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जबलपुर रेल्वे स्टेशन में लगा मेगा ब्लॉक हुआ समाप्त, इटारसी जंक्शन पर यात्रियों का हंगामा - नॉन इंटरलॉकिंग

जबलपुर में पश्चिम मध्य रेलवे ने यार्ड मोल्डिंग और नॉन इंटरलॉकिंग का काम पूरा कर लिया. डीआरएम मनोज सिंह के मुताबिक ये काम पूरा होने से आने वाले 10 सालों के रेल परिचालन की समस्या दूर हो जाएगी. वही इटारसी जंक्शन में ट्रेन का रूट बदले जाने से नाराज यात्रियों ने इटारसी रेलवे जंक्शन पर जमकर हंगामा किया.

इटारसी जंक्शन पर यात्रियों का हंगामा
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Published : Aug 24, 2019, 10:40 PM IST

जबलपुर। शहर में पश्चिम मध्य रेलवे ने यार्ड मोल्डिंग और नॉन इंटरलॉकिंग का काम पूरा कर लिया हैं. ट्रेनों की धीमी रफ्तार से परेशान डब्ल्यूसीआर ने ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने और यात्रियों को ट्रेनों की लेटलतीफी से निजात जाने के लिए 29 जुलाई को एक महीने का मेगा ब्लॉक लेकर यार्ड रिमोल्डिंग और नॉन इंटरलॉकिंग का काम शुरू किया था, जिसमे सिग्नल, विद्युत लाइन, केवल सहित पटरियों के काम होने थे

जबलपुर रेल्वे स्टेशन में लगा मेगा ब्लॉक हुआ समाप्त

डीआरएम मनोज सिंह ने बताया कि कहा कि यार्ड रिमोल्डिंग और नॉन इंटरलॉकिंग के काम के दौरान इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया कि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो सके. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए जबलपुर से शुरू होने वाली 22 ट्रेनों में से सिर्फ तीन ट्रेनों को ही रद्द किया गया था जबकि 19 ट्रेनों को मुख्य रेल्वे स्टेशन की वजह मदन महल और अधारताल स्टेशन से चलाया गया.

इटारसी जंक्शन पर यात्रियों का हंगामा

इटारसी जंक्शन पर यात्रियों का हंगामा
इटारसी जंक्शन पर जबलपुर कोयंबटूर एक्सप्रेस देर से पहुंचने पर यात्रियों ने हंगामा शुरु कर दिया. ट्रेन के रूट बदल जाने को लेकर गुस्साए यात्रियों ने रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रेल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. रात को मंगला एक्सप्रेस और देर शाम को जबलपुर कोयंबटूर एक्सप्रेस के डाइवर्ट होने की वजह से यात्री गुस्से में थें. रेलवे प्रशासन का कहना है कि होशंगाबाद में भूस्खलन होने की वजह से ट्रेनों के रूट में तब्दीली की गई थी.

जबलपुर। शहर में पश्चिम मध्य रेलवे ने यार्ड मोल्डिंग और नॉन इंटरलॉकिंग का काम पूरा कर लिया हैं. ट्रेनों की धीमी रफ्तार से परेशान डब्ल्यूसीआर ने ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने और यात्रियों को ट्रेनों की लेटलतीफी से निजात जाने के लिए 29 जुलाई को एक महीने का मेगा ब्लॉक लेकर यार्ड रिमोल्डिंग और नॉन इंटरलॉकिंग का काम शुरू किया था, जिसमे सिग्नल, विद्युत लाइन, केवल सहित पटरियों के काम होने थे

जबलपुर रेल्वे स्टेशन में लगा मेगा ब्लॉक हुआ समाप्त

डीआरएम मनोज सिंह ने बताया कि कहा कि यार्ड रिमोल्डिंग और नॉन इंटरलॉकिंग के काम के दौरान इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया कि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो सके. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए जबलपुर से शुरू होने वाली 22 ट्रेनों में से सिर्फ तीन ट्रेनों को ही रद्द किया गया था जबकि 19 ट्रेनों को मुख्य रेल्वे स्टेशन की वजह मदन महल और अधारताल स्टेशन से चलाया गया.

इटारसी जंक्शन पर यात्रियों का हंगामा

इटारसी जंक्शन पर यात्रियों का हंगामा
इटारसी जंक्शन पर जबलपुर कोयंबटूर एक्सप्रेस देर से पहुंचने पर यात्रियों ने हंगामा शुरु कर दिया. ट्रेन के रूट बदल जाने को लेकर गुस्साए यात्रियों ने रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रेल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. रात को मंगला एक्सप्रेस और देर शाम को जबलपुर कोयंबटूर एक्सप्रेस के डाइवर्ट होने की वजह से यात्री गुस्से में थें. रेलवे प्रशासन का कहना है कि होशंगाबाद में भूस्खलन होने की वजह से ट्रेनों के रूट में तब्दीली की गई थी.
Intro:जबलपुर
जबलपुर में यार्ड मोल्डिंग और नॉन इंटरलॉकिंग का काम पूरा होने से पश्चिम मध्य रेलवे ने राहत की सांस ली है। दर्शल ट्रेनों की धीमी रफ्तार से परेशान डब्ल्यूसीआर ने ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने और यात्रियों को ट्रेनों की लेटलतीफी से निजात जाने के लिए बीती 29 जुलाई को एक माह का मेगा ब्लॉक लेकर यार्ड रिमोल्डिंग और नॉन इंटरलॉकिंग का काम शुरू किया था जिसमे सिग्नल,विद्युत लाइन,केवल सहित पटरियों के काम होने थे।


Body:जबलपुर मुख्य रेलवे स्टेशन के पटरियों की कायाकल्प के लिए एक हजार से ज्यादा रेलवे कर्मचारी और अधिकारियों की ड्यूटी लगी थी। इन कामों के लिए पश्चिम मध्य रेल प्रशासन ने लगभग दस करोड़ रु खर्च किए हैं जिनकी बदौलत तय समय पूरा होने से 4 दिन पहले ही जबलपुर रेल्वे ने 8 घंटे का मेगा ब्लॉक लेकर अंतिम चरण में बचे सभी काम पूरे कर लिए। जबलपुर मंडल के डीआरएम मनोज सिंह के मुताबिक यार्ड रिमोल्डिंग और नॉन इंटरलॉकिंग का काम पूरा होने से आने वाले 10 सालों के रेल परिचालन की समस्या दूर हो जाएगी।डीआरएम के मुताबिक लगभग 9 साल पुराने यार्ड रिमोल्डिंग का काम काफी चुनौतीपूर्ण था। लेकिन रेलवे के कर्मचारियों और अधिकारियों ने 29 जुलाई से दिन रात एक कर यह सफलता हासिल की और यह लक्ष्य 4 दिन पहले ही हासिल कर लिया।


Conclusion:डीआरएम मनोज सिंह ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि यार्ड रिमोल्डिंग और नॉन इंटरलॉकिंग के काम के दौरान इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया कि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो सके और जितनी कम ट्रेनें रद्द हो वह की जा सके। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए जबलपुर से शुरू होने वाली 22 ट्रेनों में से सिर्फ तीन ट्रेनों को ही रद्द किया गया था जबकि 19 ट्रेनों को मुख्य रेल्वे स्टेशन की वजह मदन महल और अधारताल स्टेशन से चलाया गया।
बाइट.1-मनोज सिंह...... डीआरएम,जबलपुर मंडल
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