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राजवाड़ा को संवारने के लिए इस्तेमाल होंगी हाई क्वॉलिटी की लकड़ियां, देहरादून से आए विशेषज्ञ - grooming Rajwada

इंदौर में राजवाड़े की चार मंजिल की लड़कियों की जांच के लिए देहरादून से विशेषज्ञों की टीम आई थी, जिसने अपनी जांच 3 दिनों में पूरी कर ली है. सात दिन में इसकी रिपोर्ट आ जाएगी, जिसके बाद राजबाड़ा को संवारने का काम शुरू किया जाएगा.

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राजबाड़ा को संवारने के लिए इस्तेमाल होंगी हाई क्वॉलिटी की लकड़ियां
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Published : Feb 8, 2020, 12:27 PM IST

Updated : Feb 8, 2020, 12:56 PM IST

इंदौर। होलकर काल की भव्य इमारत राजवाड़ा को संवारने के लिए अब देश के विभिन्न स्थानों से मजबूत लकड़ियों का चयन कर उपयोग किया जाएगा. राजवाड़ा का बड़ा हिस्सा होलकर काल में ही मजबूत लकड़ियों से बनाया गया था, जिसमें से कई लकड़ियां अब खराब हो चुकी हैं. बीते 2 सालों से इसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत संवारने का काम किया जा रहा है.

राजवाड़ा को संवारने के लिए इस्तेमाल होंगी हाई क्वॉलिटी की लकड़ियां

हाल ही में राजवाड़े की चार मंजिल की लड़कियों की जांच के लिए आए देहरादून के एक्सपर्ट्स ने तीन दिन में जांच पूरी कर ली है. सात दिन में इसकी रिपोर्ट आएगी. इसके साथ ही एक्सपर्ट बताएंगी कि कौन सी लकड़ियों के स्थान पर कैसी लकड़ियां लगाएं, ताकि स्ट्रक्चर मजबूर रहे. बता दें कि फॉरेस्ट विभाग की देहरादून स्थित लैब की एक्सपर्ट डॉ. संगीता गुप्ता जांच पूरी कर बुधवार को लौट गईं.

स्मार्ट सिटी के अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी ने बताया कि एक्सपर्ट्स सात दिन में जांच रिपोर्ट सौंप देंगे. उन्होंने अपने साथ लकड़ियों के सैंपल रख भी लिए हैं. इनकी लैब में जांच कर बताया जाएगा कि लकड़ियों में कितनी ताकत बची है. इसके साथ ही उन्होंने चारों मंजिल में लगी लकड़ियों की सूक्ष्मता से जांच की. अगर लकड़ियों को बदलना है, तो वैसी ही लकड़ियां देश के कौन-कौन से डिपो में मिलेंगी, इसकी जानकारी भी एक्सपर्ट द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी. इसके बाद चारों मंजिलों में लकड़ियां लगाने का काम तेजी से शुरू होगा.

इंदौर। होलकर काल की भव्य इमारत राजवाड़ा को संवारने के लिए अब देश के विभिन्न स्थानों से मजबूत लकड़ियों का चयन कर उपयोग किया जाएगा. राजवाड़ा का बड़ा हिस्सा होलकर काल में ही मजबूत लकड़ियों से बनाया गया था, जिसमें से कई लकड़ियां अब खराब हो चुकी हैं. बीते 2 सालों से इसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत संवारने का काम किया जा रहा है.

राजवाड़ा को संवारने के लिए इस्तेमाल होंगी हाई क्वॉलिटी की लकड़ियां

हाल ही में राजवाड़े की चार मंजिल की लड़कियों की जांच के लिए आए देहरादून के एक्सपर्ट्स ने तीन दिन में जांच पूरी कर ली है. सात दिन में इसकी रिपोर्ट आएगी. इसके साथ ही एक्सपर्ट बताएंगी कि कौन सी लकड़ियों के स्थान पर कैसी लकड़ियां लगाएं, ताकि स्ट्रक्चर मजबूर रहे. बता दें कि फॉरेस्ट विभाग की देहरादून स्थित लैब की एक्सपर्ट डॉ. संगीता गुप्ता जांच पूरी कर बुधवार को लौट गईं.

स्मार्ट सिटी के अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी ने बताया कि एक्सपर्ट्स सात दिन में जांच रिपोर्ट सौंप देंगे. उन्होंने अपने साथ लकड़ियों के सैंपल रख भी लिए हैं. इनकी लैब में जांच कर बताया जाएगा कि लकड़ियों में कितनी ताकत बची है. इसके साथ ही उन्होंने चारों मंजिल में लगी लकड़ियों की सूक्ष्मता से जांच की. अगर लकड़ियों को बदलना है, तो वैसी ही लकड़ियां देश के कौन-कौन से डिपो में मिलेंगी, इसकी जानकारी भी एक्सपर्ट द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी. इसके बाद चारों मंजिलों में लकड़ियां लगाने का काम तेजी से शुरू होगा.

Intro:

इंदौर में होलकर काल की भव्य इमारत राजवाड़ा को संवारने के लिए अब देश के विभिन्न स्थानों से मजबूत लकड़ियों का चयन कर उपयोग किया जाएगा, दरअसल राजवाड़ा का बड़ा हिस्सा होलकर काल में ही मजबूत लकड़ियों से बनाया गया था जिसमें से कई लकड़ियां खराब हो चुकी हैं अब बीते 2 सालों से इसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सवारने का काम किया जा रहा है तो फिर पुरानी लकड़ियों के स्थान पर नई लकड़ियों का चयन किया जा रहा है Body:हाल ही में राजवाड़े की चार मंजिल की लड़कियों की जांच के लिए आई देहरादून की एक्सपर्ट ने तीन दिन में जांच पूरी कर ली है। सात दिन में इसकी रिपोर्ट आएगी। इसके साथ ही एक्सपर्ट बताएंगी की कौन-सी लकड़ियों के स्थान पर कैसी लकड़ियां लगाएं ताकी स्ट्रक्चर मजबूर रहे।  दरअसल
फॉरेस्ट विभाग की देहरादून स्थित लैब की एक्सपर्ट डॉ. संगीता गुप्ता जांच पूरी कर बुधवार को लौट गईं। स्मार्ट सिटी के अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी ने बताया एक्सपर्ट द्वारा सात दिन में जांच रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। उन्होंने अपने साथ लकड़ियों के सैंपल रख भी लिए हैं। इनकी लैब में जांच कर बताया जाएगा कि लकड़ियों में कितनी ताकत बची है। इसके साथ ही उन्होंने चारों मंजिल में लगीं लकड़ियों की सूक्ष्मता से जांच की। लकड़ियों को बदलना जाता है तो वैसी ही लकड़ियां देश के कौन-से डिपो में मिलेंगी इसकी जानकारी भी एक्सपर्ट द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके बाद चार मंजिलों का काम तेजी से शुरू होगा। 
Conclusion:
आशीष सिंह आयुक्त नगर निगम इंदौर
Last Updated : Feb 8, 2020, 12:56 PM IST
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