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कार्रवाई के खिलाफ दुग्ध विक्रेता संघ ने जताई नाराजगी, जांच मापदंडों में बदलाव करने की मांग - जांच मापदंडों में बदलाव किए जाने की मांग

दुध में हो रहे मिलावट पर खाद्य विभाग ने जांच शुरु कर दी है. जिसके बाद दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है. इस कार्रवाई के विरोध में दूग्ध विक्रेता संघ ने स्वास्थ्य मंत्री और कलेक्टर से मिलकर जांच मापदंडों में बदलाव किए जाने की मांग की है.

दुध में हो रहे मिलावट पर खाद्य विभाग ने शुरु की जांच
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Published : Sep 9, 2019, 10:30 PM IST

इंदौर। प्रदेश में मिलावट के खिलाफ एक्सन में आई पुलिस ने दोषियों पर कार्रवाई शुरु कर दी हैं. पिछले दिनों खाद्य विभाग ने दूध के सैंपल जमा किए थे, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद मिलावट करने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई की जा रही हैं. तो वहीं दूसरी तरफ इस दिग्ध विक्रेता संघ ने कार्रवाई पर नाराजगी व्यक्त की है, साथ ही स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट से जांच मापदंडों में बदलाव करने की मांग की है.

दुध में हो रहे मिलावट पर खाद्य विभाग ने शुरु की जांच

मुरैना में सिंथेटिक दूध मिलने के बाद एक्शन मोड में आई प्रदेश सरकार ने मिलावट के खिलाफ मुहिम युद्ध स्तर पर शुरू की थी, जिसके बाद प्रदेश के कई जिलों में रासुका और एफआईआर जैसी कार्रवाई भी की गई. जिला प्रशासन के निर्देश पर खाद्य विभाग ने शहर के दुकानों से दूध और दूध से बने उत्पादों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे थे. जिसके बाद दो संचालकों के खिलाफ एनएसए और एक के खिलाफ एफआईआर किया गया था.
इस कार्रवाई के विरोध में दूग्ध विक्रेता संघ स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट और कलेक्टर से मिलने पहुंचा. जहां संघ ने जांच के मापदंडों में आज के वातावरण को देखते हुए जांच के मापदंडों में बदलाव करने की मांग की है.
व्यापारियों का कहना है कि वह सरकार के साथ हैं,लेकिन दूध उत्पादकों पर भी सरकार को जांच कर कार्रवाई करना चाहिए, व्यापारियों का साफ कहना है कि यदि उनके पास मिलावटी दूध ही पहुंचेगा तो उन्हें मजबूरी में वही दूध बेचना पड़ेगा.

इंदौर। प्रदेश में मिलावट के खिलाफ एक्सन में आई पुलिस ने दोषियों पर कार्रवाई शुरु कर दी हैं. पिछले दिनों खाद्य विभाग ने दूध के सैंपल जमा किए थे, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद मिलावट करने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई की जा रही हैं. तो वहीं दूसरी तरफ इस दिग्ध विक्रेता संघ ने कार्रवाई पर नाराजगी व्यक्त की है, साथ ही स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट से जांच मापदंडों में बदलाव करने की मांग की है.

दुध में हो रहे मिलावट पर खाद्य विभाग ने शुरु की जांच

मुरैना में सिंथेटिक दूध मिलने के बाद एक्शन मोड में आई प्रदेश सरकार ने मिलावट के खिलाफ मुहिम युद्ध स्तर पर शुरू की थी, जिसके बाद प्रदेश के कई जिलों में रासुका और एफआईआर जैसी कार्रवाई भी की गई. जिला प्रशासन के निर्देश पर खाद्य विभाग ने शहर के दुकानों से दूध और दूध से बने उत्पादों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे थे. जिसके बाद दो संचालकों के खिलाफ एनएसए और एक के खिलाफ एफआईआर किया गया था.
इस कार्रवाई के विरोध में दूग्ध विक्रेता संघ स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट और कलेक्टर से मिलने पहुंचा. जहां संघ ने जांच के मापदंडों में आज के वातावरण को देखते हुए जांच के मापदंडों में बदलाव करने की मांग की है.
व्यापारियों का कहना है कि वह सरकार के साथ हैं,लेकिन दूध उत्पादकों पर भी सरकार को जांच कर कार्रवाई करना चाहिए, व्यापारियों का साफ कहना है कि यदि उनके पास मिलावटी दूध ही पहुंचेगा तो उन्हें मजबूरी में वही दूध बेचना पड़ेगा.

