ग्वालियर। शहर के पड़ाव थाना क्षेत्र में पांच साल पहले पुलिस के एक आरक्षक द्वारा नाबालिग लड़की के साथ डायल हंड्रेड वाहन में दुष्कर्म करने का दोषी पाते हुए विशेष न्यायाधीश पास्को एक्ट अदालत आरती शर्मा ने 10 साल के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है. आरक्षक राघवेंद्र नरवरिया पर पांच हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है.
सजा कम करने की गुहार ठुकराई : विशेष न्यायाधीश ने आरोपी आरक्षक के वकील की सजा कम करने की गुहार को दरकिनार करते हुए कहा कि एक पुलिसकर्मी द्वारा अपने ही थाना क्षेत्र में लड़की के साथ दुष्कर्म करना बेहद गंभीर घटना है. इसलिए आरोपी आरक्षक सहानुभूति का पात्र नहीं है. घटना के बाद से ही आरोपी आरक्षक 17 मार्च 2017 से जेल में था, जिसे हाल ही में 12 अप्रैल को जमानत पर छोड़ा गया है. गौरतलब हो कि 13 मार्च 2017 को होली के दिन पड़ाव थाना क्षेत्र में आरक्षक राघवेंद्र नरवरिया अपनी ड्यूटी पर था.
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डीएनए रिपोर्ट के आधार पर सजा : ड्यूटी पर रहने के बाद भी आरक्षक लड़की के घर पहुंचा और उसे अपने साथ ले गया. उसने डायल हंड्रेड में उसने लड़की के साथ दुष्कर्म किया. इस मामले में मजिस्ट्रेट के सामने लड़की के इकबालिया बयान भी हुए थे. जिसमें उसने पूरी घटना को सिलसिलेवार ढंग से बताया था. लेकिन बाद में वह अपने बयान से पलट गई थी और उसने आरक्षक को पहचानने से इंकार कर दिया था. डीएनए रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि के चलते आरक्षक को विशेष न्यायाधीश पास्को एक्ट अदालत ने 10 साल के सश्रम कारावास से दंडित किया है. (Minor raped in dial hundred) (constable gets 10 years imprisonment)