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बच्चों को दिये लैंगिग अपराधों से बचाव के लिए दिखाई गई 'कोमल' फिल्म - tips for avoiding gender crimes given to children in Women's Child Development Department

एक निजी स्कूल में बाल कल्याण समिति की सदस्य वीणा त्रिपाठी के द्वारा आयोजित कार्यशाला में स्कूली बच्चों को सलाह दी गई कि किसी भी प्रकार की समस्या आने पर जोर-जोर से चिल्लाना और बुरी हरकत करने वालों की जानकारी अपने परिजनों को देना चाहिए.

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Published : Jul 16, 2019, 12:02 AM IST

हरदा। महिला बाल विकास विभाग के द्वारा नगर के विभिन्न स्कूलों में जाकर छात्र छात्राओं को लैंगिग अपराधों के प्रति सतर्क रहने और बचाव को लेकर जानकारी दी जा रही है. इसी के तहत आज एक निजी स्कूल में बाल कल्याण समिति की सदस्य वीणा त्रिपाठी के द्वारा आयोजित कार्यशाला में स्कूली बच्चों को सलाह दी गई कि किसी भी प्रकार की समस्या आने पर जोर-जोर से चिल्लाना और बुरी हरकत करने वालों की जानकारी अपने परिजनों को देना चाहिए.

समाजसेवी सुष्मिता चौहान ने बच्चों से कहा कि यदि किसी बालिका को कभी भी सुनसान जगह पर नहीं जाना चाहिए. साथ ही किसी भी अंजान व्यक्ति के द्वारा बुरी तरह से बर्ताव करने पर उसकी जानकारी बिना किसी डर के अपने माता- पिता को तुरंत देनी चाहिए. उन्होंने बताया कि 14 नवंबर 2014 से बच्चों की सुरक्षा के लिए एक कानून बनाया गया है. जिसके तहत बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्ति को कड़ी सजा का प्रावधान है.

कार्यशाला में स्कूली बच्चों को 'कोमल' फिल्म दिखाकर लैंगिग अपराधों से सतर्क रहने के लिए सचेत किया गया. इस दौरान उपस्थित अतिथियों के द्वारा बच्चों की जिज्ञासा को भी दूर की गयी.

हरदा। महिला बाल विकास विभाग के द्वारा नगर के विभिन्न स्कूलों में जाकर छात्र छात्राओं को लैंगिग अपराधों के प्रति सतर्क रहने और बचाव को लेकर जानकारी दी जा रही है. इसी के तहत आज एक निजी स्कूल में बाल कल्याण समिति की सदस्य वीणा त्रिपाठी के द्वारा आयोजित कार्यशाला में स्कूली बच्चों को सलाह दी गई कि किसी भी प्रकार की समस्या आने पर जोर-जोर से चिल्लाना और बुरी हरकत करने वालों की जानकारी अपने परिजनों को देना चाहिए.

समाजसेवी सुष्मिता चौहान ने बच्चों से कहा कि यदि किसी बालिका को कभी भी सुनसान जगह पर नहीं जाना चाहिए. साथ ही किसी भी अंजान व्यक्ति के द्वारा बुरी तरह से बर्ताव करने पर उसकी जानकारी बिना किसी डर के अपने माता- पिता को तुरंत देनी चाहिए. उन्होंने बताया कि 14 नवंबर 2014 से बच्चों की सुरक्षा के लिए एक कानून बनाया गया है. जिसके तहत बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्ति को कड़ी सजा का प्रावधान है.

कार्यशाला में स्कूली बच्चों को 'कोमल' फिल्म दिखाकर लैंगिग अपराधों से सतर्क रहने के लिए सचेत किया गया. इस दौरान उपस्थित अतिथियों के द्वारा बच्चों की जिज्ञासा को भी दूर की गयी.

Intro:महिला बाल विकास विभाग के द्वारा नगर के विभिन्न स्कूलों में जाकर छात्र छात्राओं को लैंगिग अपराधों के प्रति सतर्क रहने और बचाव को लेकर जानकारी दी जा रही है।इसी के तहत आज एक निजी स्कूल में बाल कल्याण समिति की सदस्य वीणा त्रिपाठी के द्वारा आयोजित कार्यशाला में स्कूली बच्चों को किसी प्रकार की समस्या आने पर जोर जोर से चिल्लाने ओर बुरी हरकत करने वाले की जानकारी परिजनों को बताने की सलाह दी।


Body:समाजसेवी सुष्मिता चौहान ने बच्चों से कहा कि यदि किसी बालिका को कभी भी सुनसान स्थान पर नही जाना चाहिए।साथ ही किसी भी अंजान व्यक्ति के द्वारा बुरी तरह से बर्ताव करने पर उसकी जानकारी बिना किसी डर के अपने माता पिता को तुरंत देनी चाहिए।उन्होंने बताया कि 14 नवंबर 2014 से बच्चों की सुरक्षा के लिए एक कानून बनाया गया है।जिसके तहत बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्ति को कड़ी सजा का प्रवधान है।


Conclusion:कार्यशाला में स्कूली बच्चों को कोमल फ़िल्म दिखा कर लैंगिग अपराधों से सतर्क रहने के लिए सचेत किया गया।इस दौरान उपस्थित अतिथियों के द्वारा बच्चो की जिज्ञासा को भी दूर किया गया। बाईट - आशीष विश्वकर्मा, महिला बाल विकास विभाग हरदा
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