ETV Bharat / state

डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान पेट में छोड़ा कॉटन, उपभोक्ता फोरम ने लगाया पांच लाख का जुर्माना

मुरार के मानसरोवर केयर मल्टी स्पेशलिटी एंड रिसर्च सेंटर (Mansarovar Care Multi Specialty And Research Center) के डॉक्टर ने इलाज के दौरान महिला के पेट में सर्जिकल गॉर्ज (Cotton) छोड़ दिया. पीड़ित ने इसकी शिकायत उपभोक्ता फोरम (Consumer Forum) में की. फोरम ने रिसर्च सेंटर पर 4 लाख 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

doctor left cotton in stomach during operation
डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान पेट में छोड़ा कॉटन
author img

By

Published : Sep 16, 2021, 8:18 PM IST

ग्वालियर। शहर के उपनगर मुरार स्थित मानसरोवर केयर मल्टी स्पेशलिटी एंड रिसर्च सेंटर (Mansarovar Care Multi Specialty And Research Center) के एक डॉक्टर ने मरीज का इलाज करते हुए कॉटन पेट (Cotton in Patient's Stomach) में ही छोड़ दिया था. महिला ने डॉक्टर की शिकायत उपभोक्ता फोरम (Consumer Forum) में की. फोरम ने मानसरोवर केयर मल्टीस्पेशलिटी एंड रिसर्च सेंटर पर पौने पांच लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. यह हर्जाना उपभोक्ता फोरम ने पीड़ित महिला को चुकाने के आदेश दिए हैं.

consumer forum fined
उपभोक्ता फोरम ने लगाया जुर्माना

दरअसल भिंड निवासी ममता शर्मा को अत्यधिक ब्लडिंग की शिकायत थी. इसका इलाज करवाने के लिए ममता ने 19 अगस्त 2017 को मानसरोवर अस्पताल के डॉ. विशाल यादव से इलाज करवाया. डॉक्टर के कहने पर ममता शर्मा की बच्चेदानी का ऑपरेशन करवा लिया, लेकिन ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने सर्जिकल गॉर्ज महिला रोगी के पेट में ही छोड़ दिया गया और टांके लगा दिए गए. जिसके बाद महिला का स्वास्थ और खराब हो गया.

MP के सरकारी अस्पताल में पहली बार किडनी ट्रांसप्लांट, मिलीए ऑपरेशन को सफल बनाने वाले असली 'हीरोज' से

स्वास्थ्य खराब होने पर दूसरे अस्पताल किया रेफर

ऑपरेशन के बाद महिला का स्वास्थ्य खराब हुआ तो उसे कल्याण मेमोरियल हॉस्पिटल (Kalyan Memorial Hospital) में रेफर कर दिया गया. 10 दिन तक ममता का वहां इलाज चला. कल्याण हॉस्पिटल से छुट्टी होने के बाद भी ममता के पेट में दर्द की शिकायत बनी रही. सात आठ महीने बाद ममता के पेट की आंते गल गई. जिससे उसे उल्टी और पेट में तेज दर्द होने लगा. इसके लिए ममता को अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य चिकित्सालय (Jayarogya Hospital) में भर्ती कराया गया. जहां 26 अप्रैल 2018 को सर्जरी कर उसके पेट में छोड़े गए सर्जिकल गोर्ज को निकाला गया.

सहारा समूह को झटकाः उपभोक्ता फोरम ने खाते सीज करने के दिए आदेश

महिला को अस्पताल देगा 4 लाख 70 हजार रुपए

चिकित्सीय लापरवाही के कारण महिला को आर्थिक और मानसिक कष्ट उठाना पड़ा. इसके बाद महिला के परिजनों ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई. जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायतकर्ता को इलाज में हुई लापरवाही के कारण होने वाला खर्च और दूसरे ऑपरेशन के लिए डेढ़ लाख क्षतिपूर्ति के रूप में देने के आदेश दिए. इसके अलावा शारीरिक और मानसिक रूप से उठाए गए कष्ट के लिए तीन लाख रुपए 15 दिन के भीतर महिला को अदा करने के निर्देश मानसरोवर हॉस्पिटल को दिए. 15 दिन में क्षतिपूर्ति राशि अदा नहीं करने पर 7% वार्षिक ब्याज भी अदा करने का आदेश दिया गया है.

