ग्वालियर। प्रीतम लोधी ने कहा कि जैसी उन्हें आशंका थी ठीक वैसा ही हुआ. भगदड़ में एक मुरैना की महिला कृष्णा बंसल की मौत हो गई, जबकि कई महिलाएं घायल हो गई. उन्होंने यह भी कहा कि वह लोगों को मेहगांव जाकर आगाह करना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी. लेकिन बागेश्वर धाम महाराज को न जाने किन परिस्थितियों में अनुमति दे दी गई. ये समझ से परे है. उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच की मांग की है और जिम्मेदारी तय करने के लिए भी सरकार को कहा है. वहीं मुरैना की महिला कृष्ण बंसल की मौत को लेकर उनका परिवार दुखी है. उनका कहना है कि वह कई सालों से दंदरौआ धाम जा रहे हैं और इस बार इतनी भीड़ बढ़ा ली गई कि वहां कोई व्यवस्था ही नहीं थी. ट्रैफिक में लोग घंटों फंसे रहे. पुलिस भी बेहद कम संख्या में वहां तैनात थी. ऐसे में वहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
बागेश्वर धाम की कथा में कैसे मची चीख-पुकार, देखें भगदड़ का एक्सक्लूसिव [VIDEO]
दोनों के बीच चल रहा है विवाद : गौरतलब है कि उमा भारती के करीबी और बीजेपी से निष्कासित प्रीतम सिंह लोधी का बागेश्वर धाम महाराज से उस समय से विवाद चल रहा है जब उन्होंने कथावाचकों के नाम पर भोली-भाली जनता का शोषण करने का आरोप लगाया था. इसके बाद बागेश्वर धाम महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने प्रीतम लोधी को मसल डालने की धमकी दी थी. (pritam lodhi bageshwar sarkar vivad) आरोप-प्रत्यारोप के बीच प्रीतम लोधी पर मुकदमे भी दर्ज किए गए थे. इस बीच कुछ दिनों पहले प्रीतम लोधी के समधी की बागेश्वर धाम में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. जिसमें उन्होंने बागेश्वर धाम को समधी की मौत का जिम्मेदार ठहराया था और उन पर हत्या का आरोप लगाया था. प्रीतम लोधी का कहना है कि धीरेंद्र शास्त्री एक माफिया के रूप में काम करते हैं वह गरीबों की जमीन हड़पते हैं और लोगों को ठगने का काम करते हैं.
प्रीतम लोधी बागेश्वर सरकार विवाद: पंड़ितों और कथावाचकों को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान से प्रीतम सिंह लोधी को लेकर BJP में विवाद खड़ा हो गया था. इसके तत्काल बाद पार्टी ने उन्हे बाहर का रास्ता दिखा दिया. पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी प्रीतम लोधी की जाती रही (Pritam Lodhi Vivad). प्रीतम लोधी की माफी से भी पार्टी नेतृत्व का दिल नहीं पिघला. इधर अभी पार्टी का मामला खत्म नहीं हुआ था कि दूसरी मोर्चा बागेश्वर धाम के सरकार यानि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ खुल गया. बागेश्वर सरकार (Bageshwar Sarkar Controversy) ने उनकी आलोचना करते हुए कहा कि ब्राह्मण समाज प्रीतम लोधी का बहिष्कार करे. क्योंकि उने विचार एक खास समाज के लिए कुंठित हैं. साथ ही यह भी कहा कि मेरे सामने अगर वो नेता आते हैं तो उन्हे मसल कर रख देंगे. बात यहीं खत्म नहीं हुई उन्होने तो प्रीतम लोधी के DNA पर भी सवाल उठाए. यहीं से विवाद बड़ा हो गया. काफी हंगामे के बाद दोनों में सुलह हुई लेकिन चिंगारी अभी भी दिलों में धधकती दिखती है.