Intro:मुरैना में सिंथेटिक दूध मिलने के बाद एक्शन मोड में आई प्रदेश सरकार ने मिलावट के खिलाफ मुहिम युद्ध स्तर पर शुरू की थी जिसके बाद प्रदेश के कई जिलों में रासुका और एफआईआर जैसी कार्रवाई भी की गई इसी क्रम में इंदौर में भी जिला प्रशासन के निर्देश पर शहर की कई संस्थानों के दूध और उससे बनने वाले उत्पादनों के सैंपल लिए गए थे इन सैंपलों की आई रिपोर्ट के बाद जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू की है जिस पर व्यापारी भी अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं


Body:जिला प्रशासन के निर्देश पर शहर की कई संस्थानों के दूध और उससे बनने वाले उत्पादनों के सैंपल खाद्य विभाग के द्वारा लिए गए थे जिन्हें जांच के लिए भेजा गया था अब उन सैंपल की जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन के पास आना शुरू हो गई है जिसके आधार पर शासन द्वारा इंदौर में दो संचालकों के खिलाफ एनएसए और एक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की गई है अब सरकार को शासन स्तर पर कराई जा रही इस जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई को स्थानीय दूध विक्रेताओं ने गलत बताया है जिसको लेकर आज इंदौर के दूध विक्रेता संघ का एक प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट और इंदौर कलेक्टर से मिलने पहुंचा जहां मंत्री और कलेक्टर ने व्यापारियों के पक्ष को सुना व्यापारियों का कहना है कि जिन मापदंडों के अनुसार जांच की जा रही है वह 1971 में बने थे जबकि आज वातावरण और व्यवस्थाएं बदली है जिसके कारण पशुओं उनके आहार और उनके दूध की गुणवत्ता में ही बदलाव आए हैं ऐसे में सरकार नए सिरे से सर्वे करवाकर मापदंड तय करें अगर उसके बाद भी कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर फांसी जैसी कार्रवाई करें जिसका वह स्वागत करेंगे

वहीं इस मामले में इंदौर कलेक्टर का कहना है कि जो भी व्यक्ति ईमानदारी से अपना काम करेगा उस पर कोई आंच नहीं आएगी लेकिन मिलावट करने वालों को बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा जिसके चलते इंदौर में कई कार्रवाई भी की गई है और जो व्यापारी जांच करवाने का बोल रहे हैं उसके लिए वह स्वतंत्र हैं ओर करवा सकते हैं, वही मंत्री सिलावट का कहना है कि प्रदेश में स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा लेकिन बेकसूर को परेशान भी नहीं किया जाएगा और अगर कोई अधिकारी कर्मचारी किसी व्यापारी को बेवजह परेशान करता है तो उसकी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी

बाईट - नीलेश नीमा, व्यापारी
बाईट - लोकेश कुमार जाटव, जिला कलेक्टर
बाईट - तुलसी सिलावट, स्वास्थ मंत्री


Conclusion:दूध में मिलावट के खिलाफ सरकार के सख्त एक्शन के बाद व्यापारियों का कहना है कि वह सरकार के साथ हैं लेकिन दूध उत्पादकों पर भी सरकार को जांच कर कार्रवाई करना चाहिए व्यापारियों का साफ कहना है कि यदि उनके पास मिलावटी दूध ही पहुंचेगा तो उन्हें मजबूरी में वही दूध बेचना पड़ेगा
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