ग्वालियर। शहर के उपनगर मुरार स्थित मानसरोवर केयर मल्टी स्पेशलिटी एंड रिसर्च सेंटर (Mansarovar Care Multi Specialty And Research Center) के एक डॉक्टर ने मरीज का इलाज करते हुए कॉटन पेट (Cotton in Patient's Stomach) में ही छोड़ दिया था. महिला ने डॉक्टर की शिकायत उपभोक्ता फोरम (Consumer Forum) में की. फोरम ने मानसरोवर केयर मल्टीस्पेशलिटी एंड रिसर्च सेंटर पर पौने पांच लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. यह हर्जाना उपभोक्ता फोरम ने पीड़ित महिला को चुकाने के आदेश दिए हैं.

consumer forum fined
उपभोक्ता फोरम ने लगाया जुर्माना

दरअसल भिंड निवासी ममता शर्मा को अत्यधिक ब्लडिंग की शिकायत थी. इसका इलाज करवाने के लिए ममता ने 19 अगस्त 2017 को मानसरोवर अस्पताल के डॉ. विशाल यादव से इलाज करवाया. डॉक्टर के कहने पर ममता शर्मा की बच्चेदानी का ऑपरेशन करवा लिया, लेकिन ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने सर्जिकल गॉर्ज महिला रोगी के पेट में ही छोड़ दिया गया और टांके लगा दिए गए. जिसके बाद महिला का स्वास्थ और खराब हो गया.

MP के सरकारी अस्पताल में पहली बार किडनी ट्रांसप्लांट, मिलीए ऑपरेशन को सफल बनाने वाले असली 'हीरोज' से

स्वास्थ्य खराब होने पर दूसरे अस्पताल किया रेफर

ऑपरेशन के बाद महिला का स्वास्थ्य खराब हुआ तो उसे कल्याण मेमोरियल हॉस्पिटल (Kalyan Memorial Hospital) में रेफर कर दिया गया. 10 दिन तक ममता का वहां इलाज चला. कल्याण हॉस्पिटल से छुट्टी होने के बाद भी ममता के पेट में दर्द की शिकायत बनी रही. सात आठ महीने बाद ममता के पेट की आंते गल गई. जिससे उसे उल्टी और पेट में तेज दर्द होने लगा. इसके लिए ममता को अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य चिकित्सालय (Jayarogya Hospital) में भर्ती कराया गया. जहां 26 अप्रैल 2018 को सर्जरी कर उसके पेट में छोड़े गए सर्जिकल गोर्ज को निकाला गया.

सहारा समूह को झटकाः उपभोक्ता फोरम ने खाते सीज करने के दिए आदेश

महिला को अस्पताल देगा 4 लाख 70 हजार रुपए

चिकित्सीय लापरवाही के कारण महिला को आर्थिक और मानसिक कष्ट उठाना पड़ा. इसके बाद महिला के परिजनों ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई. जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायतकर्ता को इलाज में हुई लापरवाही के कारण होने वाला खर्च और दूसरे ऑपरेशन के लिए डेढ़ लाख क्षतिपूर्ति के रूप में देने के आदेश दिए. इसके अलावा शारीरिक और मानसिक रूप से उठाए गए कष्ट के लिए तीन लाख रुपए 15 दिन के भीतर महिला को अदा करने के निर्देश मानसरोवर हॉस्पिटल को दिए. 15 दिन में क्षतिपूर्ति राशि अदा नहीं करने पर 7% वार्षिक ब्याज भी अदा करने का आदेश दिया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.