजों की मौत की पुष्टि हुई है. साथ ही ये भी सामने आया है कि मौत आधे घंटे के अंतराल में नहीं बल्कि 1 घंटे 45 मिनट के अंतराल में हुई है.

CMHO डॉ. प्रवीण जड़िया ने क्या कहा

सीएमएचओ डॉ प्रवीण जड़िया के मुताबिक गुरुवार दिन में 11 45, 3.20 , 4.30 और 5.30 बजे 4 मरीजों की मौतें हुईं. इनमें से तीन मरीजों में कोरोना संक्रमण की जांच निगेटिव आई थी. जबकि एक संदिग्ध मरीज था. जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है. मरीजों की मौत का कारण क्या है, ये जानने के लिए दस्तावेजों की जांच की जा रही है. साथ ही क्या ट्रीटमेंट दिया जा रहा था उसकी भी जांच की जा रही है. सभी दस्तावेज को सील कर दिया गया है.

बताया जा रहा है कि पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन की गलती सामने आ रही है. मरीजों के परिजनों का कहना है कि स्टरलाइजेशन के संक्रमण भी मौतों की वजह हो सकती है. हालांकि इन तमाम पहलुओं पर जांच की जा रही है.

जांच सही पाए जाने पर होगी कार्रवाई

बता दें कि अगर जांच में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. जिसके बाद अस्पताल का लाइसेंस स्थायी रूप से निरस्त कर उसे सील भी किया जा सकता है. जांच के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक परिजन का बयान भी लिया है. जिसमें समूचे अस्पताल को सेनेटाइज करने की बात भी सामने आई है. गौरतलब है कोविड-19 का डर दिखाकर लोगों को बेवजह अस्पताल में रोकने और भारी-भरकम बिलिंग करने के आरोप में एक दूसरे मरीज की शिकायत पर गोकुलदास अस्पताल के खिलाफ तुकोगंज पुलिस ने पहले भी एक नोटिस जारी किया है.

अस्पताल किया जा सकता है सील

इसके बाद प्रशासन ने आनन-फानन में अस्पताल को बंद करने का फैसला लिया. साथ ही गोकुलदास अस्पताल में भर्ती सभी 14 मरीजों को एमवाय अस्पताल के न्यू टीबी एंड चेस्ट अस्पताल में शिफ्ट करने का फैसल लिया गया है. साथ ही अस्पताल को बंद कर दिया जाएगा.

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