ग्वालियर। मशहूर शायर मंजर भोपाली को 37 लाख रुपए का बिजली बिल भेजे जाने के मामले पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सफाई दी है. ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा है कि उन्हें ऐसा किसी भी प्रकार की बिल दिया ही नहीं गया है. उन्होंने कहा कि गलती से गलत मीटर रीडिंग ली गई थी जिसके आधार पर यह राशि आ रही थी, लेकिन बिल जारी करने के पहले मॉनिटरिंग टीम ने इस गलती को सुधार दिया था और उन्हें रीडिंग के अनुसार लगभग 11 हजार का बिल उन्हें दिया गया है.
- मामले पर कार्रवाई करने के निर्देश
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने आगे कहा कि इस मामले में गड़बड़ी करने वाले मीटर रीडर पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. पूरे मामले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए तोमर ने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वह इस तरह की जानकारियां सोशल मीडिया पर वायरल करती रहती है. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं ऐसे में उन्हें कोरोना से बचाव और वैक्सीनेशन को लेकर जन जागरण अभियान चलाने चाहिए और अपनी निधि से कुछ पैसा कोरोना की रोकथाम में खर्च करना चाहिए, लेकिन वह केवल राजनीति ही कर रहे हैं.
37 लाख का बिल भ्रष्टाचार का खुला दावतनामा: मंजर भोपाली
- भ्रष्टाचार का खुला दावतनामा: भोपाली
दरअसल, भोपाली को 37 लाख का बिजली बिल भेजे जाने पर उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कोरोना काल में ऐसा मजाक शायर के लिए ठीक नहीं. लॉकडाउन और कोरोना की वजह से शायर के कलम की स्याही तक सूख गई. यह बिल रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का खुला दावतनामा हैं.