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मृत्युभोज जैसी सामाजिक कुरीतियां बंद की जाएं: संत डॉ गोवर्धनराम

हरदा में अगहन महोत्सव में आचार्य संत डॉ गोवर्धनराम ने विश्नोई समाज के लोगों से मृत्युभोज बंद करने की अपील की. उन्होंने इसे सामाजिक कुरीति बताया.

Saint Dr. Govardhanram asked the people of Vishnoi society to stop the death row
संत डॉ गोवर्धनराम ने मृत्युभोज बंद करने की अपील की
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Published : Nov 28, 2019, 2:31 PM IST

हरदा। जिले के ग्राम नीमगांव में अगहन महोत्सव में आचार्य संत डॉ गोवर्धनराम पहुंचे. महोत्सव में आचार्य ने विश्नोई समाज के लोगों से मृत्युभोज जैसी सामाजिक कुरीतियों को बंद करने की अपील की. साथ ही आचार्य ने विश्नोई धर्मशाला में समाज के वरिष्ठ सदस्यों और पदाधिकारियों के साथ पौधारोपण भी किया.

संत डॉ गोवर्धनराम ने मृत्युभोज बंद करने की अपील की

आचार्य संत डॉ गोवर्धनराम ने विश्नोई समाज की बेटियों को शिक्षा में बढ़ावा देने साथ ही खर्चीली शादियों की बजाय सामूहिक सम्मेलन में विवाह करने की बात कही. आचार्य ने कहा कि परिवार में शोक के समय भोजन नहीं करना चाहिए. उन्होंने जम्भेश्वर मांगलिक भवन में समाज के लोगों के साथ पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने की भी अपील की.

हरदा। जिले के ग्राम नीमगांव में अगहन महोत्सव में आचार्य संत डॉ गोवर्धनराम पहुंचे. महोत्सव में आचार्य ने विश्नोई समाज के लोगों से मृत्युभोज जैसी सामाजिक कुरीतियों को बंद करने की अपील की. साथ ही आचार्य ने विश्नोई धर्मशाला में समाज के वरिष्ठ सदस्यों और पदाधिकारियों के साथ पौधारोपण भी किया.

संत डॉ गोवर्धनराम ने मृत्युभोज बंद करने की अपील की

आचार्य संत डॉ गोवर्धनराम ने विश्नोई समाज की बेटियों को शिक्षा में बढ़ावा देने साथ ही खर्चीली शादियों की बजाय सामूहिक सम्मेलन में विवाह करने की बात कही. आचार्य ने कहा कि परिवार में शोक के समय भोजन नहीं करना चाहिए. उन्होंने जम्भेश्वर मांगलिक भवन में समाज के लोगों के साथ पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने की भी अपील की.

Intro:करीबी ग्राम नीमगांव में अगहन महोत्सव में पधारे आचार्य संत डॉ गोवर्धनराम ने विश्नोई समाज के लोगों से मृत्युभोज जैसी सामाजिक कुरीतियों को बंद करने की अपील की ।नगर की विश्नोई धर्मशाला में आचार्य गोवर्धनराम ने समाज के वरिष्ठ सदस्यों और पदाधिकारियों के साथ पर्यावरणसंरक्षण को लेकर पौधरोपण भी किया।संत श्री ने बीते पांच दिनों तक रोजाना अलग अलग विषयो के माध्यम से समाज के लोगों को सदमार्ग पर चलने और पर्यावरण की रक्षा करने की बात कही।


Body:उन्होंने कहा कि जब किसी भी परिवार का कोई सदस्य चला जाता है उस दौरान किसी भी तरहः का मिष्ठान आदि खाना ठीक नही है।जब होली के समय हम लोग सादा भोजन बनाये है तो फिर किसी की मृत्यू के समय मिष्ठान आदि क्यो।उन्होनें बताया कि पूर्व के समय मे परिस्थितियों के अनुसार मृतयु भोज प्रचलन में रहा होगा।लेकिन अब सभी लोगों को इस बुराई को दूर करना होगा।उन्होंने कहा कि शोकसंतप्त परिवार में भोजन नही करना चाहिए।यह समाज के लिए अभिशाप है।


Conclusion:आचार्य श्री ने विश्नोई समाज की बेटियों को शिक्षा में बढ़ावा देने के साथ साथ खर्चीली शादियों की बजाय सामूहिक सम्मेलन में विवाह करने की बात कही।उन्होंने जम्भेश्वर मांगलिक भवन में समाज के लोगों के साथ पौधरोपण कर पर्यावरणसंरक्षण के लिए काम करने की भी अपील की।
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