होशंगाबाद। अखिल भारतीय बाघ गणना 2022 की तैयारियां प्रदेश में प्रारंभ कर दी गई हैं. इस सिलसिले में सतपुड़ा टाईगर रिजर्व होशंगाबाद के पचमढ़ी में वृत्त स्तरीय नोडल अधिकारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ. प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल और प्रधान मुख्य वन सरंक्षक और वन बल प्रमुख रमेश कुमार गुप्ता ने प्रदेश में बाघ आंकलन की तैयारियों की समीक्षा की.
ऐसे होती है बाघों की गणना
अखिल भारतीय बाघ गणना हर चार साल में किया जाता है. इस साल यह आंकलन अक्टूबर से दिसंबर तक तीन महीने चलेगा. बाघ गणना तीन चरण में किया जाता है. इसमें प्रथम चरण में सबसे पहले मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों के सभी वन वीटों में मांसाहारी और शाकाहारी वन्य प्राणियों की उपस्थिति संबंधी साक्ष्य इकट्ठे किए जाते हैं. द्वितीय चरण में जी आई एस मैप का वैज्ञानिक अध्ययन और तृतीय चरण में वन क्षेत्रों में कैमरा ट्रैप लगाकर वन्य प्राणियों के फोटो लिए जाते हैं.
इस बार एप के जरिए गणना
इस साल होने वाले बाघों की गणना की खासियत यह है कि इसमें कागज का उपयोग न किया जाकर एक विशेष मोबाईल एप 'एम स्ट्राइप इकोलॉजिकल' के जरिए बाघ के आंकड़े एकत्रित होंगे. इसके साथ ही टाइगर रिजर्व के अलावा क्षेत्रीय वन मण्डल और निगम क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से शाकाहारी-मांसाहारी वन्य-प्राणियों की गणना पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिये मैदानी कर्मचारियों को बाघ गणना के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.
वरिष्ठ अधिकारियों ने दिया प्रशिक्षण
पचमढ़ी में हुए वृत्त स्तरीय नोडल अधिकारियों को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) आलोक कुमार, बाघ आंकलन 2022 के प्रदेश के नोडल अधिकारी डॉ. एच.एस. नेगी, भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के डीन डॉ. वाय व्ही. झाला, एनटीसी टाइगर सेल भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादूर के प्रभारी डॉ. कमर कुरैशी, वैज्ञानिक डॉ. उज्जवल सिन्हा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रशिक्षित किया और आंकलन की बारीकियों को भी बताया गया. इस मौके पर सभी टाईगर रिजर्व के अन्य वन्य अधिकारी मौजूद रहे.