ग्वालियर। रेमडेसिविर इंजेक्शन के बाद अब ब्लैक फंगस में काम आने वाले 2 इंजेक्शन के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. एम्फोनेक्स और अक्टेमरा नाम के यह दो इंजेक्शन बाजार से गायब हैं. रेमडेसिविर इंजेक्शन की तरह ही प्रशासन ने इसका वितरण अपने हाथों में ले लिया है. ऐसे में लोगों को आसानी से यह इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं और ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में समस्या आ रही है.
ब्लैक फंगस के लिए इंजेक्शन कारगर
खास बात यह है कि यह ड्रग विदेशी है, और इसके विकल्प फिलहाल बाजार में नहीं हैं. यह दोनों ही कंपनियां जर्मनी से इंजेक्शन का आयात करती हैं फिर उसे असेंबलिंग करके भारतीय बाजार में लोगों को उपलब्ध कराती है. पहले इन इंजेक्शन की मांग नहीं थी और हजार इंजेक्शन लगभग पूरे प्रदेश में वितरित किए जाते थे. लेकिन मौजूदा दौर में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच अचानक इस एंटीबायोटिक ड्रग की डिमांड बढी गई है. बाजार में ड्रग और उसके सब्स्टिट्यूट भी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में मरीजों को दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जल्द डिमांड होगी पूरी !
फिलहाल स्थिति यह है कि प्रशासन ने सभी मेडिकल एजेंसियों और कंपनियों से अपनी ओर से डिमांड भेजी है. और यह इंजेक्शन लोगों को उपलब्ध कराने को कहा है. जिला प्रशासन ने दो अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है. ड्रग इंस्पेक्टर यह पूरी वितरण व्यवस्था देखेंगे, जो पूर्व में रेमडेसिविर इंजेक्शन की वितरण व्यवस्था देखते थे. ड्रग इंस्पेक्टर का मानना है कि कंपनियों को डिमांड भेजी गई है और पत्राचार भी किया गया है. अगले कुछ ही दिनों में यह ड्रग प्रशासन को उपलब्ध हो जाएगी. उसके बाद ही यह वितरण व्यवस्था सुचारू हो पाएगी. वहीं मेडिकल स्टोर संचालक का कहना है कि यह दोनों इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हैं, जैसे ही यह आएंगे प्रशासन ने इसकी व्यवस्था खुद अपने हाथों में ले रखी है, वहीं से लोगों को यह इंजेक्शन मिल सकेंगे.