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अस्थाई सब्जी बिक्री पॉइंट से व्यापारी नाखुश, कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन - Registry in vegetable market

मंडी प्रशासन ने छोटे कारोबारियों पर जबरन दुकानों की रजिस्ट्री कराने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है. अपनी मांगों को लेकर सब्जी कारोबारियों ने कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया और प्रशासन से कुछ समय देने की मांग की है.

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सब्जी विक्रेता
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Published : May 29, 2020, 12:16 AM IST

Updated : May 29, 2020, 2:07 PM IST

ग्वालियर। मंडी प्रशासन ने छोटे कारोबारियों पर जबरन दुकानों की रजिस्ट्री कराने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है. अपनी मांगों को लेकर सब्जी कारोबारियों ने कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया और प्रशासन से कुछ समय देने की मांग की है.

अस्थाई सब्जी बिक्री पॉइंट से विक्रेताओं ने दिया धरना

कारोबारियों का तर्क है कि, लक्ष्मीगंज की मौजूदा सब्जी मंडी को न खोलते हुए नो एंट्री जोन की नई सब्जी मंडी के नाम पर मंडी बोर्ड दोबारा धरोहर राशि जमा करा रहा है. जबकि 2005 में भी राशि जमा कराई गई थी. मंडी को तीन चरणों में सुरक्षित मापदंड से सिर्फ खेरीज विक्रेताओं के लिए खोला जाए. क्योंकि लक्ष्मीगंज पुरानी सब्जी मंडी में 500 से ज्यादा दुकानें हैं और नई मंडी में सिर्फ 200 ही दुकानें बनाई गई हैं. 174 प्लॉट बुक हो चुके हैं और नई सब्जी मंडी में रजिस्ट्री के लिए 21 मई को विज्ञप्ति भी मंडी बोर्ड की ओर से जारी की गई है.

वसूली का लगाया आरोप

2005 में पहले भी नई सब्जी मंडी के नाम पर धरोहर राशि प्रति व्यापारी किसी से 15 हजार तो किसी से 20 हजार जमा करा ली गई थी, लेकिन अब उस राशि के नाम पर बात ही नहीं की जा रही है. अब वसूली जाने वाली राशि अवैध वसूली ही है. वहीं कलेक्टर ने सब्जी व्यापारियों की मांग को फिलहाल फौरी तौर पर मान लिया है. साथ ही कहा है कि, मंडी प्रबंधन से बात करके आगे की कार्रवाई की जाएगी.

ग्वालियर। मंडी प्रशासन ने छोटे कारोबारियों पर जबरन दुकानों की रजिस्ट्री कराने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है. अपनी मांगों को लेकर सब्जी कारोबारियों ने कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया और प्रशासन से कुछ समय देने की मांग की है.

अस्थाई सब्जी बिक्री पॉइंट से विक्रेताओं ने दिया धरना

कारोबारियों का तर्क है कि, लक्ष्मीगंज की मौजूदा सब्जी मंडी को न खोलते हुए नो एंट्री जोन की नई सब्जी मंडी के नाम पर मंडी बोर्ड दोबारा धरोहर राशि जमा करा रहा है. जबकि 2005 में भी राशि जमा कराई गई थी. मंडी को तीन चरणों में सुरक्षित मापदंड से सिर्फ खेरीज विक्रेताओं के लिए खोला जाए. क्योंकि लक्ष्मीगंज पुरानी सब्जी मंडी में 500 से ज्यादा दुकानें हैं और नई मंडी में सिर्फ 200 ही दुकानें बनाई गई हैं. 174 प्लॉट बुक हो चुके हैं और नई सब्जी मंडी में रजिस्ट्री के लिए 21 मई को विज्ञप्ति भी मंडी बोर्ड की ओर से जारी की गई है.

वसूली का लगाया आरोप

2005 में पहले भी नई सब्जी मंडी के नाम पर धरोहर राशि प्रति व्यापारी किसी से 15 हजार तो किसी से 20 हजार जमा करा ली गई थी, लेकिन अब उस राशि के नाम पर बात ही नहीं की जा रही है. अब वसूली जाने वाली राशि अवैध वसूली ही है. वहीं कलेक्टर ने सब्जी व्यापारियों की मांग को फिलहाल फौरी तौर पर मान लिया है. साथ ही कहा है कि, मंडी प्रबंधन से बात करके आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : May 29, 2020, 2:07 PM IST
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