सागर: मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार बुधवार को सागर के दौरे पर थे. जहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने सौरभ शर्मा मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव पर सवाल उठाए और कहा कि सौरभ शर्मा के संबंधों की जांच होनी चाहिए, लेकिन मुख्यमंत्री जांच से डर रहे हैं. वहीं, उन्होंने कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे के बीजेपी में शामिल होने वाले मामले पर कहा कि विधानसभा स्पीकर को 90 दिन में फैसला करना था, लेकिन उन्होंने नहीं किया. अब हम न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.
'सौरभ शर्मा से जुड़े मंत्रियों और अधिकारियों की हो जांच'
एमपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा "सौरभ शर्मा एक छोटी मछली है. बड़ा मगरमच्छ कोई और है. वह किसके लिए काम करता था. उसके साथ कौन-कौन लोग जुड़े थे. उसके परिवहन मंत्री और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से क्या संबंध थे. मोहन यादव इन सब की जांच क्यों नहीं करवाना चाहते. मुख्यमंत्री को डर लग रहा है कि कहीं वे भी इस आग में न झुलस जाए.
सौरभ शर्मा के नाम पर कई लोगों ने करोड़ों रुपए कमा लिए, लेकिन सीएम इसकी जांच नहीं करवा रहे हैं." उन्होंने प्रदेश सरकार पर भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाते हुए कहा, "2012-13 से लोकायुक्त के जांच प्रतिवेदन लंबित पड़े हैं. सरकार नहीं चाहती है कि सदन के पटल पर भ्रष्टाचार पर चर्चा हो."
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निर्मला सप्रे को लेकर क्या बोले उमंग सिंघार
बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे के मामले में उन्होंने कहा कि "हम नियम प्रक्रिया के अनुसार ही काम कर सकते हैं. केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने जो नियम बनाया है, उसके अनुसार 90 दिन का समय स्पीकर के पास रहता है. स्पीकर ने तय समय में फैसला नहीं किया, इसलिए हम कोर्ट गए हैं."
दरअसल, बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने पिछले दिनों कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था और भाजपा के साथ जुड़ गई हैं. हालांकि उन्होंने अभी तक आधिकारिक तौर पर बीजेपी ज्वाइन नहीं किया है, लेकिन भाजपा के हर कार्यक्रमों ने उनकी भागीदारी देखी जा सकती है.