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ग्वालियर में सचिन से मिले सिंधिया, कहा- ऑल दी बेस्ट, सभाओं में नहीं ले रहे एक-दूसरे का नाम

कांग्रेस के स्टार प्रचारक के तौर पर ग्वालियर चंबल के दौरे पर पहुंचे राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने पुराने साथी भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की है. दोनों की इस मुलाकात का बाद सूबे की सियासत गरमाने लगी है.

Scindia-Sachin
सिंधिया-सचिन
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Published : Oct 28, 2020, 8:12 AM IST

Updated : Oct 28, 2020, 12:36 PM IST

ग्वालियर। राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट दो दिनों के ग्वालियर चंबल दौरे पर हैं. सिंधिया के गढ़ में पायलट 9 चुनावी सभाएं करने वाले हैं. ये पहली बार है, जब पायलट सिंधिया के खिलाफ चुनावी सभाएं कर रहे हैं. मध्यप्रदेश में कांग्रेस के स्टार प्रचारक के तौर पर प्रचार करने आए सचिन पायलट ने भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से ग्वालियर में मुलाकात की है.

Scindia-Sachin
सचिन-सिंधिया की मुलाकात

सिंधिया ने सचिन को कहा- ऑल दी बेस्ट

सिंधिया और सचिन पायलट दोनों के बीच ये मुलाकात ग्वालियर एयरपोर्ट पर हुई. बताया जा रहा है कि, इस दौरान सिंधिया ने अपने दोस्त सचिन पायलट को 'ऑल दी बेस्ट' कहा और दोनों अपने- अपने गतंव्य की तरफ निकल गए. सिंधिया भोपाल के लिए रवाना हो रहे, इसी दौरान पायलट ग्वालियर पहुंचे थे. सिंधिया और पायलट की दोस्ती पहले भी किसी से छिपी नहीं है.

सभाओं में दोनों नहीं ले रहे एक- दूसरे का नाम

सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही दोनों ही नेताओं की विचारधाराएं अलग-अलग हो गई हैं. सचिन पायलट की भाषण शैली युवाओं के बीच काफी गहरी पैठ रखती है. यही वजह है कि, कांग्रेस ने सिंधिया के गढ़ में ही उन्हें मैदान में उतारा है. जिससे कांग्रेस को फायदा मिल सके. इसके अलावा सचिन पायलट 31 अक्टूबर को भी प्रदेश में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे. भले ही चुनावी सभाओं में बीजेपी और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर तीखे हमले बोल रहे हैं, लेकिन सिंधिया और सचिन दोनों एक दूसरे का नाम नहीं ले रहे हैं.

पायलट की ताबड़तोड़ सभाएं

सचिन पायलट मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए 27 और 28 अक्टूबर को शिवपुरी, मुरैना, भिण्ड और ग्वालियर जिले की विभिन्न विधानसभाओं में कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे.

पायलट के भरोसे चंबल में कांग्रेस ?

सचिन पायलट युवा नेता हैं, और युवाओं में सचिन पायलट की लोकप्रियता काफी है. यही वजह है कि अब ग्वालियर-चंबल अंचल में कांग्रेस की प्रचार प्रसार की कमान सचिन पायलट के हाथों रहने वाली है. लिहाजा एक बात तो साफ है कि, इस समय ग्वालियर-चंबल अंचल में बीजेपी और कांग्रेस लगातार अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए हर जुगत का लगा रही है. दोनों पार्टियां इस अंचल में कोई कमी न रहे, इसके लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. यही वजह है कि, अब चंबल अंचल में कांग्रेस लगातार ऐसा चेहरा तलाश कर रही है, जो इस उपचुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया की कमी को पूरा कर सके.

9 सीटें हैं गुर्जर बहुल

यहां 28 में से 9 सीटें ऐसी हैं जो गुर्जर बहुल हैं, तो वहीं पायलट का युवा वोटरों पर भी खासा असर है. एकमात्र सचिन पायलट ही ऐसे युवा नेता हैं, जो ज्योतिरादित्य सिंधिया को युवाओं के बीच आकर्षण में मुकाबला दे सकते हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश चुनाव में पायलट को ज्योतिरादित्य सिंधिया की काट के तौर पर भी कांग्रेस देख रही है. जबकि मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल की 16 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. जहां गुर्जर मतदाता अपना प्रभाव रख सकते हैं. ऐसे में गुर्जर मतदाताओं को लुभाने में भी सचिन पायलट काम आ सकते हैं.

