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Gwalior PHE Scam: 16 करोड़ से दोगुनी पहुंची घोटाले की राशि, मामले में SIT की टीम गठित, 74 लोगों पर FIR

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 20, 2023, 12:04 PM IST

Updated : Sep 20, 2023, 12:45 PM IST

ग्वालियर के बहुचर्चित PHE घोटाले में आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. घोटाले की राशि 16 करोड़ से बढ़कर 33 करोड़ 80 लाख रुपए तक पहुंच गई है. वहीं मामले में क्राइमब्रांच ने 74 लोगों पर FIR दर्ज की है.

gwalior PHE scam
ग्वालियर का बहुचर्चित पीएचई घोटाला
ऋषिकेश मीणा, एएसपी और SIT जांच अधिकारी

ग्वालियर। ग्वालियर के बहुचर्चित पीएचई विभाग में हुए घोटाले के मामले का पर्दाफाश करने के लिए अब एसआईटी का गठन कर दिया है. अब तक इस मामले में पीएचई के पांच बड़े अधिकारी सहित 74 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. घोटाला 16 करोड़ 24 लख रुपए का सामने आया था जिसकी राशि बढ़कर 33 करोड़ 80 लाख रुपए तक पहुंच गई है. अनुमान है घोटाला 50 करोड रुपए का हुआ है.

पांच सदस्यीय टीम गठित: ग्वालियर के पीएचई विभाग के संधारण खंड -1 में हुए 16 करोड़ 24 लाख रुपए के घोटाले की राशि बढ़कर 33 करोड़ 80 लाख रुपए तक पहुंच गई है. पांच सदस्यीय विभागीय टीम की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है. आपको बता दें कि 27 जुलाई को वित्त विभाग ने 71 खातों में 16 करोड़ 42 लाख 13 हजार 853 रुपए का अनियमित भुगतान होने के संदेह में जांच के निर्देश दिए थे. अंतरिम जांच रिपोर्ट 23 अगस्त को प्रस्तुत की गई. इसमें घोटाले की राशि 18 करोड़ 92 लाख 25 हजार 399 रुपए तक पहुंच गई थी. प्रमुख अभियंता पीएचई भोपाल ने 31 जुलाई को मुख्य अभियंता व्हीपी सोनकर की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम गठित की थी.

FIR का आंकड़ा हो सकता है 100 के पार: घोटाले की राशि बढ़ने पर ही अब दोनों टीम अपनी जांच का दायरा और बढ़ाना चाहती हैं. वहीं अब इस मामले में ग्वालियर थाना क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज होने के बाद ग्वालियर एसपी राजेश सिंह ने घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है. उसकी कमान भी आईपीएस अधिकारी ऋषिकेश मीणा को सौंप गई है. शुरुआती दौर में घोटाले के मास्टरमाइंड पंप ऑपरेटर हीरालाल और उसके भतीजे कंप्यूटर ऑपरेटर और एक अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. अब ट्रेजरी विभाग से मिली रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने पीएचई के पांच अधिकारियों सहित 74 लोगों के नाम एफआईआर में बढ़ाए हैं और संभावना व्यक्त की जा रही है एफआईआर का आंकड़ा 100 को पार कर सकता है. वहीं घोटाले की रकम भी 50 करोड़ हो सकती है.

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रिश्तेदारों के खाते में रकम ट्रासंफर: गौरतलब है कि पीएचई विभाग में घोटाले का खेल पिछले 5 सालों से जारी था. मृतक और रिटायर्ड कर्मचारियों के खातों में फेरबदल कर घोटाले की रकम ट्रांसफर कर बंदरबांट किया जा रहा था. घोटाले की रकम फर्जी तरीके से 74 बैंक खातों में ट्रांसफर हुई थी. वहीं ट्रेजरी विभाग से मिली रिपोर्ट में भी खुलासा हुआ है कि 65 खातेदारों के 81 खातों में फर्जी तरीके से भुगतान हुआ था. अब घोटाले की रकम 33 करोड़ 80 लाख रुपए तक पहुंच गई है. ऐसे में मुख्य अभियंता पीएचई का कहना है कि ''चूंकि वित्त व पीएचई की जांच रिपोर्ट में राशि में काफी अंतर है, इसलिए ईएनसी से चर्चा कर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.''

