इंदौर। शनिवार को भोपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के बाद कांग्रेस ने अब इस मुद्दे को उछालना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में रविवार को इंदौर में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में किसान ट्रैक्टर महारैली आयोजित की जा रही है. ये रैली विधायक विशाल पटेल की अगुवाई में निकाली जा रही है, जिसमें शामिल होने कमलनाथ भी इंदौर पहुंचे हैं.
ट्रैक्टर पर सवार कमलनाथ ने लगाए शिवराज सरकार पर आरोप
प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के देपालपुर में किसानों की ट्रैक्टर महारैली आयोजित की जा रही है. इस रैली में शामिल होते हुए पुर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार के तीनों कृषि कानून काले कानून है. इसका प्रदेश भर में गांव-गांव में विरोध जारी रहेगा.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के यह तीनों कृषि कानून देश की तरक्की के साथ गांव की तरक्की रोककर उन्हें बर्बाद करने वाले काले कानून हैं. यह बात और है कि शिवराज सरकार किसानों और गरीबों की तरक्की रोकने के कानून को लेकर किसानों का दमन कर रही है.
शराब पर शिवराज सरकार का ध्यान
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि किसानों की आवाज दबाकर शिवराज सरकार का पूरा ध्यान सिर्फ शराब पर है. फिलहाल प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है, महिला अत्याचारों में राज्य नंबर वन है. लेकिन शिवराज सरकार का ध्यान शराब और शराब के ठेकों पर लगा हुआ है. इसका विरोध कांग्रेस प्रदेश भर में जारी रखेगी.
पढ़ें- एमपी में 'मयखाने' पर सियासत, अलग-अलग राह पर मुख्यमंत्री-गृह मंत्री
राजधानी में कांग्रेसियों पर पुलिस ने भांजी थी लाठियां
तीन नए कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस ने शनिवार को भोपाल में जंगी प्रदर्शन कर किसान आंदोलन का समर्थन किया. प्रदर्शन के दौरान जमकर पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प देखने को मिली. जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनान का भी उपयोग किया. इन सबके बाद भी जब कांग्रेस कार्यकर्ता नहीं मानें तो पुलिस लाठीचार्ज किया और जमकर लाठियां भांजी, जिसमें कई कांग्रेस कार्यकर्ता घायल हो गए. पुलिस ने राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, जयवर्धन सिंह समेत कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
पढ़ें- कांग्रेस का जंगी प्रदर्शन: दिग्गजों के जाते ही पुलिस का लाठीचार्ज, पिटते रहे कार्यकर्ता
आंसू गैस के गोले, लाठी चार्ज और वाटर कैनन से की रोकने की कोशिश
मुरैना में खाट पंचायत के बाद शनिवार को कांग्रेस राजभवन का घेराव करने के लिए निकली. प्रदेश अध्यक्ष कमलना, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ तमाम बड़े नेताओं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जवाहर चौक से विरोध करते हुए रैली निकाली. ये कूच थी राजभवन के घेराव के लिए, जिसमें हजारों कार्यकर्ता नेताओं के साथ पैदल मार्च कर रहे थे. लेकिन रोशनपुरा चौराहा से पहले ही प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर कार्यकरतओं की रोकने की कोशिश की. पुलिस ने अनाउंसमेंट कर शांत तरीके आंदोलन करने के लिए कहा. फिर भी कार्यकर्ता नहीं मानें. जिस कारण कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई. जिसके बाद पुलिस ने कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. पुलिस ने आंसू गैस भी छोड़े और लाठीचार्ज भी किया.
पढ़ें- लोकतंत्र में प्रदर्शन को रौंदना शर्मनाक: सचिन यादव
धारा 144 लगाकार पुलिस ने भांजी लाठियां
पुलिस ने हाउसबैंड कर पूरे क्षेत्र में धारा 144 लगाने का ऐलान किया और प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील की. लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता उग्र हो गए और पुलिस पर पथराव भी कर दिया, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने लगातार लाठियां भांजनी शुरू कर दी. इस दौरान वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, DIG इरशाद वली के साथ तमाम पुलिस अधिकारियों ने मोर्चा संभालते हुए सभी प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा और भीड़ को तितर-बितर किया. फिर भी प्रदर्शनकारी मोर्चे पर डटे रहे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे, जिस को देखते हुए पुलिस ने भीड़ पर लाठियां भांजनी शुरू की और प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया.