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आठ माह बाद भी मरीजों को नहीं मिल सका ICU का लाभ

होशंगाबाद जिला अस्पताल में करीब आठ माह पूर्व आईसीयू बनकर तैयार हो चुका था. उसके बाद भी आईसीयू में स्टाफ न होने के कारण मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. ये हालात तब है जब कोरोना संक्रमण तेजी से अपने पैर पसार रहा है.

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मरीजों को नहीं मिल पा पहा आईसीयू का लाभ
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Published : Apr 16, 2021, 10:39 AM IST

होशंगाबाद। जिला अस्पताल में लगभग 8 माह पूर्व आईसीयू बनकर तैयार हो गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने के बाद भी आईसीयू में स्टाफ न होने के कारण मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

जब कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है. उसके बाद भी जिला प्रसाशन करीब 8 माह बाद कुशल डॉक्टर और प्रशिक्षित स्टाफ की भर्ती नहीं करा सका है. करीब एक माह पूर्व जिला अस्पताल को एक एमडी डॉक्टर मिले, पर प्रशिक्षित स्टाफ नहीं होने के चलते एक माह से आईसीयू बंद है. आईसीयू बनने के बाद भी संभागीय मुख्यालय पर आईसीयू की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है, जबकि कोराना संक्रमण के कारण प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.

मरीजों को नहीं मिल पा पहा आईसीयू का लाभ


20 बेड एक्स्ट्रा
वर्तमान में अगर जिला अस्पताल की बात की जाए, तो कोविड-19 के लिए डीसिएससी में 36 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था की गई है, जिसमें सेंटर ऑक्सीजन से सप्लाई दी जाती है. सिसिएसी में 11 बेड ऐसे हैं, जिनमें थोड़े स्टेबल पेसेंट्स को रखा जाता है. उन्हें सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन दी जाती है. 27 बेड रिजर्व रखे गए हैं, जिनमें सस्पेक्टेड पेसेंट्स को रखा जा रहा है, जिनका रिजल्ट आना बाकी है. इसके अलावा भी जिला अस्पताल में 20 बेड एक्स्ट्रा रखे गए हैं.

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आईसीयू की बात की जाए, तो लगभग 8 माह पूर्व आईसीयू बनकर तैयार हो चुका था. जिस समय एमडी मेडिसिन डॉक्टर की नियुक्ति हुई. उस दौरान सरकार द्वारा कोविड स्टाफ की नौकरी समाप्त कर दी गई. इस कारण आईसीयू चालू नहीं हो पाया.

होशंगाबाद। जिला अस्पताल में लगभग 8 माह पूर्व आईसीयू बनकर तैयार हो गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने के बाद भी आईसीयू में स्टाफ न होने के कारण मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

जब कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है. उसके बाद भी जिला प्रसाशन करीब 8 माह बाद कुशल डॉक्टर और प्रशिक्षित स्टाफ की भर्ती नहीं करा सका है. करीब एक माह पूर्व जिला अस्पताल को एक एमडी डॉक्टर मिले, पर प्रशिक्षित स्टाफ नहीं होने के चलते एक माह से आईसीयू बंद है. आईसीयू बनने के बाद भी संभागीय मुख्यालय पर आईसीयू की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है, जबकि कोराना संक्रमण के कारण प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.

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20 बेड एक्स्ट्रा
वर्तमान में अगर जिला अस्पताल की बात की जाए, तो कोविड-19 के लिए डीसिएससी में 36 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था की गई है, जिसमें सेंटर ऑक्सीजन से सप्लाई दी जाती है. सिसिएसी में 11 बेड ऐसे हैं, जिनमें थोड़े स्टेबल पेसेंट्स को रखा जाता है. उन्हें सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन दी जाती है. 27 बेड रिजर्व रखे गए हैं, जिनमें सस्पेक्टेड पेसेंट्स को रखा जा रहा है, जिनका रिजल्ट आना बाकी है. इसके अलावा भी जिला अस्पताल में 20 बेड एक्स्ट्रा रखे गए हैं.

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आईसीयू की बात की जाए, तो लगभग 8 माह पूर्व आईसीयू बनकर तैयार हो चुका था. जिस समय एमडी मेडिसिन डॉक्टर की नियुक्ति हुई. उस दौरान सरकार द्वारा कोविड स्टाफ की नौकरी समाप्त कर दी गई. इस कारण आईसीयू चालू नहीं हो पाया.

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