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आपराधिक घटनाओं का रिकॉर्ड रखने 'सीटेप एप' लॉन्च, DGP ने की इंदौर पुलिस की तारीफ - इंदौर न्यूज

प्रदेश के डीजीपी वीके सिंह ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीटेप एप लॉन्च किया है. इस एप में शहर के उन संदिग्ध इलाकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा, जिनमें आपराधिक घटनाएं ज्यादा होती हैं.

आपराधिक घटनाओं का रिकॉर्ड रखने सीटेप एप लांच
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Published : Aug 10, 2019, 3:52 PM IST

इंदौर। शहर की पुलिस ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान को रखते हुए सीटेप एप लॉन्च किया है. इस एप में शहर के उन संदिग्ध इलाकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा, जिनमें आपराधिक घटनाएं ज्यादा होतीं हैं. एक निजी इंस्टीट्यूट की मदद से तैयार किए गए इस सीटेप एप की लॉन्चिंग शनिवार को प्रदेश के डीजीपी वीके सिंह ने की. इस दौरान डीजीपी वीके सिंह ने गुंडों पर कार्रवाई कर रही इंदौर पुलिस की तारीफ भी की.

जिले की पुलिस ने शहर में क्राइम पर लगाम कसने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया है. जिसके चलते सीटेप एप और इंदौर पुलिस को भी जोड़ा गया है. इंदौर में कहां सबसे अधिक चेन स्नेचिंग होती है और कहां अपराधी सबसे अधिक पर्स और मोबाइल की लूट करते हैं, ये तमाम जानकारी अब इंदौर पुलिस के इंटरनल मोबाइल एप्लीकेशन सीटेप पर मौजूद रहेगी.

आपराधिक घटनाओं का रिकॉर्ड रखने सीटेप एप लॉन्च

डीजीपी वीके सिंह के मुताबिक इंदौर पुलिस प्रदेश को अपराध से मुक्त करने में बेहतर काम कर रही है, इसलिए तकनीक का भी बखूबी इस्तेमाल होना चाहिए. सीटेप और इंदौर पुलिस एप भी इसी कड़ी का हिस्सा है. डीजीपी ने भरोसा दिलाया कि तकनीक के इस्तेमाल से अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण होगा.

वीके सिंह ने कहा कि आईजी स्तर के पद को पदोन्नत कर एडीजी स्तर का किया जाएगा, इसके लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजा गया है. फिलहाल इस पर मंजूरी मिलना बाकी है. यह एप इंदौर पुलिस का विभागीय एप्लीकेशन है, जिसमें पिछले कुछ वर्षों का रिकॉर्ड उपलब्ध होगा. शहर में जहां भी अपराध घटित होंगे, वह इस एप पर दर्ज होंगे. जिसके बाद अपराध को सुलझाने के लिए पुलिस को प्लान तैयार करने में आसानी होगी.

इंदौर। शहर की पुलिस ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान को रखते हुए सीटेप एप लॉन्च किया है. इस एप में शहर के उन संदिग्ध इलाकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा, जिनमें आपराधिक घटनाएं ज्यादा होतीं हैं. एक निजी इंस्टीट्यूट की मदद से तैयार किए गए इस सीटेप एप की लॉन्चिंग शनिवार को प्रदेश के डीजीपी वीके सिंह ने की. इस दौरान डीजीपी वीके सिंह ने गुंडों पर कार्रवाई कर रही इंदौर पुलिस की तारीफ भी की.

जिले की पुलिस ने शहर में क्राइम पर लगाम कसने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया है. जिसके चलते सीटेप एप और इंदौर पुलिस को भी जोड़ा गया है. इंदौर में कहां सबसे अधिक चेन स्नेचिंग होती है और कहां अपराधी सबसे अधिक पर्स और मोबाइल की लूट करते हैं, ये तमाम जानकारी अब इंदौर पुलिस के इंटरनल मोबाइल एप्लीकेशन सीटेप पर मौजूद रहेगी.

आपराधिक घटनाओं का रिकॉर्ड रखने सीटेप एप लॉन्च

डीजीपी वीके सिंह के मुताबिक इंदौर पुलिस प्रदेश को अपराध से मुक्त करने में बेहतर काम कर रही है, इसलिए तकनीक का भी बखूबी इस्तेमाल होना चाहिए. सीटेप और इंदौर पुलिस एप भी इसी कड़ी का हिस्सा है. डीजीपी ने भरोसा दिलाया कि तकनीक के इस्तेमाल से अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण होगा.

वीके सिंह ने कहा कि आईजी स्तर के पद को पदोन्नत कर एडीजी स्तर का किया जाएगा, इसके लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजा गया है. फिलहाल इस पर मंजूरी मिलना बाकी है. यह एप इंदौर पुलिस का विभागीय एप्लीकेशन है, जिसमें पिछले कुछ वर्षों का रिकॉर्ड उपलब्ध होगा. शहर में जहां भी अपराध घटित होंगे, वह इस एप पर दर्ज होंगे. जिसके बाद अपराध को सुलझाने के लिए पुलिस को प्लान तैयार करने में आसानी होगी.

Intro:इंदौर में कहां सबसे अधिक चैन स्नैचिंग होती है और कहां अपराधी सबसे अधिक पर्स और मोबाइल की लूट करते हैं यह तमाम जानकारी अब इंदौर पुलिस के इंटरनल मोबाइल एप्लीकेशन सीटेप पर मौजूद रहेगीBody:एक निजी इंस्टीट्यूट की मदद से तैयार किए गए सीटेप एप की लॉन्चिंग शनिवार को प्रदेश के डीजीपी वीके सिंह ने की । डीजीपी वीके सिंह के मुताबिक इंदौर पुलिस प्रदेश को अपराध से मुक्त करने में बेहतर काम कर रही है इसलिए तकनीक का भी बखूबी इस्तेमाल होना चाहिए सीटेप और इंदौर पुलिस एप्प भी इसी कड़ी का हिस्सा है डीजीपी ने भरोसा दिलाया कि तकनीक के इस्तेमाल से अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण होगा इसके अलावा वीके सिंह ने कहा कि आईजी स्तर के पद को पदोन्नत कर एडीजी स्तर का किया जाएगा इसके लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजा गया है फिलहाल इस पर मंजूरी मिलना बाकी है

बाईट - वी के सिंह, डीजीपीConclusion:यह एप्प इंदौर पुलिस का विभागीय एप्लीकेशन है जिस में पिछले कुछ वर्षों का रिकॉर्ड उपलब्ध होगा शहर में जहां भी अपराध घटित होंगे वह इस एप्प पर दर्ज होंगे जिसके बाद अपराध को सुलझाने के लिए पुलिस को प्लान तैयार करने में आसानी होगी
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