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होशंगाबाद: बाढ़ ने मचाई तबाही, किसानों की मेहनत पर फिरा पानी

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Published : Sep 2, 2020, 4:11 PM IST

पांच दिन पहले आई बाढ़ ने समूचे होशंगाबाद जिले में जन जीवन अस्त- व्यस्त कर दिया. लोगों के घरों से लेकर फसल तक सबकुछ तबाही की भेंट चढ़ गया. मवेशी भी बाढ़ में बह गए.

Itarsi flood
बाढ़ से किसानों का जीवन हुआ अस्तव्यस्त

होशंगाबाद। पांच दिन पहले आई बाढ़ ने समूचे होशंगाबाद जिले में जन जीवन अस्त- व्यस्त कर दिया. लोगों के घरों से लेकर फसल तक सबकुछ तबाही की भेंट चढ़ गया. मवेशी भी बाढ़ में बह गए. इटारसी के ग्राम पाहनवरी में किसानों की फसल तक बह गई. कुओं का अतापता नहीं. अब बाढ़ की त्रासदी का दंश भोग रहे हैं ग्रामीण.

विगत दिनों आई प्रलयकारी बाढ़ से इटारसी तहसील के ग्राम पाहनवरी एवं बिलखेड़ी में अनेक किसानों के खेत, कुएं, घर, मवेशी, मोटर बह गए. लगभग 70-80 एकड़ जमीन पानी के बहाव में बहकर रेत के टीले में तब्दील हो चुकी है. भारतीय किसान संघ इटारसी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं नें दोनों गांवों में पहुंचकर प्रभावित किसानों और ग्रामीणों से मुलाकात की और उन्हें शासन और प्रशासन द्वारा उचित राहत राशि और मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिलाया है. ग्राम बिलखेड़ी और पाहनवरी के अनेकों किसान इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, किसानों नें अपनी खेतों में बड़ी मेहनत करके धान की फसल लगाई थी, जो बाढ़ की भेंट चढ़ गई. अब उनके सामने जीवन यापन का संकट पैदा हो गया है. ऐसे भी किसान हैं, जिनकी 1 एकड़ जमीन थी जो बाढ़ में बह गई. अब उनके पास खेती करनें हेतु खेत भी नहीं बचा. घर भी बाढ़ में बह चुका है, वो अस्थायी रूप से छज्जे बनाकर उसमें रहने को मजबूर हैं.

भारतीय किसान संघ के जिला मीडिया प्रभारी रजत दुबे नें बताया कि, इस प्राकृतिक आपदा से किसानों का अत्यधिक नुकसान हुआ है. जिसकी भरपाई करना मुश्किल है, लेकिन हम शासन और प्रशासन से मांग करते हैं कि, तात्कालिक रूप से खेती हेतु इन्हें जमीन उपलब्ध कराई जाए, साथ ही उचित मुआवजा प्रदान किया जाए.

भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों को ग्रामीणों नें बताया कि, तवा किनारे अगर पिचिंग का कार्य हो जाता है, तो स्थायी निवारण हो जाएगा, जिससे भविष्य में कोई संकट नहीं होगा. वर्ष 2013 से ग्रामीण पिचिंग की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने सुध नहीं ली. भारतीय किसान संघ नें ग्रामीणों को पिचिंग कार्य के लिए आंदोलन करने की भी बात की है.

भारतीय किसान संघ के तहसील अध्यक्ष श्रीराम दुबे ने कहा कि, अगर प्रशासन ने शीघ्र सर्वे कार्य करवाकर राहत नहीं प्रदान किया, तो हम ग्रामीणों के साथ आंदोलन भी करेंगे. पिचिंग कार्य को लेकर भारतीय किसान संघ कृषि मंत्री से भी मुलाकात करेगा.