ऋषिकेश मीणा, एएसपी और SIT जांच अधिकारी

ग्वालियर। ग्वालियर के बहुचर्चित पीएचई विभाग में हुए घोटाले के मामले का पर्दाफाश करने के लिए अब एसआईटी का गठन कर दिया है. अब तक इस मामले में पीएचई के पांच बड़े अधिकारी सहित 74 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. घोटाला 16 करोड़ 24 लख रुपए का सामने आया था जिसकी राशि बढ़कर 33 करोड़ 80 लाख रुपए तक पहुंच गई है. अनुमान है घोटाला 50 करोड रुपए का हुआ है.

पांच सदस्यीय टीम गठित: ग्वालियर के पीएचई विभाग के संधारण खंड -1 में हुए 16 करोड़ 24 लाख रुपए के घोटाले की राशि बढ़कर 33 करोड़ 80 लाख रुपए तक पहुंच गई है. पांच सदस्यीय विभागीय टीम की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है. आपको बता दें कि 27 जुलाई को वित्त विभाग ने 71 खातों में 16 करोड़ 42 लाख 13 हजार 853 रुपए का अनियमित भुगतान होने के संदेह में जांच के निर्देश दिए थे. अंतरिम जांच रिपोर्ट 23 अगस्त को प्रस्तुत की गई. इसमें घोटाले की राशि 18 करोड़ 92 लाख 25 हजार 399 रुपए तक पहुंच गई थी. प्रमुख अभियंता पीएचई भोपाल ने 31 जुलाई को मुख्य अभियंता व्हीपी सोनकर की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम गठित की थी.

FIR का आंकड़ा हो सकता है 100 के पार: घोटाले की राशि बढ़ने पर ही अब दोनों टीम अपनी जांच का दायरा और बढ़ाना चाहती हैं. वहीं अब इस मामले में ग्वालियर थाना क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज होने के बाद ग्वालियर एसपी राजेश सिंह ने घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है. उसकी कमान भी आईपीएस अधिकारी ऋषिकेश मीणा को सौंप गई है. शुरुआती दौर में घोटाले के मास्टरमाइंड पंप ऑपरेटर हीरालाल और उसके भतीजे कंप्यूटर ऑपरेटर और एक अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. अब ट्रेजरी विभाग से मिली रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने पीएचई के पांच अधिकारियों सहित 74 लोगों के नाम एफआईआर में बढ़ाए हैं और संभावना व्यक्त की जा रही है एफआईआर का आंकड़ा 100 को पार कर सकता है. वहीं घोटाले की रकम भी 50 करोड़ हो सकती है.

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रिश्तेदारों के खाते में रकम ट्रासंफर: गौरतलब है कि पीएचई विभाग में घोटाले का खेल पिछले 5 सालों से जारी था. मृतक और रिटायर्ड कर्मचारियों के खातों में फेरबदल कर घोटाले की रकम ट्रांसफर कर बंदरबांट किया जा रहा था. घोटाले की रकम फर्जी तरीके से 74 बैंक खातों में ट्रांसफर हुई थी. वहीं ट्रेजरी विभाग से मिली रिपोर्ट में भी खुलासा हुआ है कि 65 खातेदारों के 81 खातों में फर्जी तरीके से भुगतान हुआ था. अब घोटाले की रकम 33 करोड़ 80 लाख रुपए तक पहुंच गई है. ऐसे में मुख्य अभियंता पीएचई का कहना है कि ''चूंकि वित्त व पीएचई की जांच रिपोर्ट में राशि में काफी अंतर है, इसलिए ईएनसी से चर्चा कर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.''

Last Updated : Sep 20, 2023, 12:45 PM IST
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