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मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है कोरोना का खौफ

कोरोना कर्फ्यू की वजह से घरों में बंद लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक खबरों का असर सामने आ रहा है. मनोचिकित्सक डॉक्टर संजय सक्सेना का कहना है कि नकारात्मकता से लोगों में तनाव बढ़ रहा है.

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Published : May 9, 2021, 4:34 PM IST

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मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है कोरोना का खौफ

ग्वालियर। पूरे देश भर में कोरोना महामारी ने हाहाकार मचा दिया है. वायरस से बचने के लिए लोग अपने घरों में कैद है. लेकिन नकारात्मक खबरें लोगों की परेशानी का कारण बनी हुई है. घर में रहने के बावजूद वायरस का डर लोगों के दिमाग में इतना बढ़ गया है कि कई बार स्वस्थ्य व्यक्ति अपने आपको अस्वस्थ्य समझने लगता है. कई मनोचिकित्सकों का कहना है कि नकारात्मकता का असर सीधे व्यक्ति के दिमाग पर पड़ता है और ज्यादा सोच-सोच के व्यक्ति कई बार खुद में ही अस्वस्थ्य महसूस करने लगता है.

मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है कोरोना का खौफ

नकारात्मकता हो रही हावी

भागती दौड़ती जिंदगी में अचानक लगे इस ब्रेक और कोरोना वायरस के डर से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पढ़ रहा है. चिंता डर, अकेलापन और अनिश्चितता का माहौल बन गया है. इससे लोग दिन-रात जूझ रहे है. घरों के अंदर कैद लोगों को कोरोना का डर सता रहा है दिन-रात कोरोना के बारे में सोचने से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. लोगों को हर टाइम डर लगा रहता है कि अगर उनके परिवार का कोई सदस्य इसकी चपेट में आ गया तो वो क्या करेंगे. लगातार स्ट्रेस में रहने से कई लोग सिर दर्द समेत छोटी-मोटी स्वास्थ्य परेशानियों से जूझ रहे हैं.

गांव-गांव कोरोना का कहर: तीन गुना तेजी से गांवों में फैल रहा संक्रमण

मानोरोगियों में बढ़ रहा तनाव

मानसिक समस्या का सामना कर रहे लोगों के लिए लॉकडाउन लगने से परेशानी बढ़ गई है. तनाव, निराशा और हताशा वाले मरीजों के स्वास्थ्य पर घर में अकेले रहने से काफी असर पड़ रहा है. डर के माहौल में मानसिक रोगियों में तनाव की समस्या आ रही है. कई मनोचिकित्सकों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में उनके मरीजों में इस तरह की समस्याएं बढ़ गई है. मनोचिकित्सक मानसिक रोगियों के परिवार वालों को उन्हें नकारात्मकता से दूर रखने की सलाह दे रहे हैं.

अगर व्यक्ति हमेशा किसी विषय को लेकर दिनभर नकारात्मक सोचेगा तो उसका पूरा शरीर और मस्तिष्क नकारात्मक हो जायेगा. हमारे शरीर में पॉजिटिव हार्मोन से कोशिकाएं उत्पन्न होती है और एक स्वस्थ व्यक्ति में इन कोशिकाओं का होना बहुत ही आवश्यक है. यह सब लोगों को पॉजिटिव सोच रखने के कारण आती है. जब हमारे दिमाग में नकारात्मक बातें पैदा होती है तो इसका असर सबसे ज्यादा हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ता है और यही वजह है कि व्यक्ति जल्दी बीमार पड़ जाता है. मेरा मानना है कि लोगों को हमेशा सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। उसके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे.

डॉक्टर संजय सक्सेना, मनोचिकित्सक, ग्वालियर

ग्वालियर। पूरे देश भर में कोरोना महामारी ने हाहाकार मचा दिया है. वायरस से बचने के लिए लोग अपने घरों में कैद है. लेकिन नकारात्मक खबरें लोगों की परेशानी का कारण बनी हुई है. घर में रहने के बावजूद वायरस का डर लोगों के दिमाग में इतना बढ़ गया है कि कई बार स्वस्थ्य व्यक्ति अपने आपको अस्वस्थ्य समझने लगता है. कई मनोचिकित्सकों का कहना है कि नकारात्मकता का असर सीधे व्यक्ति के दिमाग पर पड़ता है और ज्यादा सोच-सोच के व्यक्ति कई बार खुद में ही अस्वस्थ्य महसूस करने लगता है.

मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है कोरोना का खौफ

नकारात्मकता हो रही हावी

भागती दौड़ती जिंदगी में अचानक लगे इस ब्रेक और कोरोना वायरस के डर से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पढ़ रहा है. चिंता डर, अकेलापन और अनिश्चितता का माहौल बन गया है. इससे लोग दिन-रात जूझ रहे है. घरों के अंदर कैद लोगों को कोरोना का डर सता रहा है दिन-रात कोरोना के बारे में सोचने से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. लोगों को हर टाइम डर लगा रहता है कि अगर उनके परिवार का कोई सदस्य इसकी चपेट में आ गया तो वो क्या करेंगे. लगातार स्ट्रेस में रहने से कई लोग सिर दर्द समेत छोटी-मोटी स्वास्थ्य परेशानियों से जूझ रहे हैं.

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मानोरोगियों में बढ़ रहा तनाव

मानसिक समस्या का सामना कर रहे लोगों के लिए लॉकडाउन लगने से परेशानी बढ़ गई है. तनाव, निराशा और हताशा वाले मरीजों के स्वास्थ्य पर घर में अकेले रहने से काफी असर पड़ रहा है. डर के माहौल में मानसिक रोगियों में तनाव की समस्या आ रही है. कई मनोचिकित्सकों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में उनके मरीजों में इस तरह की समस्याएं बढ़ गई है. मनोचिकित्सक मानसिक रोगियों के परिवार वालों को उन्हें नकारात्मकता से दूर रखने की सलाह दे रहे हैं.

अगर व्यक्ति हमेशा किसी विषय को लेकर दिनभर नकारात्मक सोचेगा तो उसका पूरा शरीर और मस्तिष्क नकारात्मक हो जायेगा. हमारे शरीर में पॉजिटिव हार्मोन से कोशिकाएं उत्पन्न होती है और एक स्वस्थ व्यक्ति में इन कोशिकाओं का होना बहुत ही आवश्यक है. यह सब लोगों को पॉजिटिव सोच रखने के कारण आती है. जब हमारे दिमाग में नकारात्मक बातें पैदा होती है तो इसका असर सबसे ज्यादा हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ता है और यही वजह है कि व्यक्ति जल्दी बीमार पड़ जाता है. मेरा मानना है कि लोगों को हमेशा सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। उसके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे.

डॉक्टर संजय सक्सेना, मनोचिकित्सक, ग्वालियर

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