ग्वालियर। आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने तीन आरोपियों को पांच-पांच साल की सजा से दंडित किया है. उन पर 3200 -3200 रुपये का अर्थदंड लगाया है. इनमें से दो आरोपी मुरैना जिले के जौरा से हैं, जबकि तीसरा आरोपी उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में शामिल होने वाला अभ्यर्थी हरिपाल सिंह बिचोलिया कृष्ण कांत त्यागी और फर्जी परीक्षार्थी प्रेमपाल सिंह शामिल है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बिचौलिए को जोड़ा
एक आरोपी कृष्ण कांत त्यागी ने फैसले वाले दिन खुद को एक मामूली अपराध में जौरा में अपने को गिरफ्तार करा लिया था. वह इन दिनों जेल में है. उसकी कोशिश थी कि उसके कोर्ट नहीं पहुंचने पर विशेष कोर्ट सजा नहीं सुना पाएगी, लेकिन उसका यह मंसूबा धरा का धरा रह गया. सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र श्रीवास्तव ने इस मामले में बिचौलिए रहे कृष्ण कांत त्यागी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जौरा जेल से सुनवाई से जोड़ लिया गया. जबकि अभ्यर्थी हरिपाल सिंह और सॉल्वर प्रेमपाल सिंह कोर्ट में मौजूद रहे.
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तीनों की मौजूदगी सुनिश्चित होते ही जज ने उन्हें 2012 में आरक्षक भर्ती परीक्षा का दोषी मानते हुए 5-5 साल की सजा सुनाई. दरअसल माधव गंज थाना क्षेत्र के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पागनवीसी में 30 दिसंबर 2012 को आरक्षक भर्ती परीक्षा के लिए लिखित एग्जाम हुआ था. इसमें अभ्यार्थी हरिपाल सिंह की जगह उत्तर प्रदेश का रहने वाला प्रेमपाल सिंह साल्वर बनकर शामिल हुआ था. फोटो मिस मैच होने पर जब पागनवीसी स्कूल के स्टॉफ ने प्रेमपाल को पकड़ा तो उसने बता दिया कि बिचौलिए कृष्ण कांत त्यागी ने 10,000 देकर उसे परीक्षा के लिए भेजा था. माधव गंज थाने में तीनों लोगों के खिलाफ परीक्षा अधिनियम धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे.