ग्वालियर। कोरोना संकट में जहां देश और प्रदेश की तमाम गतिविधियां थमी हुई हैं. बड़े से बड़े उद्योग-धंधे मंद पड़े हुए हैं. वहीं मध्यप्रदेश में बड़ी जद्दोजहद के बाद बनी बीजेपी सरकार के सामने कोरोना और उपचुनाव बड़ी चुनौती बनी हुई है. प्रदेश में आगामी समय में उपचुनाव होने हैं. जिसके जरिए एक बार फिर तय होगी की मध्यप्रदेश की सियासत का ऊंट किस करवट बैठेगा. उपचुनाव की तैयारियों के लिए दोनों ही पार्टियां जुटी हुई हैं, लेकिन इस दौरान उम्मीदवारों के लिए एक सबसे बड़ी जो मुसीबत बनने वाली है, वह है कोरोना काल के बीच सोशल डिस्टेंसिंग.
उपचुनाव में खड़े होने वाले प्रत्याशियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रचार-प्रसार करने की होगी. क्योंकि प्रचार-प्रसार में इन प्रत्याशियों को सोशल डिस्टेंस का पालन करना होगा. यही वजह है कि इस उपचुनाव में प्रत्याशी अब सोशल मीडिया के भरोसे रहेंगे और सोशल मीडिया के जरिए अपना प्रचार-प्रसार करेंगे. इस बारे में कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि उपचुनाव एक नई तरीके से होने वाला है, इस चुनाव में जनता उम्मीदवार के चरित्र और पार्टी की छवि पर वोट करेगी. बता दें 24 विधानसभा सीटों में उप चुनाव होने वाले हैं. दोनों ही पार्टियां लगभग सारी तैयारी कर चुकी हैं. लेकिन इस समय कोरोना जिस तेजी से प्रदेश में अपने पैर पसार रही है, वो बहुत चुनौती भरा है.
वैज्ञानिक पहले भी बता चुके हैं कि कोरोना महामारी का असर साल के अंत रहना है. इसलिए लोगों को सोशल डिस्टेंस का भी महत्व ध्यान रखना होगा. लेकिन इस बार उपचुनाव में जो प्रत्याशी खड़े होंगे, वह हजारों या लाखों की तादात में भीड़ इकट्ठी नहीं कर पाएंगे और ना ही वो सभा का आयोजन कर पाएंगे. बीजेपी के जिलाध्यक्ष कमल माखीजा ने कहा है कि इस बार उपचुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया पर निर्भर होगा. सोशल मीडिया का भी रोल महत्वपूर्ण रहने वाला है. यही वजह है कि अब इन प्रत्याशियों को सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ेगा. सोशल मीडिया के ही जरिए इनको प्रचार-प्रसार करना होगा. लिहाजा संभावित उम्मीदवारों ने अपने सोशल मीडिया पर बने अकाउंट को सक्रिय कर दिया है. वे लगातार सक्रिया नजर आ रहे हैं.