ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के गृह नगर ग्वालियर में लगातार चार से पांच घंटे की बिजली कटौती की जा रही है. बिजली कटौती से एक और जहां व्यापार चौपट हो रहा है वहीं दूसरी ओर सरकारी और निजी ऑफिसों में सन्नाटा पसरा हुआ है. बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मेंटेनेंस के चलते कटौती की जा रही है. ऐसे में शहर के लोगों का सवाल है कि आखिर ऐसा कौन सा मेंटेनेंस हो रहा है जो सालभर से जारी है.
व्यापारी परेशान
ग्वालियर शहर में इन दिनों लगातार बिजली कटौती की जा रही है. जिसके चलते शहर के लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है. अगर बात व्यापारियों की की जाए तो उनका कहना है कि शोरूम या दुकान खोलने के समय ही यानि कि सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक 4 से 5 घंटे की बिजली कटौती से पूरा व्यापार चौपट हो गया है.
ऑफिसों में भी काम ठप
इधर, सरकारी और प्राइवेट ऑफिसों में भी बिजली कटौती के चलते कोई भी कम समय पर नहीं हो पा रहे हैं. दूसरी ओर किसान भी लगातार हो रही बिजली कटौती से चिंतित हैं, क्योंकि बिजली नहीं होने से खेतों में सिंचाई नहीं हो पा रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस मामले में बिजली विभाग के महाप्रबंधक नितिन मांगलिक का कहना है कि शहर में लगातार विद्युत कटौती की जा रही है. शहर में अलग अलग कई जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं और इस दौरान होने वाले मेंटेनेंस के चलते कटौती की जा रही है.
कांग्रेस ने उठाए सवाल
बिजली कटौती को लेकर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष आरपी सिंह का कहना है कि सबसे ज्यादा नौटंकी करने वाली ऊर्जा मंत्री यह जवाब दें कि क्या मध्यप्रदेश में सर प्लस बिजली का स्वरूप यही होता है. इस समय सबसे ज्यादा बिजली कटौती हो रही है जिसके कारण आम लोग तो परेशान हैं ही लेकिन व्यापारी वर्ग सबसे ज्यादा परेशान है उनके धंधे और व्यापार पूरी तरह चौपट हो रहे हैं.
लोगों ने किया उर्जा मंत्री से सवाल
बहरहाल ऊर्जा मंत्री के शहर में की जा रही लगातार बिजली कटौती से शहरवासियों के साथ-साथ व्यापारी, किसान और छात्र परेशान हैं. ऐसे में लोगों का बिजली मंत्री से सवाल है कि आखिर ऐसा कैसा मेंटेनेंस विद्युत विभाग कर रहा है जो हर दिन 4 से 5 घंटे बिजली कटौती की जा रही है, क्योंकि विभाग बारिश और ग्रीष्मकाल में भी मेंटेनेंस के नाम पर विद्युत कटौती करता है तो फिर हर दिन बिजली कटौती क्यों ?लोग उर्जा मंत्री से जानना चाहते कि मेंटेनेंस के नाम पर कटौती क्यों और कब तक होगी.