ग्वालियर। बीते 3 माह से बंद आधार कार्ड बनाने और उसमें सुधार की प्रक्रिया एक बार फिर डाकघरों में शुरू कर दी गई है, लेकिन सीमित संसाधनों से शुरू हुई इस प्रक्रिया में लोगों का हुजूम उमड़ रहा है. किसी को अपना नया आधार कार्ड बनवाना है तो किसी को अपने बच्चों के स्कूल में प्रवेश को लेकर उनका आधार कार्ड बनवाना है. ऐसे लोगों की भी संख्या कम नहीं है, जिनके आधार कार्ड में कुछ न कुछ कमी रह गई थी.
लोग कार्ड में सुधार के लिए डाकघर पर सुबह 9 बजे ही पहुंच जाते हैं, डाकघर के कर्मचारी दो खिड़कियों पर सिर्फ सौ संख्या तक ही आधार कार्ड बनाने या उसमें संशोधन कर पा रहे हैं, जबकि यहां आने वालों की संख्या इससे पांच गुना ज्यादा है. खास बात ये है कि कोरोना संक्रमण को लेकर जारी की गई गाइडलाइन का यहां खुलेआम मखौल उड़ता देखा जा सकता है. बढ़ती भीड़ के चलते सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है. कुछ लोग बिना मास्क के भी डाकघर पहुंच रहे हैं. बुधवार को हालात ऐसे बने कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा.
बैंक खाता, वोटर कार्ड और विभिन्न प्रकार के ऋण सहित कई मामलों में सरकार ने आधार कार्ड की अनिवार्यता लागू की है. जिसके कारण बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को अपना आधार कार्ड बनवाना पड़ रहा है. बच्चों के एडमिशन में भी इसे जरूरी किया गया है, इसके चलते लॉकडाउन की प्रक्रिया से उबरने के बाद डाक विभाग ने एक बार फिर से नए आधार कार्ड बनाना शुरू कर दिया है.