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रक्षाबंधन पर कोरोना का ग्रहण, ग्वालियर सेंट्रल जेल में बंद कैदियों की सूनी रही कलाई

ग्वालियर के केंद्रीय कारागार परिसर में इस बार वह चहल-पहल नहीं दिखी, रक्षाबंधन के मौके पर जेल में बंद अपने भाइयों को बहनें राखी बांधने पहुंचती थीं. ये बहनें अपने भाइयों को घर का बना खाना खिलाती थीं. कोरोना संक्रमण के कारण इस बार जेल प्रशासन ने यहां बंद कैदियों को उनकी बहनों द्वारा राखी बांधने की अनुमति नहीं दी है.

Gwalior Central Jail
ग्वालियर सेंट्रल जेल
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Published : Aug 3, 2020, 5:56 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर सेंट्रल जेल में करीब ढाई हजार कैदी बंद हैं. जिन्हें हर रक्षाबंधन पर राखी बांधने के लिए बहनें आती थीं. इसके लिए जेल प्रबंधन को विशेष इंतजाम करने पड़ते थे. जिला पुलिस बल का पूरा फोर्स यहां तैनात रहता था, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे से सब कुछ उलट-पुलट कर रख दिया है. जेल प्रशासन ने राखी बांधने के लिए बहनों को अनुमति नहीं दी थी, उन्हें सिर्फ डाक के द्वारा राखी भेजने की अनुमति दी गई थी.

रक्षाबंधन पर ग्वालियर सेंट्रल जेल परिसर रहा सूना

जेल में बंद अपने भाइयों को बहुत कम संख्या में बहनों ने राखी भेजी है. सिर्फ डेढ़ दर्जन महिलाओं के लिफाफे जेल प्रशासन के पास पहुंचे हैं, जिन्हें उनके सेंट्रल जेल में बंद भाइयों के सुपुर्द कर दिया गया है. कोरोना संक्रमण के कारण भीड़ कम करने के मकसद से पहले ही कई कैदियों को जमानत पर छोड़ दिया गया है. जिस तरह से इस बार रक्षाबंधन का त्योहार बीता है, ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है.

ग्वालियर। ग्वालियर सेंट्रल जेल में करीब ढाई हजार कैदी बंद हैं. जिन्हें हर रक्षाबंधन पर राखी बांधने के लिए बहनें आती थीं. इसके लिए जेल प्रबंधन को विशेष इंतजाम करने पड़ते थे. जिला पुलिस बल का पूरा फोर्स यहां तैनात रहता था, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे से सब कुछ उलट-पुलट कर रख दिया है. जेल प्रशासन ने राखी बांधने के लिए बहनों को अनुमति नहीं दी थी, उन्हें सिर्फ डाक के द्वारा राखी भेजने की अनुमति दी गई थी.

रक्षाबंधन पर ग्वालियर सेंट्रल जेल परिसर रहा सूना

जेल में बंद अपने भाइयों को बहुत कम संख्या में बहनों ने राखी भेजी है. सिर्फ डेढ़ दर्जन महिलाओं के लिफाफे जेल प्रशासन के पास पहुंचे हैं, जिन्हें उनके सेंट्रल जेल में बंद भाइयों के सुपुर्द कर दिया गया है. कोरोना संक्रमण के कारण भीड़ कम करने के मकसद से पहले ही कई कैदियों को जमानत पर छोड़ दिया गया है. जिस तरह से इस बार रक्षाबंधन का त्योहार बीता है, ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है.

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