ETV Bharat / state

आटे के बाद तेल निकाल रहा सरकार का 'तेल', गरीबों को मुफ्त राशन के साथ बांटे जा रहे नए ब्रांड के तेल

कोरोना महामारी के संक्रमण काल में नए-नए ब्रांड के सरसों के तेल राशन के साथ गरीबों को बांटे जा रहे हैं, इस तेल में मिलावट की संभावना है.

adulteration of edible oil
आटे के बाद तेल पर बवाल
author img

By

Published : Apr 22, 2020, 5:27 PM IST

ग्वालियर। कोरोना वायरस के चलते विभिन्न इलाकों में जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अमला गरीबों को राशन उपलब्ध करा रहा है, लेकिन इसमें गुणवत्ता का कितना ध्यान रखा जा रहा है. गरीबों को बांटे जा रहे राशन किट में नए-नए ब्रांड के सरसों के तेल एक लीटर की बोतल दिए जा रहे हैं, जिनका कभी नाम ही नहीं सुना गया है. ऐसे में सरसों तेल की अपेक्षा सस्ता आने वाला राइस ब्रान मिलावट के जरिए धड़ल्ले से खपाया जा रहा है.

आटे के बाद तेल पर बवाल

ग्वालियर अंचल में रोजाना लगभग 550 क्विंटल सरसों का तेल बनाया जाता है, जबकि इसमें शुद्ध तेल की मात्रा सिर्फ 100 क्विंटल बताई जाती है. ग्वालियर में करीब 20 रजिस्टर्ड कंपनियां सरसों का तेल बनाती हैं, लेकिन इसमें चोरी छिपे कंपनियां राइस ब्रान डीओ यानी कच्चा तेल मिला देती हैं.

सरसों के तेल की कीमत करीब 90 रूपए प्रति लीटर है, वहीं राइस ब्रान कच्चा तेल सिर्फ महज 60 रूपए प्रति लीटर मिलता है, यानी बड़े पैमाने पर राइस ब्रान ऑयल की सरसों के तेल में मिलावट हो रही है. प्रशासनिक अमला इन दिनों कोरोना वायरस की रोकथाम में जुटा है, इसलिए लंबे अरसे से फैक्ट्रियों से सरसों के तेल के नमूने नहीं लिए जा सके हैं, इस कारण सरसों तेल निर्माता मनमानी कर रहे हैं. हालांकि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग तेल निर्माताओं के यहां से नमूने लेने की बात कर रहा है.

ग्वालियर। कोरोना वायरस के चलते विभिन्न इलाकों में जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अमला गरीबों को राशन उपलब्ध करा रहा है, लेकिन इसमें गुणवत्ता का कितना ध्यान रखा जा रहा है. गरीबों को बांटे जा रहे राशन किट में नए-नए ब्रांड के सरसों के तेल एक लीटर की बोतल दिए जा रहे हैं, जिनका कभी नाम ही नहीं सुना गया है. ऐसे में सरसों तेल की अपेक्षा सस्ता आने वाला राइस ब्रान मिलावट के जरिए धड़ल्ले से खपाया जा रहा है.

आटे के बाद तेल पर बवाल

ग्वालियर अंचल में रोजाना लगभग 550 क्विंटल सरसों का तेल बनाया जाता है, जबकि इसमें शुद्ध तेल की मात्रा सिर्फ 100 क्विंटल बताई जाती है. ग्वालियर में करीब 20 रजिस्टर्ड कंपनियां सरसों का तेल बनाती हैं, लेकिन इसमें चोरी छिपे कंपनियां राइस ब्रान डीओ यानी कच्चा तेल मिला देती हैं.

सरसों के तेल की कीमत करीब 90 रूपए प्रति लीटर है, वहीं राइस ब्रान कच्चा तेल सिर्फ महज 60 रूपए प्रति लीटर मिलता है, यानी बड़े पैमाने पर राइस ब्रान ऑयल की सरसों के तेल में मिलावट हो रही है. प्रशासनिक अमला इन दिनों कोरोना वायरस की रोकथाम में जुटा है, इसलिए लंबे अरसे से फैक्ट्रियों से सरसों के तेल के नमूने नहीं लिए जा सके हैं, इस कारण सरसों तेल निर्माता मनमानी कर रहे हैं. हालांकि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग तेल निर्माताओं के यहां से नमूने लेने की बात कर रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.