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कर्ज से परेशान होकर भाग गए! बैंक ट्रांजेक्शन की वजह से लापता सैनिक मिला - MISSING MALAYALI SOLDIER FOUND

घर जाते समय लापता हुए मलयाली सैनिक विष्णु को ढूंढ लिया गया. एलाथुर पुलिस ने 31 दिसंबर को बेंगलुरु में विष्णु को ढूंढ निकाला.

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विष्णु (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 1, 2025, 5:01 PM IST

कोझिकोड: केरल में घर जाते समय लापता हुए आर्मी के जवान आखिरकार मिल ही गया. पुणे आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट से घर लौटने के बाद पिछले महीने की 17 तारीख को विष्णु लापता हो गया था. कोझिकोड के एरानजिक्कल के मूल निवासी सुरेश के बेटे विष्णु के लापता होने की रिपोर्ट उसके रिश्तेदारों ने दर्ज कराई थी.

सैनिकों के नेतृत्व में विष्णु की तलाश भी तेजी लाई गई थी. एलाथुर के सब-इंस्पेक्टर जियाद मोहम्मद के नेतृत्व में चार सदस्यीय पुलिस दल द्वारा जांच के बाद विष्णु को ढूंढ निकाला गया.

पुलिस को दिए गए बयान में विष्णु ने कहा कि, वह आर्थिक तंगी के कारण घर से निकला था. विष्णु के कुछ दोस्तों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस बेंगलुरु पहुंची. 22 दिसंबर को एलाथुर के एसआई जियाद मोहम्मद, एससीपीओ अतुल कुमार और सीपीओ वैसाख विष्णु की तलाश में पुणे जाने वाली ट्रेन में सवार हुए. उन्होंने पुणे में चार दिन तक विष्णु की तलाश की. वे तीन दिन मुंबई में रहे. पुलिस टीम ने टैक्सी बुलाकर और पैदल विष्णु की तलाश की थी. एसआई जियाद मोहम्मद ने ईटीवी भारत को बताया कि, उनके पास विष्णु को खोजने के लिए सिर्फ सीसीटीवी का सहारा था.

एसआई ने कहा, "हमने काफी समय पैदल चलकर बिताया और इस दौरान पुलिस ने रास्ते में लगे 450 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की जांच की. सुराग मिलने के बाद हमें पता चला कि विष्णु के साथ कुछ नहीं हुआ है. पुलिस ने कहा कि फिलहाल कोई दिक्कत नहीं है. विष्णु के पिता और मां एलाथुर स्टेशन पहुंचने पर उसे लेने आए थे. औपचारिकताएं पूरी करने के बाद विष्णु घर जा सकता है. विष्णु की शादी 11 जनवरी को है इसलिए एसआई और उनकी टीम ने सैनिक को सुखी वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दीं.

लापता सैनिक विष्णु को खोजने में बैंक ट्रांजेक्शन अहम रहा. वेतन मिलने के बाद विष्णु ने बेंगलुरु के मैजेस्टिक रेलवे स्टेशन के पास एटीएम से 25 हजार रुपए निकाले थे. 31 दिसंबर को वेतन मिलने की बात समझकर पुलिस ने बैंक ट्रांजेक्शन पर नजर रखी. पैसे निकलने के बाद पुलिस बेंगलुरु पहुंची और एटीएम के आसपास के रिहायशी इलाकों में छापेमारी की. सीसीटीवी की जांच के बाद विष्णु रेलवे स्टेशन के पास मिला. खबर के मुताबिक, मैसूर में रहने वाले विष्णु दो दिन पहले बेंगलुरु गए थे. 9 साल से सेना में कार्यरत विष्णु डेढ़ साल की ट्रेनिंग के लिए असम से पुणे आए हुए थे.

खबर के मुताबिक, छुट्टी पर घर लौटा विष्णु मानसिक रूप से परेशान था. 16 दिसंबर को विष्णु ने अपनी मां को फोन करके बताया था कि वह छुट्टी पर घर आ रहा है. 17 दिसंबर को उसने व्हाट्सएप पर मैसेज किया कि वह कन्नूर पहुंच गया है. रात होने के बाद भी जब वह घर नहीं पहुंचा और फोन पर भी संपर्क नहीं हो सका तो परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के बाद जांच के दौरान जब विष्णु के मोबाइल फोन की डिटेल्स जुटाई गई तो जांच टीम को पता चला कि विष्णु, जिसने अपनी मां को फोन करके कहा था कि वह कन्नूर पहुंच गया है. उसका आखिरी टावर लोकेशन कन्नूर नहीं था.

पता चला कि, विष्णु का आखिरी टावर लोकेशन पुणे के लोनावाला में था. इसके साथ ही जांच टीम पुणे लौट आई. बाद में वे बेंगलुरु पहुंचे. विष्णु का मोबाइल बंद होने के कारण जांच सीसीटीवी कैमरों पर केंद्रित हो गई. विष्णु ने पुलिस को बताया कि उसने महाराष्ट्र से अपनी मां को वॉयस मैसेज भेजा था. वह केरल नहीं आया था. पुणे से निकलने के बाद उसने मैसूर में एक कमरा लिया. वह अपने गृहनगर में कर्ज से परेशान था और वह अपनी सैलरी से कर्ज भी चुका रहा था.

