ग्वालियर। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पिछले दिनों सीएम शिवराज सिंह ने सिविल डिस्पेंसरी के फीवर क्लीनिकों को रविवार के दिन भी खोलने के आदेश दिये थे, ताकि मरीजों को छुट्टी के दिन भी इलाज मिल सके, लेकिन फीवर क्लीनिक बंद रहे, जिससे क्लीनिक पर पहुंचे मरीजों को निराश होकर वापस घर लौटना पड़ा. ग्वालियर में तीनों सिविल डिस्पेंसरी में फीवर क्लीनिक बंद रहे.
यही स्थिति, शहर में संचालित अन्य फीवर क्लीनिक की भी रही, एनएचएम की संचालक छवि भारद्वाज ने सोमवार के स्थान पर रविवार को संजीवनी क्लीनिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंद रखने के आदेश जारी किए थे. इसमें फीवर क्लीनिक का कहीं उल्लेख नहीं था. इस मामले में जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि, एक दिन छुट्टी का रहता है, जबकि पिछले दिनों सीएम ने स्वास्थ्य विभाग की बैठक में कहा था, कि फीवर क्लीनिक को लगातार जारी रखा जाए, ताकि जयारोग्य अस्पताल, जिला अस्पताल पर अनावश्यक बोझ न पड़े और मरीजों को सिविल डिस्पेंसरी से शुरूआती इलाज मिलने से लाभ मिले, इसके बाद भी सभी फीवर क्लीनिकों पर रविवार को ताले लटके मिले, इस कारण सिविल डिस्पेंसरी जनकगंज में संदिग्धों के सैंपल भी नहीं लिए जा सके.
दरअसल ग्वालियर में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, रविवार को 110 से ज्यादा कोरोना के मरीज मिले हैं. यहां तक की, भोपाल- इंदौर के बाद ग्वालियर प्रदेश का सबसे बड़ा कोरोना संक्रमण शहर बन गया है.