ग्वालियर। जिले में लगातार संक्रमण इस कदर फैल रहा है कि अब हालात बेकाबू होने लगे हैं. सरकार भले ही मरीजों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने का दावा कर रही हो लेकिन हालात सबके सामने नजर आ रहे हैं. अस्पतालों में मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पा रही है. इसको लेकर मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
'हर संभव मदद करने का प्रयास कर रहा हूं'
इलाज न मिलने से पार्टी के नेता ही आपकी सरकार के खिलाफ आ गये हैं. इस सवाल के जवाब में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि इस समय सबको पता है, कि हालात बिगड़ चुके हैं. अधिक संख्या में मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. सरकार ने मुझे जिम्मेदारी दी है. उस जिम्मेदारी के तहत में और सरकार मरीजों की हर संभव मदद करने का प्रयास कर रहे हैं. इसमें कुछ खामियां रहीं होंगी. इसलिए वह ऐसा कर रहे हैं, उन्हें अभिव्यक्ति की आजादी है.
इंजेक्शन के लिए भटक रहा आम आदमी
लगातार बीजेपी नेताओं द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि जिला प्रशासन और पूर्व मंत्री अपने ही लोगों को चिकित्सा सेवाएं मुहैया करा रहे हैं. उनको इंजेक्शन और ऑक्सीजन आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं और आम आदमी भटकता नजर आ रहा है. इस सवाल के जवाब में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि वैसे तो यह सभी आरोप निराधार हैं लेकिन मैं इन्हें स्वीकार करता हूं. अभी हालात यह हैं कि जिन मरीजों को इंजेक्शन की जरूरत नहीं है, वह भी इंजेक्शन की मांग कर रहे हैं. इस वजह से यह संख्या चार गुनी से अधिक पहुंच चुकी है.
ऑक्सीजन प्लांट संचालक के सामने नतमस्तक हुए मंत्री प्रद्युम्न सिंह
इसके चलते मैं निर्णय नहीं कर सकता कि किसको इंजेक्शन लगना है. यह निर्णय डॉक्टर करेगा. इसलिए आज जिला प्रशासन को निर्देश दे दिए हैं कि जिन मरीजों को इंजेक्शन लग रहे हैं, उनकी लिस्ट जारी करें. उन्होंने कहा कि इंजेक्शन की उपलब्धता धीरे-धीरे बढ़ रही है. यही वजह है कि एक-दो दिन बाद सभी मरीजों को इंजेक्शन उपलब्ध हो जाएंगे.
कहां गायब हैं ग्वालियर के जनसेवक सिंधिया
इस समय ग्वालियर जिले में सोशल मीडिया पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ट्रेंड होते नजर आ रहे हैं. आम लोग सोशल मीडिया पर सवाल कर रहे हैं कि अपने आपको ग्वालियर का जनसेवक कहने वाले सिंधिया कहां गायब है. इस सवाल पर मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि एक व्यक्ति हर जगह नहीं जा सकता है. बड़े नेता एक जगह बैठकर अपने-अपने इलाके में व्यवस्थाएं करने में लगे हुए हैं।