इंदौर। आईआईटी इंदौर कई गंभीर विषयों पर रिसर्च कर रहा है. केविड 19 को लेकर भी शोध किया गया है. इसमें कई तथ्यों की जानकारी सामने आई है. इसमें बताया गया कि कोविड काल के दौरान कुछ ऐसी मृत्यु तब भी हुईं, जब सीरम फेरिटिन नहीं बढ़ रहा था. यही पता लगाने के लिए यह अध्ययन किया गया. शोध में एन्वेलप प्रोटीन मध्यस्थ सेल डेथ मैकेनिज़्म विशेष रूप से नेक्रोप्टोसिस का खुलासा इस अध्ययन से किया गया.
फेफड़ों में संक्रमण पर अध्ययन : कोविड 19 को लेकर वायरल असेंबली में इसकी भूमिका से परे एसएआरएस-सीओवी-2 ई प्रोटीन के कार्यों का पता चला है. इन निष्कर्षों ने एन्वेलप प्रोटीन मध्यस्थ सेल डेथ मैकेनिज़्म विशेष रूप से नेक्रोप्टोसिस का खुलासा किया है, जो प्रतिष्ठित एपोप्टोसिस जर्नल में प्रकाशित हुआ है. यह प्रोटीन लाइसोसोमल पीएच को बढ़ाता है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल-लंग एक्सिस में सूजन को ट्रिगर करता है. इस प्रकार लाइसोसोम गतिविधि को अनियमित करता है और गट-लंग एक्सिस में सेल डेथ मैकेनिज़्म को बढ़ाता है.
शोध में ये तथ्य भी सामने आया : शोध में रोगियों से जुड़ी सेल डेथ की क्रियाविधिक को समझा गया. बायोसाइंसेज और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. हेमचंद्र झा के अनुसार सीरम फेरिटिन कोविड-19 की गंभीरता का एक महत्वपूर्ण मार्कर है और फेरोप्टोसिस द्वारा सेल डेथ से भी जुड़ा है. यह अध्ययन कम सीरम फेरिटिन रोगियों से जुड़ी सेल डेथ की क्रियाविधिक समझ भी उपलब्ध करा सकता है. आईआईटी इंदौर द्वारा कॉविड-19 को लेकर किए गए इस शोध में आईसीएमआर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय सीसीआरएएस से सहायता प्राप्त थी.