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ओमान में फंसा गोपाल जल्द आएगा अपने देश, पूर्व मंत्री ने दिलाया भरोसा

ईटीवी भारत की खबर का असर का परिणाम है कि एक पीड़ित को सरकार ने उम्मीदों की रोशनी दी है. प्रद्युमन सिंह तोमर ने कहा है कि गोपाल केवट को भारत लाने के लिए मैं खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से बात करूंगा.

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ईटीवी भारत की खबर का असर
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Published : May 12, 2020, 12:38 PM IST

Updated : May 12, 2020, 3:11 PM IST

ग्वालियर। ये है ईटीवी भारत की खबर का असर का परिणाम कि एक पीड़ित को सरकार ने उम्मीदों की रोशनी दी है. जी हां. सोमवार को ईटीवी भारत पर दिखाई गई खबर बड़ा असर हुआ है. मुरैना जिले का रहने वाला गोपाल केवट को साउदी अरब से लाने के लिए पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जिम्मेदारी ली है. प्रद्युमन सिंह तोमर ने कहा है कि गोपाल केवट को भारत लाने के लिए मैं खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से बात करूंगा. इसके साथ प्रद्युम्न सिंह तोमर तोमर ने ईटीवी भारत का आभार जताया है.

पूर्व मंत्री ने दिलाया भरोसा

परिजनों को बुरा हाल

सऊदी अरब के ओमान में फंसे मजदूर गोपाल केवट को भारत लाने की कोशिश की जा रही है. सबलगढ़ तहसील का रहने वाला मजदूर गोपाल केवट पिछले एक साल से सऊदी अरब में फंसा हुआ है. हालत ये है कि वीजा समाप्त होने की वजह से वह छुपकर वहां रह रहा है. पैसे नहीं होने के चलते वह भारत नहीं आ पा रहा है. और मजदूर गोपाल केवट का परिवार सबलगढ़ में रहता है. इनके परिवार में 6 बच्चियां है, जिनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया है.

पूर्व मंत्री के आश्वासन के बाद बढ़ी उम्मीद

पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के आश्वासन के बाद देखना ये होगा कि जिला प्रशासन से लेकर केंद्र सरकार तक इस परिवार के लिए क्या कमद उठाएगा, और गोपाल केवट कब तक अपने वतन लौटकर अपने परिवार के पास पहुंचेगा. इधर इन परिवारों के साथ लॉकडाउन और इस महामारी के बीच सबसे बड़ा संकट यही है कि इन मासूम बच्चों के पिता अपने घर जाये.और इनके उम्मीद का अस्त हुआ सूरज फिर से निकल आए.

परिवार के सामने दोहरा संकट

बता दे कि इन पीड़ित परिवार एक साल से ज्यादा हो गए परेशानी का समना करते हुए इन बच्चों का कहना है कि अगर इनके पापा नहीं आए तो ये लोग भूखे मर जाएंगे. सबलगढ़ में छोटी मस्जिद के पास रह रहे केवट समाज के परिवार की महिला और गोपाल केवट की पत्नी का कहना है कि मेरे पति करीब 2 साल पहले ओमान में कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम कर रहे हैं. उनको वहां पर करीब डेढ़ साल से वेतन न मिलने से वह रुपये नहीं भेज पा रहे हैं. और इनके 6 बेटी और एक बेटा है. जोकि मानसिक रूप से विक्षिप्त है. जिनके लिए रोजी-रोटी का इंतजाम करने में एक बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.

पीड़ित महिला की गुहार

वहीं पीड़ित महिला का कहना है कि इन दिनों देश में कोरोना जैसी घातक महामारी फैलने के बावजूद इन्हें सरकार द्वारा कोई सहायता न मिलने के कारण ये लोग भूखे मर रहे हैं. महिला का कहना है कि हमने इस बारे में करीब 15 दिन पहले नगर पालिका एवं एसडीएम कार्यालय में भी सूचना दी लेकिन आज तक हमें किसी भी तरह की कोई सहायता नहीं मिली है. एवं मेरे पति का वीजा भी रिन्यू नहीं होने के चलते वह लौट नहीं पा रहे हैं.