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी ने किसानों को नए साल पर दिया बड़ा तोहफा , DAP पर सब्सिडी रहेगी जारी

कोझिकोड: केरल में घर जाते समय लापता हुए आर्मी के जवान आखिरकार मिल ही गया. पुणे आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट से घर लौटने के बाद पिछले महीने की 17 तारीख को विष्णु लापता हो गया था. कोझिकोड के एरानजिक्कल के मूल निवासी सुरेश के बेटे विष्णु के लापता होने की रिपोर्ट उसके रिश्तेदारों ने दर्ज कराई थी.

सैनिकों के नेतृत्व में विष्णु की तलाश भी तेजी लाई गई थी. एलाथुर के सब-इंस्पेक्टर जियाद मोहम्मद के नेतृत्व में चार सदस्यीय पुलिस दल द्वारा जांच के बाद विष्णु को ढूंढ निकाला गया.

पुलिस को दिए गए बयान में विष्णु ने कहा कि, वह आर्थिक तंगी के कारण घर से निकला था. विष्णु के कुछ दोस्तों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस बेंगलुरु पहुंची. 22 दिसंबर को एलाथुर के एसआई जियाद मोहम्मद, एससीपीओ अतुल कुमार और सीपीओ वैसाख विष्णु की तलाश में पुणे जाने वाली ट्रेन में सवार हुए. उन्होंने पुणे में चार दिन तक विष्णु की तलाश की. वे तीन दिन मुंबई में रहे. पुलिस टीम ने टैक्सी बुलाकर और पैदल विष्णु की तलाश की थी. एसआई जियाद मोहम्मद ने ईटीवी भारत को बताया कि, उनके पास विष्णु को खोजने के लिए सिर्फ सीसीटीवी का सहारा था.

एसआई ने कहा, "हमने काफी समय पैदल चलकर बिताया और इस दौरान पुलिस ने रास्ते में लगे 450 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की जांच की. सुराग मिलने के बाद हमें पता चला कि विष्णु के साथ कुछ नहीं हुआ है. पुलिस ने कहा कि फिलहाल कोई दिक्कत नहीं है. विष्णु के पिता और मां एलाथुर स्टेशन पहुंचने पर उसे लेने आए थे. औपचारिकताएं पूरी करने के बाद विष्णु घर जा सकता है. विष्णु की शादी 11 जनवरी को है इसलिए एसआई और उनकी टीम ने सैनिक को सुखी वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दीं.

लापता सैनिक विष्णु को खोजने में बैंक ट्रांजेक्शन अहम रहा. वेतन मिलने के बाद विष्णु ने बेंगलुरु के मैजेस्टिक रेलवे स्टेशन के पास एटीएम से 25 हजार रुपए निकाले थे. 31 दिसंबर को वेतन मिलने की बात समझकर पुलिस ने बैंक ट्रांजेक्शन पर नजर रखी. पैसे निकलने के बाद पुलिस बेंगलुरु पहुंची और एटीएम के आसपास के रिहायशी इलाकों में छापेमारी की. सीसीटीवी की जांच के बाद विष्णु रेलवे स्टेशन के पास मिला. खबर के मुताबिक, मैसूर में रहने वाले विष्णु दो दिन पहले बेंगलुरु गए थे. 9 साल से सेना में कार्यरत विष्णु डेढ़ साल की ट्रेनिंग के लिए असम से पुणे आए हुए थे.

खबर के मुताबिक, छुट्टी पर घर लौटा विष्णु मानसिक रूप से परेशान था. 16 दिसंबर को विष्णु ने अपनी मां को फोन करके बताया था कि वह छुट्टी पर घर आ रहा है. 17 दिसंबर को उसने व्हाट्सएप पर मैसेज किया कि वह कन्नूर पहुंच गया है. रात होने के बाद भी जब वह घर नहीं पहुंचा और फोन पर भी संपर्क नहीं हो सका तो परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के बाद जांच के दौरान जब विष्णु के मोबाइल फोन की डिटेल्स जुटाई गई तो जांच टीम को पता चला कि विष्णु, जिसने अपनी मां को फोन करके कहा था कि वह कन्नूर पहुंच गया है. उसका आखिरी टावर लोकेशन कन्नूर नहीं था.

पता चला कि, विष्णु का आखिरी टावर लोकेशन पुणे के लोनावाला में था. इसके साथ ही जांच टीम पुणे लौट आई. बाद में वे बेंगलुरु पहुंचे. विष्णु का मोबाइल बंद होने के कारण जांच सीसीटीवी कैमरों पर केंद्रित हो गई. विष्णु ने पुलिस को बताया कि उसने महाराष्ट्र से अपनी मां को वॉयस मैसेज भेजा था. वह केरल नहीं आया था. पुणे से निकलने के बाद उसने मैसूर में एक कमरा लिया. वह अपने गृहनगर में कर्ज से परेशान था और वह अपनी सैलरी से कर्ज भी चुका रहा था.

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