हरदा। दिल्ली में बीते 65 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन को केंद्र सरकार, यूपी एवं हरियाणा सरकार के द्वारा बलपूर्वक कुचलने की कोशिश का आरोप संयुक्त किसान मोर्चा ने लगाया है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर एडीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया है. इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी भी की. किसानों का कहना है कि अगर सरकार के द्वारा दमनकारी नीति अपनाते हुए किसानों के शांतिपूर्ण धरने को समाप्त करने की कोशिश की गई तो किसानों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा.
किसानों का कहना है किसान आंदोलन को सरकार द्वारा लाठीचार्ज कर बलपूर्वक खत्म करने का प्रयास किया गया है. किसानों ने ये भी आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा वृद्ध महिलाओं और नौजवानों पर पुलिस ने हमला कर गंभीर रूप से घायल किया है. साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के धरने को असंवैधानिक घोषित कर धरना स्थल की बिजली काट दी गई है और पानी की सप्लाई भी बंद कर दी गई है.
बता दें किसानों के आंदोलन को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा किसानों का मौलिक अधिकार बताया गया है, किसानों का कहना हैं बीजेपी सरकार के विधायक इस आंदोलन में अपने समर्थकों के साथ पहुंचकर किसानों के आंदोलन को समाप्त कराने के लिए लाठी-डंडे और हथियार लेकर पहुंच रहे हैं जिसमें पुलिस भी मूकदर्शक बनी हुई.