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होशंगाबाद: आठ साल से वेतन के लिए भटक रहा विश्वविद्यालय का ये प्रोफेसर - hoshangabad news update

कोरोना के संकटकाल में जहां लोगों के रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है, वहीं इटारसी के गोठी धर्मशाला में रह रहे एक प्रोफेसर को पिछले आठ वर्ष से वेतन नहीं मिला है.

wandering for salary for eight years
भटक रहा विश्वविद्यालय का ये प्रोफ़ेसर
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Published : Jul 8, 2020, 6:56 AM IST

होशंगाबाद। कोरोना संकटकाल में जहां लोगों के रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है, वहीं इटारसी गोठी धर्मशाला में रह रहे एक प्रोफेसर को पिछले आठ वर्ष से वेतन नहीं मिला है. प्रोफेसर इन दिनों खराब स्वास्थ्य के साथ ही वेतन की आस में हर जगह मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अभी उनकी समस्या हल नहीं हुई है. सबसे खास बात ये है कि, लॉकडाउन के दौरान वे महाराष्ट्र के वर्धा जिले के सेवाग्राम आश्रम में फंसे थे, वहां के प्रशासन की मदद से इटारसी तक पहुंचे और वर्तमान में वे रेलवे स्टेशन के सामने बनी गोठी धर्मशाला में रह रहे हैं.

मूलत: इटारसी निवासी और जबलपुर विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्राध्यापक डॉ. अमिताभ शुक्ल को 8 साल से वेतन नहीं मिलने से उनका खुद का अर्थशास्त्र बिगड़ा हुआ है. न तो वे ठीक से खानपान में खर्च कर पा रहे हैं और ना ही अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर पा रहे हैं. उन्होंने वेतन और आर्थिक अनुदान के लिए न्यायालय की शरण भी ले रखी और होशंगाबाद कलेक्टर से भी मदद की गुहार लगा चुके हैं. उन्होंने महाराष्ट्र शासन, कुलपति रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर और कलेक्टर जबलपुर को भी पत्र लिखकर समस्या के निदान की मांग की है, लेकिन हर जगह से केवल आश्वासन ही मिल रहा है. उनकी आर्थिक हालत और सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है. एक ओर कोरोना संकट का दौर चल रहा है, ऐसे में यह प्राध्यापक दर- दर भटकने को मजबूर हैं.

होशंगाबाद। कोरोना संकटकाल में जहां लोगों के रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है, वहीं इटारसी गोठी धर्मशाला में रह रहे एक प्रोफेसर को पिछले आठ वर्ष से वेतन नहीं मिला है. प्रोफेसर इन दिनों खराब स्वास्थ्य के साथ ही वेतन की आस में हर जगह मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अभी उनकी समस्या हल नहीं हुई है. सबसे खास बात ये है कि, लॉकडाउन के दौरान वे महाराष्ट्र के वर्धा जिले के सेवाग्राम आश्रम में फंसे थे, वहां के प्रशासन की मदद से इटारसी तक पहुंचे और वर्तमान में वे रेलवे स्टेशन के सामने बनी गोठी धर्मशाला में रह रहे हैं.

मूलत: इटारसी निवासी और जबलपुर विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्राध्यापक डॉ. अमिताभ शुक्ल को 8 साल से वेतन नहीं मिलने से उनका खुद का अर्थशास्त्र बिगड़ा हुआ है. न तो वे ठीक से खानपान में खर्च कर पा रहे हैं और ना ही अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर पा रहे हैं. उन्होंने वेतन और आर्थिक अनुदान के लिए न्यायालय की शरण भी ले रखी और होशंगाबाद कलेक्टर से भी मदद की गुहार लगा चुके हैं. उन्होंने महाराष्ट्र शासन, कुलपति रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर और कलेक्टर जबलपुर को भी पत्र लिखकर समस्या के निदान की मांग की है, लेकिन हर जगह से केवल आश्वासन ही मिल रहा है. उनकी आर्थिक हालत और सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है. एक ओर कोरोना संकट का दौर चल रहा है, ऐसे में यह प्राध्यापक दर- दर भटकने को मजबूर हैं.

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