ग्वालियर। शहर के एक प्रतिष्ठित नर्सिंग होम कल्याण मेमोरियल हॉस्पिटल के दो डॉक्टरों पर ITBP जवान की पत्नी ने अपना बच्चा बदलने का आरोप लगाया है, जिस पर हाईकोर्ट ने भी सख्त रुख अख्तियार किया है. कोर्ट ने सरकार से 2 सप्ताह के अंदर जवाब तलब किया है और एमसीआई को भी नर्सिंग होम के खिलाफ मिसकंडक्ट की कार्रवाई करने संबंधी निर्देश दिए हैं.
मंगलवार को हाई कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार, एमसीआई से जवाब मांगा है. अधिवक्ता का कहना है कि यदि जरूरत पड़ी, तो बच्चे का डीएनए टेस्ट भी करवाएंगे. इस बारे में पुलिस को भी 2 सप्ताह में अपना जवाब हाई कोर्ट में पेश करना है.
क्या है पूरा मामला
आइटीबीपी सब इंस्पेक्टर की पत्नी को एक बेटे की दरकार थी. उन्होंने कल्याण मेमोरियल हॉस्पिटल का विज्ञापन देखा जिसमें टेस्ट ट्यूब बेबी के जरिए मनचाहा बच्चा देने का दावा किया गया था. इसी आधार पर उन्होंने अस्पताल की निर्धारित फीस चुकाई और मेल चाइल्ड के लिए गर्भ धारण किया. महिला की डिलीवरी हुई, और उसे मिल चाइल्ड हुआ, ऐसा कागजातों में भी उल्लेख है, लेकिन जब महिला को डिस्चार्ज किया गया तो लड़के की जगह उन्हें लड़की थमा दी गई.
महिला के विरोध करने पर अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि लड़के की तबीयत खराब है, उसे कुछ दिन अस्पताल रखना पड़ेगा. बाद में जब महिला ने अपना बच्चा मांगा, तो कुछ और पैसों की डिमांड की गई. पैसे देने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि उनको लड़की ही पैदा हुई थी, जिस पर महिला ने थाने में शिकायत की, पीड़ित का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन ने ज्यादा पैसे मिलने की लालच में उनका बच्चा बेच दिया है, लेकिन जब थाने में बात नहीं बनी, तो ITBP जवान और उसकी पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की.