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APJ Abdul Kalam Birth Anniversary: हरदा के कलाकारों ने तीन क्विंटल अनाज से बनाया कलाम का पोट्रेट - तीन क्विंटल अनाज

भारतरत्न ऐपीजे अब्दुल कलाम के 89वें जन्मदिन पर हरदा में एक किसान के बेटे ने अपने साथियों के साथ मिलकर तीन क्विंटल अनाज से कलाम साहब का पोट्रेट बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है. पढ़ें पूरी खबर..

APJ Abdul Kalam portrait
कलाम साहब का पोर्ट्रट
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Published : Oct 16, 2020, 4:08 PM IST

हरदा। मिसाइलमैन कहे जाने वाले देश के पूर्व राष्ट्रपति ऐपीजे अब्दुल कलाम आज भी कई युवाओं के प्रेरणास्त्रोत हैं. वे देश 11वें राष्ट्रपति के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 15 अक्टूबर को उनके जन्मदिवस के अवसर पर जिले के एक किसान के बेटे ने अपने साथियों के साथ मिलकर ग्रेन आर्ट से उनकी खूबसूरत कलाकृति बनाई है.

कलाम साहब का पोट्रेट

कलाम साहब को समर्पित की कलाकृति

जिले के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक किसान के बेटे ने अपने साथियों के साथ मिलकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिन को यादगार बनाया है. भले ही डॉ. कलाम शरीर से अब हमारे बीच नहीं रहे लेकिन, उनके द्वारा देश के लिए किया गया समर्पण और योगदान पूरा जीवन और उनकी सादगी हमेशा के लिए भारतवासियों के दिलों में अमर हो गई है. उनके आदर्शों को ही आत्मसात कर कुकरावद गांव में रहने वाले सतीश गुर्जर ने अपने पिता की कड़ी मेहनत से खेत में तैयार किए गए अनाज की मदद से अब्दुल कलाम साहब की आकर्षक कलाकृति ग्रेन आर्ट से बनाकर उनके 89वें जन्मदिन पर उन्हें समर्पित की है.

APJ Abdul Kalam portrait
अनाज से बनाया पोट्रेट

1500 स्क्वायर फीट में बनाया पोट्रेट

अब्दुल कलाम साहब के इस आकर्षक पोट्रेट को तैयार करने के लिए सतीश गुर्जर और उनके साथियों ने पूरे दो दिन और एक रात कड़ी मेहनत की है. उन्होंने गेहूं, चावल और काली तिल से करीब 1500 स्क्वायर फीट में कलाकृति बनाई है. इस पोट्रेट को बनाने के लिए सतीश गुर्जर ने अपने आठ साथियों की मदद ली. इन युवाओं का मानना है कि पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का शरीर भले ही अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके आदर्श और देश हित में समर्पित भाव से किए गए कार्य सदैव पूरे देश के लोगो में जिंदा रहेंगे.

ये भी पढ़ें- बड़ामलहरा में प्रत्याशियों से नाराज संत-समाज, चुनाव में भगवा और रामायण जैसे शब्दों का प्रयोग करने पर भड़के

APJ Abdul Kalam portrait
लाम का पोट्रेट बनाते ग्रेन आर्टिस्ट

तीन क्विंटल अनाज से बनी कलाकृति

सतीश गुर्जर ने बताया कि ये कलाकृति करीब तीन क्विंटल अनाज से बनाई गई है, जिसमें करीब सवा क्विंटल गेहूं, एक क्विंटल चावल, 25 किलो चना और 20 किलो काली तिल का उपयोग किया गया है. इन कलाकारों का कहना है कि हरदा एक कृषि प्रधान जिला है. यहां के 90 प्रतिशत लोग कृषि पर आधारित हैं, इसलिए उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति स्व.अब्दुल कलाम साहब को किसानों की ओर से खेतों में पैदा किए गए अनाज का पोट्रेट भेंट कर श्रद्धांजलि अर्पित की है.

हरदा। मिसाइलमैन कहे जाने वाले देश के पूर्व राष्ट्रपति ऐपीजे अब्दुल कलाम आज भी कई युवाओं के प्रेरणास्त्रोत हैं. वे देश 11वें राष्ट्रपति के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 15 अक्टूबर को उनके जन्मदिवस के अवसर पर जिले के एक किसान के बेटे ने अपने साथियों के साथ मिलकर ग्रेन आर्ट से उनकी खूबसूरत कलाकृति बनाई है.

कलाम साहब का पोट्रेट

कलाम साहब को समर्पित की कलाकृति

जिले के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक किसान के बेटे ने अपने साथियों के साथ मिलकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिन को यादगार बनाया है. भले ही डॉ. कलाम शरीर से अब हमारे बीच नहीं रहे लेकिन, उनके द्वारा देश के लिए किया गया समर्पण और योगदान पूरा जीवन और उनकी सादगी हमेशा के लिए भारतवासियों के दिलों में अमर हो गई है. उनके आदर्शों को ही आत्मसात कर कुकरावद गांव में रहने वाले सतीश गुर्जर ने अपने पिता की कड़ी मेहनत से खेत में तैयार किए गए अनाज की मदद से अब्दुल कलाम साहब की आकर्षक कलाकृति ग्रेन आर्ट से बनाकर उनके 89वें जन्मदिन पर उन्हें समर्पित की है.

APJ Abdul Kalam portrait
अनाज से बनाया पोट्रेट

1500 स्क्वायर फीट में बनाया पोट्रेट

अब्दुल कलाम साहब के इस आकर्षक पोट्रेट को तैयार करने के लिए सतीश गुर्जर और उनके साथियों ने पूरे दो दिन और एक रात कड़ी मेहनत की है. उन्होंने गेहूं, चावल और काली तिल से करीब 1500 स्क्वायर फीट में कलाकृति बनाई है. इस पोट्रेट को बनाने के लिए सतीश गुर्जर ने अपने आठ साथियों की मदद ली. इन युवाओं का मानना है कि पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का शरीर भले ही अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके आदर्श और देश हित में समर्पित भाव से किए गए कार्य सदैव पूरे देश के लोगो में जिंदा रहेंगे.

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APJ Abdul Kalam portrait
लाम का पोट्रेट बनाते ग्रेन आर्टिस्ट

तीन क्विंटल अनाज से बनी कलाकृति

सतीश गुर्जर ने बताया कि ये कलाकृति करीब तीन क्विंटल अनाज से बनाई गई है, जिसमें करीब सवा क्विंटल गेहूं, एक क्विंटल चावल, 25 किलो चना और 20 किलो काली तिल का उपयोग किया गया है. इन कलाकारों का कहना है कि हरदा एक कृषि प्रधान जिला है. यहां के 90 प्रतिशत लोग कृषि पर आधारित हैं, इसलिए उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति स्व.अब्दुल कलाम साहब को किसानों की ओर से खेतों में पैदा किए गए अनाज का पोट्रेट भेंट कर श्रद्धांजलि अर्पित की है.

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