ग्वालियर। भले ही देशभर में सब्जी मंडियां खुल गई हों, लेकिन ग्वालियर चंबल संभाग की सबसे बड़ी थोक मंडी अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. इसके शुरू न हो पाने से यहां काम करने वाले करीब 2 हजार व्यापारी, हम्माल और मजदूरों के सामने अब आर्थिक संकट मंडराने लगा है. इसके साथ ही जो किसान सब्जी की खेती करते हैं उनको भी उनकी उपज का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है.
लॉकडाउन के चलते ग्वालियर की लक्ष्मी गंज सब्जी मंडी को बंद कराया गया था. लॉकडॉउन 4.0 में ग्रीन जोन वाले इलाकों में सब्जी मंडी खोलने की अनुमति दे दी गई है, लेकिन प्रशासन ने इस मंडी को अभी तक शुरू करने की अनुमति नहीं दी है. प्रशासन ने शहर से बाहर सब्जी खरीदने की अनुमति कुछ सब्जी व्यापारियों को दी है. वही लोग किसानों से सब्जी खरीद रहे हैं.
ऐसे में किसानों को अपनी सब्जियों का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है. उनके मंडी में सब्जी बिक्री के लिए ना आने के चलते मंडी का कारोबार भी ठप्प पड़ा है. जिसके पीछे सबसे बड़ा कारण सब्जी मंडी का शिफ्ट होना है.
लॉकडाउन के पहले प्रशासन ने लक्ष्मीगंज सब्जी मंडी को दूसरी जगह शिफ्ट करने के आदेश जारी किए थे, वहां पर कुछ व्यापारियों को भूखंड भी आवंटित कर दिए गए हैं, लेकिन वहां पर अभी ना तो अस्थाई निर्माण है और ना ही कोई सुविधाएं हैं. प्रशासन का कहना है कि अगर सब्जी मंडी का काम शुरू करना है तो नई जगह पर कीजिए, जबकि व्यापारियों का तर्क है कि अभी 2 महीने के लॉकडाउन से वैसे भी आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं. ऐसे में नई सब्जी मंडी में निर्माण के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं. जब स्थितियां सामान्य होंगी, तब वहां सब्जी मंडी शुरू कर पाएंगे.