ग्वालियर। राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट दो दिनों के ग्वालियर चंबल दौरे पर हैं. सिंधिया के गढ़ में पायलट 9 चुनावी सभाएं करने वाले हैं. ये पहली बार है, जब पायलट सिंधिया के खिलाफ चुनावी सभाएं कर रहे हैं. मध्यप्रदेश में कांग्रेस के स्टार प्रचारक के तौर पर प्रचार करने आए सचिन पायलट ने भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से ग्वालियर में मुलाकात की है.

Scindia-Sachin
सचिन-सिंधिया की मुलाकात

सिंधिया ने सचिन को कहा- ऑल दी बेस्ट

सिंधिया और सचिन पायलट दोनों के बीच ये मुलाकात ग्वालियर एयरपोर्ट पर हुई. बताया जा रहा है कि, इस दौरान सिंधिया ने अपने दोस्त सचिन पायलट को 'ऑल दी बेस्ट' कहा और दोनों अपने- अपने गतंव्य की तरफ निकल गए. सिंधिया भोपाल के लिए रवाना हो रहे, इसी दौरान पायलट ग्वालियर पहुंचे थे. सिंधिया और पायलट की दोस्ती पहले भी किसी से छिपी नहीं है.

सभाओं में दोनों नहीं ले रहे एक- दूसरे का नाम

सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही दोनों ही नेताओं की विचारधाराएं अलग-अलग हो गई हैं. सचिन पायलट की भाषण शैली युवाओं के बीच काफी गहरी पैठ रखती है. यही वजह है कि, कांग्रेस ने सिंधिया के गढ़ में ही उन्हें मैदान में उतारा है. जिससे कांग्रेस को फायदा मिल सके. इसके अलावा सचिन पायलट 31 अक्टूबर को भी प्रदेश में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे. भले ही चुनावी सभाओं में बीजेपी और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर तीखे हमले बोल रहे हैं, लेकिन सिंधिया और सचिन दोनों एक दूसरे का नाम नहीं ले रहे हैं.

पायलट की ताबड़तोड़ सभाएं

सचिन पायलट मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए 27 और 28 अक्टूबर को शिवपुरी, मुरैना, भिण्ड और ग्वालियर जिले की विभिन्न विधानसभाओं में कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे.

पायलट के भरोसे चंबल में कांग्रेस ?

सचिन पायलट युवा नेता हैं, और युवाओं में सचिन पायलट की लोकप्रियता काफी है. यही वजह है कि अब ग्वालियर-चंबल अंचल में कांग्रेस की प्रचार प्रसार की कमान सचिन पायलट के हाथों रहने वाली है. लिहाजा एक बात तो साफ है कि, इस समय ग्वालियर-चंबल अंचल में बीजेपी और कांग्रेस लगातार अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए हर जुगत का लगा रही है. दोनों पार्टियां इस अंचल में कोई कमी न रहे, इसके लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. यही वजह है कि, अब चंबल अंचल में कांग्रेस लगातार ऐसा चेहरा तलाश कर रही है, जो इस उपचुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया की कमी को पूरा कर सके.

9 सीटें हैं गुर्जर बहुल

यहां 28 में से 9 सीटें ऐसी हैं जो गुर्जर बहुल हैं, तो वहीं पायलट का युवा वोटरों पर भी खासा असर है. एकमात्र सचिन पायलट ही ऐसे युवा नेता हैं, जो ज्योतिरादित्य सिंधिया को युवाओं के बीच आकर्षण में मुकाबला दे सकते हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश चुनाव में पायलट को ज्योतिरादित्य सिंधिया की काट के तौर पर भी कांग्रेस देख रही है. जबकि मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल की 16 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. जहां गुर्जर मतदाता अपना प्रभाव रख सकते हैं. ऐसे में गुर्जर मतदाताओं को लुभाने में भी सचिन पायलट काम आ सकते हैं.

Last Updated : Oct 28, 2020, 12:36 PM IST
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