ग्राम बिलखेड़ी की महिला मोनी बाई नें बताया कि, बाढ़ से उनका मकान, खेत, मवेशी सब कुछ बह चुके हैं, पति दिव्यांग हैं, लेकिन अब संकट की स्थिति है, परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. मेरा मकान भी बाढ़ में बह चुका है, तथा जरूरी सामान भी इस बाढ़ में बह गया है, अब अजीविका चलाना मुश्किल है.

होशंगाबाद। पांच दिन पहले आई बाढ़ ने समूचे होशंगाबाद जिले में जन जीवन अस्त- व्यस्त कर दिया. लोगों के घरों से लेकर फसल तक सबकुछ तबाही की भेंट चढ़ गया. मवेशी भी बाढ़ में बह गए. इटारसी के ग्राम पाहनवरी में किसानों की फसल तक बह गई. कुओं का अतापता नहीं. अब बाढ़ की त्रासदी का दंश भोग रहे हैं ग्रामीण.

विगत दिनों आई प्रलयकारी बाढ़ से इटारसी तहसील के ग्राम पाहनवरी एवं बिलखेड़ी में अनेक किसानों के खेत, कुएं, घर, मवेशी, मोटर बह गए. लगभग 70-80 एकड़ जमीन पानी के बहाव में बहकर रेत के टीले में तब्दील हो चुकी है. भारतीय किसान संघ इटारसी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं नें दोनों गांवों में पहुंचकर प्रभावित किसानों और ग्रामीणों से मुलाकात की और उन्हें शासन और प्रशासन द्वारा उचित राहत राशि और मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिलाया है. ग्राम बिलखेड़ी और पाहनवरी के अनेकों किसान इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, किसानों नें अपनी खेतों में बड़ी मेहनत करके धान की फसल लगाई थी, जो बाढ़ की भेंट चढ़ गई. अब उनके सामने जीवन यापन का संकट पैदा हो गया है. ऐसे भी किसान हैं, जिनकी 1 एकड़ जमीन थी जो बाढ़ में बह गई. अब उनके पास खेती करनें हेतु खेत भी नहीं बचा. घर भी बाढ़ में बह चुका है, वो अस्थायी रूप से छज्जे बनाकर उसमें रहने को मजबूर हैं.

भारतीय किसान संघ के जिला मीडिया प्रभारी रजत दुबे नें बताया कि, इस प्राकृतिक आपदा से किसानों का अत्यधिक नुकसान हुआ है. जिसकी भरपाई करना मुश्किल है, लेकिन हम शासन और प्रशासन से मांग करते हैं कि, तात्कालिक रूप से खेती हेतु इन्हें जमीन उपलब्ध कराई जाए, साथ ही उचित मुआवजा प्रदान किया जाए.

भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों को ग्रामीणों नें बताया कि, तवा किनारे अगर पिचिंग का कार्य हो जाता है, तो स्थायी निवारण हो जाएगा, जिससे भविष्य में कोई संकट नहीं होगा. वर्ष 2013 से ग्रामीण पिचिंग की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने सुध नहीं ली. भारतीय किसान संघ नें ग्रामीणों को पिचिंग कार्य के लिए आंदोलन करने की भी बात की है.

भारतीय किसान संघ के तहसील अध्यक्ष श्रीराम दुबे ने कहा कि, अगर प्रशासन ने शीघ्र सर्वे कार्य करवाकर राहत नहीं प्रदान किया, तो हम ग्रामीणों के साथ आंदोलन भी करेंगे. पिचिंग कार्य को लेकर भारतीय किसान संघ कृषि मंत्री से भी मुलाकात करेगा.

ग्राम बिलखेड़ी की महिला मोनी बाई नें बताया कि, बाढ़ से उनका मकान, खेत, मवेशी सब कुछ बह चुके हैं, पति दिव्यांग हैं, लेकिन अब संकट की स्थिति है, परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. मेरा मकान भी बाढ़ में बह चुका है, तथा जरूरी सामान भी इस बाढ़ में बह गया है, अब अजीविका चलाना मुश्किल है.

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