हरदा। मध्यप्रदेश में कोरोना के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. कोरोना से मुक्त हरदा के लिए चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां जून माह के अंत और जुलाई माह के पहले हफ्ते में यहां कोरोना के मरीज बढ सकते हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च सेंटर ने मरीजों की संख्या में होने वाले इजाफो को लेकर आशंका जताई है. राज्य के सभी जिला कलेक्टर्स को इस स्थिति से निपटने की तैयारियां करने के लिए आगाह किया है.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च सेंटर के मुताबकि जून और जुलाई में जिले में 1779 कोरोना संक्रमित मरीज मिलने का अनुमान है, जिसमें 389 मरीज गंभीर होना बताया जा रहा है. विशेषज्ञों की राय और अब तक की स्थिति को देखते हुए आने वाले 2 महीनों में कोरना पॉजिटिव मरीजों के बढ़ने की आशंका को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. जिला अस्पताल के साथ-साथ सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ-साथ सभी तहसील मुख्यालय के छात्रावासों के साथ कुछ होटलों में भी मरीजों के उपचार और उन्हें क्वारेंटाइन करने की व्यवस्था की जा रही है.
जिला अस्पताल में हवन
जिला अस्पताल में आईसीएमआर की रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल प्रबंधन के द्वारा युद्ध स्तर पर इस तरह की स्थिति से निपटने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इन तैयारियों के साथ-साथ जिला अस्पताल में कर्मचारियों के द्वारा धार्मिक और प्राचीन मान्यताओं के अनुसार अस्पताल के मुख्य गेट पर आने-वाले मरीजों में संक्रमण का खतरा ना होने पाए इसके लिए हवन कुंड में हवन सामग्री और नीम की पत्तियां जलाकर धुआं किया जा रहा है.
10 बेड का ऑक्सीजन वार्ड तैयार
सीएमएचओ किशोर कुमार नागवंशी ने बताया जिले में 1779 मरीज मिलने का अनुमान है, जिनमें से 389 मरीज गंभीर हो सकते हैं. इसको दृष्टिकोण रखते हुए हमारे द्वारा ऐसी स्थिति से निपटने को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. ऐसी स्थिति बनने पर हरदा जिले में 303 बेड की आवश्यकता होगी, जिसके लिए अभी हमारे पास 230 पलंग की उपलब्धता है. शेष 73 बेड के लिए हमारे द्वारा अलग-अलग स्थानों को आरक्षित कर वहां मरीजों को रखने के लिए तैयारियां की गई हैं. फिलहाल अस्पताल में एक बैंक लीटर की व्यवस्था है और तीन के लिए शासन को डिमांड भेज दी गई है. साथ में हमारे द्वारा 10 बेड का ऑक्सीजन वार्ड भी तैयार किया जा रहा है.
युद्ध स्तर पर की जा रही तैयारियां
सीएमएचओ किशोर कुमार नागवंशी ने बताया अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों श्रमिकों को जिले में प्रवेश के पहले जांच की जा रही है. वहीं गांव स्तर पर भी आने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है, लेकिन इसके बाद भी संक्रमित व्यक्ति के आने से मरीजों की संख्या में इजाफा हो सकता है, इसको देखते हुए युद्ध स्तर पर तैयारियां की गई हैं.