हरदा। 15 अप्रैल से जिले में गेहूं खरीदी शुरू होना है, लेकिन हम्मालों की कमी गेहूं खरीदी में सबसे बड़ी समस्या बनी है. प्रशासन के द्वारा गेहूं खरीदी के लिए जिले में 155 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. जिसके लिए जिले में मात्र ढाई हजार हम्माल ही उपलब्ध हैं. वहीं कोरोना महामारी के चलते हम्मालों ने भी प्रशासन से अपनी सुरक्षा को लेकर मांग की है. हम्मालों का कहना है कि सरकार द्वारा उनकी सुरक्षा को लेकर खरीदी केंद्र पर काम करने वाले सभी हम्मालों का सामूहिक बीमा कराया जाना चाहिए. आज हरदा में तवा हम्माल मजदूर पंचायत समिति ने मंडी सचिव को एक पत्र लिखकर लाडो नदी में हम्माली कार्य न करने की बात कही है.
बीते साल प्रशासन के द्वारा हरदा जिले में 105 खरीदी केंद्र पर करीब सात हजार हम्मालों को तुलाई कार्य के लिए रखा गया था, लेकिन लॉकडाउन के दौरान दूसरे प्रदेशों और अन्य जिलों से आने वाले मजदूरों की कमी से तुलाई कार्य प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है. उधर हम्मालों के प्रतिनिधि कैलाश पटेल का कहना है कि सभी खरीदी केंद्रों पर जाने वाले हम्मालों को प्रशासन के द्वारा जांच करने के बाद ही केंद्र पर भेजने के लिए कहा गया है. यदि प्रशासन के द्वारा तुलाई के लिए काम करने वाले हम्मालों की जांच नहीं की जाती तो उनमें डर रहेगा और उनके द्वारा तुलाई कार्य करने में परहेज किया जाएगा.
उधर सहकारिता आयुक्त अखिलेश चौहान ने बताया कि उनके द्वारा खरीदी केंद्र पर तुलाई करने वाले सभी हम्मालों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त इंतजाम किए हैं. उनके लिए मास्क उपलब्ध कराए गए हैं, साथ ही उनके हाथों को धोने के लिए साबुन और पानी की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि मेडिकल टीम के द्वारा सभी हम्मालों की जांच कर उन्हें तुलाई के लिए भेजा जाएगा.