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विदेश यात्रा, पासपोर्ट नाबालिग बच्चों का मौलिक अधिकार, ऐक्टर नीतीश भारद्वाज की परमिशन जरूरी नहीं - JABALPUR HIGH COURT

जबलपुर हाई कोर्ट ने कहा है कि पासपोर्ट अधिनियम के तहत नाबालिग बच्चों के पासपोर्ट रिन्यूअल के लिए माता-पिता दोनों की सहमति आवश्यक नहीं है. अभिनेता नितीश भारद्वाज की आपत्ति को खारिज करते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की.

JABALPUR HIGH COURT
जबलपुर हाई कोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 16, 2025, 7:13 AM IST

Updated : Jan 16, 2025, 8:26 AM IST

जबलपुर: अभिनेता नीतीश भारद्वाज की जुड़वा नाबालिग बेटियों ने पासपोर्ट रिन्यूवल के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी. जबलपुर हाई कोर्ट के जस्टिस विनय सराफ की एकलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि नाबालिग बच्चों के पासपोर्ट के लिए पिता की अनुमति आवश्यक नहीं है. एकलपीठ ने अपने आदेश में भोपाल पासपोर्ट कार्यालय को निर्देश दिया है कि नाबालिग जुड़वा बहनों के पासपोर्ट के नवीनीकरण का काम एक सप्ताह में पूरा करें.

बच्चों के पासपोर्ट रिन्यूअल के आवेदन पर पिता नीतीश भारद्वाज ने जताई थी आपत्ति

अभिनेता नीतीश भारद्वाज की नाबालिग बेटी देवयानी तथा शिवरंजनी की तरफ से उनकी मां स्मिता भारद्वाज ने यह याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि दोनों नाबालिग बच्चों के पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए उन्होंने भोपाल पासपोर्ट कार्यालय में आवेदन किया था. पासपोर्ट कार्यालय की तरफ से बच्चों के पिता को संचार माध्यम से इसकी सूचना दी गई थी जिस पर पिता ने आपत्ति जताई थी. पिता की तरफ से आपत्ति पेश करने पर पासपोर्ट कार्यालय ने पासपोर्ट रिन्यूअल से इंकार करते हुए न्यायालय से अनुमति लेने के लिए कहा था.

याचिका में कहा गया था कि माता-पिता के बीच तलाक व बच्चों की अभिरक्षा को लेकर मुम्बई की बांद्रा कोर्ट में मामला लंबित है. मां ने बांद्रा कोर्ट में बच्चों के पासपोर्ट रिन्यूअल की अनुमति प्रदान करने के लिए आवेदन किया था. पिता द्वारा आपत्ति पेश करने पर मां ने वहां से आवेदन वापस लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राहत देने की मांग की थी. जिस पर न्यायालय ने 18 जनवरी 2025 को सुनवाई निर्धारित की है.

अर्जी में बच्चों को भारत महोत्सव में शामिल होने के लिए यूके की ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी जाने की कही गई है बात

याचिका में कहा गया था कि उनकी दोनों बेटियों को भारत महोत्सव में शामिल होने के लिए यूके की ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी जाना है. पिता नीतीश भारद्वाज ने आपत्ति जताते हुए कहा कि विदेश में पढ़ाई के लिए बच्चों को दूर ले जाकर न्यायालय के समक्ष गलत जानकारी पेश की गई है. साल 2024 का भारत महोत्सव कार्यक्रम खत्म हो गया है और 2025 को कोई प्रोग्राम अभी तक निर्धारित नहीं हुआ है.

पासपोर्ट अधिनियम के तहत पासपोर्ट के रिन्यूअल के लिए माता-पिता दोनों की सहमति जरूरी नहीं

एकलपीठ ने सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा कि जब तक किसी न्यायालय ने पासपोर्ट रिन्यूअल पर रोक नहीं लगाई है, बच्चों के पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए पिता की अनुमति आवश्यक नहीं है. विदेश यात्रा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और पासपोर्ट अधिनियम के तहत पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए माता-पिता दोनों की सहमति की आवश्यकता नहीं है.

