ग्वालियर। भले ही रेलवे प्रशासन ने कोरोना संक्रमण की चैन तोड़ने और कम यात्रियों के सफर करने को लेकर अपनी कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है या कई ट्रेनों के फेरे कम किए हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण ट्रेनों के रास्ते आ रहा है. महाराष्ट्र से आने वाली ट्रेनों से ज्यादा संक्रमण शहर में पहुंच रहा है. स्टेशन पर करवाई जा रही रैपिड कोरोना टेस्ट में रोजाना 12 से ज्यादा लोगों का तापमान सामान्य से ज्यादा है.
- महाराष्ट्र से आने वाले ज्यादा संक्रमित
दरअसल कोरोना का असर सबसे ज्यादा महाराष्ट्र राज्य में है. वहां ग्वालियर चंबल अंचल के कई लोग मजदूरी से लेकर आईटी प्रोफेशनल और दूसरी नौकरियों करते है. जो ट्रेन चल रही है उनमें लोग अपने घरों को एक बार फिर से वापस लौट रहे हैं, लेकिन रेलवे स्टेशन पर कराई जा रही एंटी रैपिड टेस्ट में महाराष्ट्र से आने वाले लोग ज्यादा संक्रमित निकल रहे हैं. रोजाना 10 से 12 यात्री अपने शरीर के साधारण तापमान से अधिक पाए जा रहे हैं. कई यात्रियों के शरीर के तापमान के अधिक पाए जाने पर उन्हें ग्वालियर व्यापार मेले के फैसिलिटेशन सेंटर में आइसोलेट किया जा रहा है.
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- हर वक्त तैनात होता है इंसीडेंट कमांडर
इंसीडेंट कमांडर ट्रेनों से उतरने वाले खासकर महाराष्ट्र से आए यात्रियों को एंटी रैपिड टेस्ट को विशेष रुप से करते हैं. इस टेस्ट में करीब 15 मिनट का समय संबंधित यात्री की रिपोर्ट आने में लगता है. तब तक यात्रियों को रेलवे के प्रतीक्षालय में ही रोका जाता है. यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसे सीधे व्यापार मेले के फैसिलिटेशन सेंटर में आइसोलेट होने के लिए भेज दिया जाता है. यदि रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो उसे अपने परिजनों के साथ जाने की अनुमति दी जाती है. स्टेशन पर विशेष रूप से इंसीडेंट कमांडर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के लोग हमेशा तैनात रहते हैं. वो यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग के साथ ही प्रारंभिक तौर पर रैपिड एंटीजनटेस्ट भी करते हैं.