इंदौर। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष व इंदौर की 8 बार से सांसद रहीं बीजेपी नेता सुमित्रा महाजन को उनकी सार्वजनिक सेवाओं के लिए भारत सरकार ने पद्म भूषण अवार्ड से सम्मानित किया है. गणतंत्र दिवस के पूर्व हुई इस घोषणा से सुमित्रा महाजन ने राष्ट्रपति भवन और राष्ट्रपति के प्रति आभार प्रकट किया है.वहीं जनप्रतिनिधियों ने भी ताई के घर पहुंचकर उन्हें बधाई दी.
महाराष्ट्र के चिपलुन में 12 अप्रैल 1943 को जन्मी सुमित्रा महाजन इंदौर के अधिवक्ता जयंत महाजन से शादी के बाद इंदौर आई थीं. इसके बाद वे इंदौर की पहचान बन गई. ताई के नाम से देश भर में मशहूर सुमित्रा महाजन इंदौर लोकसभा सीट से लगातार 8 बार लोकसभा चुनाव जीतने वाली एकमात्र सांसद हैं. सुमित्रा महाजन 16वीं लोकसभा में दूसरी महिला लोकसभा अध्यक्ष बनी थीं.
ऐसा रहा राजनीतिक सफर
सुमित्रा महाजन ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत पार्षद का चुनाव लड़कर की थी. इसके बाद उन्हें इंदौर का उपमहापौर भी बनाया गया. सुमित्रा ताई इंदौर-3 विधानसभा से वे पहली बाहर विधानसभा के चुनावी मैदान में उतरी. लेकिन उन्हें कांग्रेस के महेंश चंद्र जोशी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. यह सुमित्रा महाजन की राजनीतिक जीवन एक मात्र हार थी. 1980 में उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाशचंद्र सेठी के खिलाफ इंदौर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया गया. सुमित्रा महाजन ने उन्हें चुनाव हराकर पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता.
इसके बाद जो सफर शुरू हुआ वह 2014 तक जारी रहा. ताई लगातार 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 के आम चुनावों में लगातार सांसद चुनी गईं. पिछली लोकसभा के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी वरिष्ठता और लगातार जीत के कारण उन्हें लोकसभा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी थी. जो उन्होंने सफलतापूर्वक निभाई, हालांकि पिछला लोकसभा चुनाव लड़ने का मन भी ताई का था,लेकिन मौका नहीं मिला. हालांकि अब मोदी सरकार ने ही उनकी राजनीतिक सेवा और समर्पण का सम्मान करते हुए उन्हें पद्मभूषण सम्मान देने का एलान किया है. जिसे लेकर सभी जनप्रतिनिधि और इंदौर वासी खासे खुश हैं.
सांसद ने जताई खुशी
वहीं इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राजनीति में संत जिसे कहा जाता है, वह ताई हैं. एक आर्दश कार्यकर्ता और नेता के रुप में ताई को जाना जाएगा. पद्म विभूषण सम्मान सम्मान में ताई का नाम आने पर समस्त इंदौरवासी खुश हैं.