याचिकाकर्ता ने फार्म सी में इस बात की जानकारी दी है कि पति से तलाक व बच्चों की अभिरक्षा का मामला न्यायालय में लंबित है. एकलपीठ ने आपत्तिकर्ता पिता को यह स्वतंत्रता दी है कि गलत जानकारी देकर बच्चों का पासपोर्ट रिन्यू करवाने के संबंध में वह लंबित प्रकरण में कुटुंब न्यायालय में अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं. याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ उपस्थित हुए.

जबलपुर: अभिनेता नीतीश भारद्वाज की जुड़वा नाबालिग बेटियों ने पासपोर्ट रिन्यूवल के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी. जबलपुर हाई कोर्ट के जस्टिस विनय सराफ की एकलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि नाबालिग बच्चों के पासपोर्ट के लिए पिता की अनुमति आवश्यक नहीं है. एकलपीठ ने अपने आदेश में भोपाल पासपोर्ट कार्यालय को निर्देश दिया है कि नाबालिग जुड़वा बहनों के पासपोर्ट के नवीनीकरण का काम एक सप्ताह में पूरा करें.

बच्चों के पासपोर्ट रिन्यूअल के आवेदन पर पिता नीतीश भारद्वाज ने जताई थी आपत्ति

अभिनेता नीतीश भारद्वाज की नाबालिग बेटी देवयानी तथा शिवरंजनी की तरफ से उनकी मां स्मिता भारद्वाज ने यह याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि दोनों नाबालिग बच्चों के पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए उन्होंने भोपाल पासपोर्ट कार्यालय में आवेदन किया था. पासपोर्ट कार्यालय की तरफ से बच्चों के पिता को संचार माध्यम से इसकी सूचना दी गई थी जिस पर पिता ने आपत्ति जताई थी. पिता की तरफ से आपत्ति पेश करने पर पासपोर्ट कार्यालय ने पासपोर्ट रिन्यूअल से इंकार करते हुए न्यायालय से अनुमति लेने के लिए कहा था.

याचिका में कहा गया था कि माता-पिता के बीच तलाक व बच्चों की अभिरक्षा को लेकर मुम्बई की बांद्रा कोर्ट में मामला लंबित है. मां ने बांद्रा कोर्ट में बच्चों के पासपोर्ट रिन्यूअल की अनुमति प्रदान करने के लिए आवेदन किया था. पिता द्वारा आपत्ति पेश करने पर मां ने वहां से आवेदन वापस लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राहत देने की मांग की थी. जिस पर न्यायालय ने 18 जनवरी 2025 को सुनवाई निर्धारित की है.

अर्जी में बच्चों को भारत महोत्सव में शामिल होने के लिए यूके की ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी जाने की कही गई है बात

याचिका में कहा गया था कि उनकी दोनों बेटियों को भारत महोत्सव में शामिल होने के लिए यूके की ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी जाना है. पिता नीतीश भारद्वाज ने आपत्ति जताते हुए कहा कि विदेश में पढ़ाई के लिए बच्चों को दूर ले जाकर न्यायालय के समक्ष गलत जानकारी पेश की गई है. साल 2024 का भारत महोत्सव कार्यक्रम खत्म हो गया है और 2025 को कोई प्रोग्राम अभी तक निर्धारित नहीं हुआ है.

पासपोर्ट अधिनियम के तहत पासपोर्ट के रिन्यूअल के लिए माता-पिता दोनों की सहमति जरूरी नहीं

एकलपीठ ने सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा कि जब तक किसी न्यायालय ने पासपोर्ट रिन्यूअल पर रोक नहीं लगाई है, बच्चों के पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए पिता की अनुमति आवश्यक नहीं है. विदेश यात्रा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और पासपोर्ट अधिनियम के तहत पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए माता-पिता दोनों की सहमति की आवश्यकता नहीं है.

याचिकाकर्ता ने फार्म सी में इस बात की जानकारी दी है कि पति से तलाक व बच्चों की अभिरक्षा का मामला न्यायालय में लंबित है. एकलपीठ ने आपत्तिकर्ता पिता को यह स्वतंत्रता दी है कि गलत जानकारी देकर बच्चों का पासपोर्ट रिन्यू करवाने के संबंध में वह लंबित प्रकरण में कुटुंब न्यायालय में अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं. याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ उपस्थित हुए.

Last Updated : Jan 16, 2025, 8:26 AM IST
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