ग्वालियर। ये है ईटीवी भारत की खबर का असर का परिणाम कि एक पीड़ित को सरकार ने उम्मीदों की रोशनी दी है. जी हां. सोमवार को ईटीवी भारत पर दिखाई गई खबर बड़ा असर हुआ है. मुरैना जिले का रहने वाला गोपाल केवट को साउदी अरब से लाने के लिए पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जिम्मेदारी ली है. प्रद्युमन सिंह तोमर ने कहा है कि गोपाल केवट को भारत लाने के लिए मैं खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से बात करूंगा. इसके साथ प्रद्युम्न सिंह तोमर तोमर ने ईटीवी भारत का आभार जताया है.

पूर्व मंत्री ने दिलाया भरोसा

परिजनों को बुरा हाल

सऊदी अरब के ओमान में फंसे मजदूर गोपाल केवट को भारत लाने की कोशिश की जा रही है. सबलगढ़ तहसील का रहने वाला मजदूर गोपाल केवट पिछले एक साल से सऊदी अरब में फंसा हुआ है. हालत ये है कि वीजा समाप्त होने की वजह से वह छुपकर वहां रह रहा है. पैसे नहीं होने के चलते वह भारत नहीं आ पा रहा है. और मजदूर गोपाल केवट का परिवार सबलगढ़ में रहता है. इनके परिवार में 6 बच्चियां है, जिनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया है.

पूर्व मंत्री के आश्वासन के बाद बढ़ी उम्मीद

पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के आश्वासन के बाद देखना ये होगा कि जिला प्रशासन से लेकर केंद्र सरकार तक इस परिवार के लिए क्या कमद उठाएगा, और गोपाल केवट कब तक अपने वतन लौटकर अपने परिवार के पास पहुंचेगा. इधर इन परिवारों के साथ लॉकडाउन और इस महामारी के बीच सबसे बड़ा संकट यही है कि इन मासूम बच्चों के पिता अपने घर जाये.और इनके उम्मीद का अस्त हुआ सूरज फिर से निकल आए.

परिवार के सामने दोहरा संकट

बता दे कि इन पीड़ित परिवार एक साल से ज्यादा हो गए परेशानी का समना करते हुए इन बच्चों का कहना है कि अगर इनके पापा नहीं आए तो ये लोग भूखे मर जाएंगे. सबलगढ़ में छोटी मस्जिद के पास रह रहे केवट समाज के परिवार की महिला और गोपाल केवट की पत्नी का कहना है कि मेरे पति करीब 2 साल पहले ओमान में कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम कर रहे हैं. उनको वहां पर करीब डेढ़ साल से वेतन न मिलने से वह रुपये नहीं भेज पा रहे हैं. और इनके 6 बेटी और एक बेटा है. जोकि मानसिक रूप से विक्षिप्त है. जिनके लिए रोजी-रोटी का इंतजाम करने में एक बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.

पीड़ित महिला की गुहार

वहीं पीड़ित महिला का कहना है कि इन दिनों देश में कोरोना जैसी घातक महामारी फैलने के बावजूद इन्हें सरकार द्वारा कोई सहायता न मिलने के कारण ये लोग भूखे मर रहे हैं. महिला का कहना है कि हमने इस बारे में करीब 15 दिन पहले नगर पालिका एवं एसडीएम कार्यालय में भी सूचना दी लेकिन आज तक हमें किसी भी तरह की कोई सहायता नहीं मिली है. एवं मेरे पति का वीजा भी रिन्यू नहीं होने के चलते वह लौट नहीं पा रहे हैं.

Last Updated : May 12, 2020, 3:11 PM IST
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