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एमपी के घमासाम पर पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी का बयान, कहा- बीजेपी का आना तय

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Published : Mar 12, 2020, 11:17 PM IST

पंजाब और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी का कहना है कि मध्यप्रदेश के वर्तमान में जो राजनीतिक हालात हैं, उसमें स्पीकर की भूमिका महत्वपूर्ण है.

The former governor said that the role of the speaker is important in the current political scenario
पूर्व राज्यपाल ने कहा स्पीकर की भूमिका होती है महत्वपूर्ण

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में जारी सियासी घमासान पर पंजाब और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी का कहना है कि मध्यप्रदेश के वर्तमान में जो राजनीतिक हालात है, उसमें स्पीकर की भूमिका महत्वपूर्ण है. उन्हें तय करना है कि इस्तीफा देने वाले विधायकों के फैसले से वे संतुष्ट है या नहीं.

पूर्व राज्यपाल ने कहा स्पीकर की भूमिका होती है महत्वपूर्ण

पूर्व राज्यपाल सोलंकी ने कहा कि सरकार बनाने में गवर्नर के साथ स्पीकर की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. पूर्व राज्यपाल ने कहा कि फ्लोर टेस्ट के बाद बीजेपी की सरकार बनना लगभग तय लग रहा है. उन्होंने कहा कि फिर भी मध्यावधि चुनाव के बजाय उपचुनाव के ही आसार ज्यादा नजर आ रहे हैं. इस्तीफा देने वाले विधायकों के इस फैसले को स्वीकार भी कर सकते हैं और 121 चर्चा करके संतुष्ट भी हो सकते हैं.

पूर्व राज्यपाल ने कहा कि मध्यावधि चुनाव उसी स्थिति में हो सकता हैं, जब विधानसभा में आधे से ज्यादा सदस्यों के इस्तीफे हो जाए, लेकिन मौजूदा हालातों में लगता है कि उपचुनाव हो सकते हैं. उसके बाद ही सबसे बड़ा दल अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो सकता है.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में जारी सियासी घमासान पर पंजाब और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी का कहना है कि मध्यप्रदेश के वर्तमान में जो राजनीतिक हालात है, उसमें स्पीकर की भूमिका महत्वपूर्ण है. उन्हें तय करना है कि इस्तीफा देने वाले विधायकों के फैसले से वे संतुष्ट है या नहीं.

पूर्व राज्यपाल ने कहा स्पीकर की भूमिका होती है महत्वपूर्ण

पूर्व राज्यपाल सोलंकी ने कहा कि सरकार बनाने में गवर्नर के साथ स्पीकर की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. पूर्व राज्यपाल ने कहा कि फ्लोर टेस्ट के बाद बीजेपी की सरकार बनना लगभग तय लग रहा है. उन्होंने कहा कि फिर भी मध्यावधि चुनाव के बजाय उपचुनाव के ही आसार ज्यादा नजर आ रहे हैं. इस्तीफा देने वाले विधायकों के इस फैसले को स्वीकार भी कर सकते हैं और 121 चर्चा करके संतुष्ट भी हो सकते हैं.

पूर्व राज्यपाल ने कहा कि मध्यावधि चुनाव उसी स्थिति में हो सकता हैं, जब विधानसभा में आधे से ज्यादा सदस्यों के इस्तीफे हो जाए, लेकिन मौजूदा हालातों में लगता है कि उपचुनाव हो सकते हैं. उसके बाद ही सबसे बड़ा दल अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो सकता है.

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